जयपुर. आजादी के समय से ही जैन समाज को अल्पसंख्यक होने का दर्जा दिया गया, लेकिन न तो अल्पसंख्यकों के लिए लाई गई योजनाओं का लाभ मिला और न ही अल्पसंख्यक आयोग में किसी तरह का प्रतिनिधित्व मिला. ऐसे में दिगम्बर जैन महासमिति के अध्यक्ष डॉ. निर्मल जैन ने कहा कि जैन समाज देश की आबादी के कुल प्रतिशत में इकाई के अंक में है, जो सरकारों की ओर से बताए गए कथित अल्पसंख्यक से भी कम है.
सरकारों की नीतियां ऐसी रहीं कि अल्पसंख्यक आयोग तो बनाए गए, लेकिन कभी किसी जैन बंधु को अल्पसंख्यक आयोग में किसी भी प्रकार का प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया. जिसके कारण जो जैन बंधु आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं. उन्हें किसी तरह की योजना का भी लाभ नहीं मिला. अल्पसंख्यकों के विद्यालयों में दिए जाने वाला अनुदान भी कभी भी जैन समाज के विद्यालयों में नहीं दिया गया. डॉ. निर्मल जैन ने कहा कि ये स्थिति जैन समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. आज की तारीख में जैन समाज नाम के लिए अल्पसंख्यक है.
उन्होंने दावा किया कि अकेले जयपुर में 81 हजार से ज्यादा दिगंबर जैन समुदाय के वोटर हैं और पूरे प्रदेश में 6.22 लाख दिगंबर जैन वोटर हैं, जिन्होंने भाजपा की सरकार बनाने के लिए सभी प्रकार से एक मुश्त वोट दिए. प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी.
ऐसे में उन्होंने जैन समाज की तरफ से राजस्थान सरकार के साथ ही देश में बन रही नई केंद्र सरकार से भी मांग की है कि जो भी सुविधा एक अल्पसंख्यक समाज को दी जा रही है, वो जैन समाज को भी दी जाए. साथ ही अल्पसंख्यक आयोग और अन्य अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए बनाई गई सरकारी संस्थानों में जैन समाज का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार में जैन समाज का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित नहीं किया जाता तो भविष्य में संपूर्ण जैन समाज मौन आंदोलन करेगा.