जयपुरः राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य आरसी झाला ने राज्य सरकार को कहा है कि प्रदेश में संचालित सभी आवासीय विद्यालयों में रहने वाले विद्यार्थियों के उचित खान-पान, रहवास, सुरक्षा और देखभाल के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करे. इसके साथ ही वहां रहने वाले विद्यार्थियों की प्रतिदिन कम से कम दो बार उपस्थित दर्ज की जाए. बिना सूचना अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों की सूचना उनके परिजनों व वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए.
साथ ही आयोग के सदस्य ने बीआर अंबेडकर आवासीय छात्रावास, खेड़ा आसपुर, डूंगरपुर के 11वीं कक्षा के छात्र की मौत के मामले में उसके परिजनों को एक लाख रुपए मुआवजा देने को कहा है. आयोग ने मामले में प्रधानाचार्य को दिए गए आरोप पत्र की रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है. आयोग ने कहा कि राज्य सरकार मुआवजा राशि की रिकवरी दोषी अधिकारी से कर सकती है. आयोग ने यह आदेश सुभाष शर्मा की ओर से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए.
आयोग में दायर परिवाद में बताया गया कि अप्रैल 2023 में आसपुर के आवासीय छात्रावास के तीन सौ मीटर दूरी पर स्थित कुएं में इस हॉस्टल में रहने वाले छात्र की लाश मिली थी. परिवाद में कहा गया कि 560 विद्यार्थियों की क्षमता वाले इस छात्रावास में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. सुनवाई के दौरान सामाजिक न्याय विभाग की ओर से रिपोर्ट पेश कर कहा गया कि प्रशासनिक जांच में छात्र के सीसीटीवी से बचते हुए टूटी दीवार कूदकर भागने की बात सामने आई है. इसके अलावा प्रधानाचार्य और अधीक्षक की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें मूल विभाग भेज दिया गया है. आयोग के सदस्य आरसी झाला ने कहा कि यदि हॉस्टल की दीवार टूटी हुई थी तो अधीक्षक का दायित्व था कि वह इसे ठीक कराने का प्रयास करता. उनकी ओर से न तो इसे ठीक कराया गया और ना ही अवरोधक डालकर उसे बंद किया गया.