जयपुर. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान शुरू हो चुका है. आज 13 संसदीय सीटों पर 152 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला जनता करेगी. वहीं, कुल 28 हजार 758 मतदान केंद्रों पर 2 करोड़ 80 लाख 78 हजार 399 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इसमें 26 हजार 837 सर्विस वोटर मतदान शामिल हैं. दूसरे चरण के इस चुनाव में 1 करोड़ 44 लाख 48 हजार 966 पुरुष और 1 करोड़ 36 लाख 02 हजार 272 महिला मतदाता के अलावा 324 थर्ड जेंडर मतदाता पंजीकृत हैं. आंकड़ों के अनुसार 18 से 19 साल के एज ग्रुप वाले फर्स्ट टाइम वोटर्स की संख्या 8 लाख 66 हजार 325 है. राज्य में सेकंड फेज की मतदान प्रक्रिया को 1 लाख 72 हजार से अधिक कर्मचारी पूरा कराने के लिए लगे हैं. इस दौरान 82 हजार अधिक जवान सुरक्षा की कमान संभाले हुए हैं. वहीं, 14 हजार 460 मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग के जरिए नजर रखी जा रही है. बता दें कि मतदान कार्य में कुल 34,931 बैलेट यूनिट, 34,931 कंट्रोल यूनिट और 37,329 वीवीपैट मशीनें उपयोग में ली जा रही है.
भाजपा के गढ़ पर नजर : राजस्थान में बीते दो लोकसभा चुनाव से भारतीय जनता पार्टी सभी 25 सीटों पर क्लीन स्वीप कर रही है. इन सभी सीटों में से 13 सीट ऐसी हैं, जहां दिन भर मतदान की प्रक्रिया चलेगी. आज मतदान वाली इन सीटों पर पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने चार लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी तो 5 सीट पर जीत का अंतर 2 लाख से ज्यादा था. परंपरागत रूप से इन 13 लोकसभा सीटों में चित्तौड़गढ़, राजसमंद, उदयपुर और भीलवाड़ा मेवाड़ में भाजपा का गढ़ रही है. वहीं, हाड़ौती में कोटा और झालावाड़ की सीट पर भी कमल के निशान की छाप नजर आती रही है. पश्चिमी हिस्से के पाली, जोधपुर, जालौर और अजमेर में भी भाजपा का प्रभावी असर नजर आता रहा है. ऐसे में इस बार देखना दिलचस्प होगा कि रोचक लग रही चुनाव में नतीजे किस ओर नजर आते हैं.
इस बार मुकाबला बराबरी का : दूसरे चरण के मतदान के बीच भाजपा कई जगह मजबूत नजर आ रही है तो कुछ जगहों पर कांग्रेस प्रत्याशी चुनौती देते दिख रहे हैं. इन सीटों में झालावाड़, उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, पाली और अजमेर में भाजपा प्रभावी दिख रही है. वहीं, कोटा, जोधपुर, जैसलमेर-बाड़मेर, जालौर-सिरोही, टोक-सवाई माधोपुर और बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर विपक्षी प्रत्याशी कड़ी चुनौती बनकर सामने खड़े हैं.
पहले चरण के बाद की चिंता : राजस्थान में पहले चरण की 12 सीटों पर मतदान में 2019 की तुलना में 6 फीसदी से अधिक गिरावट रही थी. वोटिंग परसेंटेज में हुई इस गिरावट ने भाजपा की रणनीति पर भी सवाल खड़े कर दिए थे. ऐसे में दूसरे फेज में मतदाता को घर से पोलिंग बूथ तक पहुंचाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं की सक्रियता बनी हुई है.