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अब दवाओं का पैकिंग मैटेरियल भी होगा Eco Friendly और बायोडिग्रेडेबल - Eco Friendly

Medicine Packing Material, अब दवाओं का पैकिंग मैटेरियल भी ईको फ्रेंडली और बायोडिग्रेडेबल होगा. राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपारेशन की नवनियुक्त प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने विभागीय अधिकारियों के साथ पहली मीटिंग करते हुए ये निर्देश दिए.

Rajasthan Health Department
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 7, 2024, 6:52 AM IST

Updated : Feb 7, 2024, 10:11 AM IST

जयपुर. दवाओं का पैकिंग मैटेरियल भी ईको फ्रेंडली और बायोडिग्रेडेबल होगा. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और जांच योजना पर चर्चा करते हुए प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने कहा कि ये आमजन के स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण योजना है. इसे ध्यान में रखते हुए संबंधित अधिकारी और कर्मचारी दवाओं की खरीद, आपूर्ति और गुणवत्ता नियंत्रण के कार्य को पूरी संवेदनशीलता के साथ करें. साथ ही दवाओं की गुणवत्ता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.

दवाओं की गुणवत्ता जांच में मानकों पर सही पाए जाने पर ही आपूर्ति करने के निर्देश दिए. गिरी ने निर्देश दिए कि विभिन्न रेगुलेटरी प्राधिकारियों की ओर से प्रतिबंधित दवाओं, डिबार आपूर्तिकर्ता और कम्पनियों की जानकारी रखते हुए प्रोक्योरमेंट की कार्रवाई की जाए, साथ ही निर्देशित किया कि दवाओं का पैकिंग मैटेरियल ईको फ्रेंडली और बायोडिग्रेडेबल हो.

पढ़ें : दबे पांव बढ़ रहा कोरोना, प्रदेश में 50 पार पहुंचे एक्टिव केस

नेहा गिरि ने अधिकारियों को कहा कि आरएमएससी के जरिए चिकित्सा संस्थानों को आपूर्ति किए गए उपकरणों का नियमित फीडबैक लें. उपकरणों को लेकर कोई भी शिकायत मिले तो उस पर आवश्यक कार्रवाई करें. साथ ही उपकरणों के उपयोग के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करें. आरएमएससी डायरेक्ट ने कार्यों में तेजी लाने और पारदर्शिता के लिए तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की बात कही, साथ ही ई-फाइलिंग सिस्टम से कार्य करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले पत्रों, सम्पर्क पोर्टल पर मिली शिकायतों और उच्च स्तर से मिले दिशा-निर्देशों पर त्वरित कार्रवाई की जाए. गिरि ने कार्यालय में फाइलों और डॉक्यूमेंट्स का उचित संधारण करने के साथ ही साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखने और जयपुर, अजमेर, कोटा के मेडिकल कॉलेज ड्रग वेयर हाउस कों लेकर भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

जयपुर. दवाओं का पैकिंग मैटेरियल भी ईको फ्रेंडली और बायोडिग्रेडेबल होगा. मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और जांच योजना पर चर्चा करते हुए प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने कहा कि ये आमजन के स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण योजना है. इसे ध्यान में रखते हुए संबंधित अधिकारी और कर्मचारी दवाओं की खरीद, आपूर्ति और गुणवत्ता नियंत्रण के कार्य को पूरी संवेदनशीलता के साथ करें. साथ ही दवाओं की गुणवत्ता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.

दवाओं की गुणवत्ता जांच में मानकों पर सही पाए जाने पर ही आपूर्ति करने के निर्देश दिए. गिरी ने निर्देश दिए कि विभिन्न रेगुलेटरी प्राधिकारियों की ओर से प्रतिबंधित दवाओं, डिबार आपूर्तिकर्ता और कम्पनियों की जानकारी रखते हुए प्रोक्योरमेंट की कार्रवाई की जाए, साथ ही निर्देशित किया कि दवाओं का पैकिंग मैटेरियल ईको फ्रेंडली और बायोडिग्रेडेबल हो.

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नेहा गिरि ने अधिकारियों को कहा कि आरएमएससी के जरिए चिकित्सा संस्थानों को आपूर्ति किए गए उपकरणों का नियमित फीडबैक लें. उपकरणों को लेकर कोई भी शिकायत मिले तो उस पर आवश्यक कार्रवाई करें. साथ ही उपकरणों के उपयोग के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करें. आरएमएससी डायरेक्ट ने कार्यों में तेजी लाने और पारदर्शिता के लिए तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की बात कही, साथ ही ई-फाइलिंग सिस्टम से कार्य करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले पत्रों, सम्पर्क पोर्टल पर मिली शिकायतों और उच्च स्तर से मिले दिशा-निर्देशों पर त्वरित कार्रवाई की जाए. गिरि ने कार्यालय में फाइलों और डॉक्यूमेंट्स का उचित संधारण करने के साथ ही साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखने और जयपुर, अजमेर, कोटा के मेडिकल कॉलेज ड्रग वेयर हाउस कों लेकर भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

Last Updated : Feb 7, 2024, 10:11 AM IST
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