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हाईकोर्ट ने पॉक्सो प्रकरण के आरोपी की जमानत की रद्द, सरेंडर करने के आदेश - Rajasthan Highcourt Order

भरतपुर जिले में नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म करने से जुड़े मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत रद्द करने का आदेश दिया है. साथ ही आरोपी को सरेंडर करने के ​भी निर्देश दिए गए हैं.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

Rajasthan Highcourt Order
rajasthan highcourt (Photo ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर जिले में नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म करने से जुड़े मामले में मुख्य आरोपी विश्वेन्द्र उर्फ गोलू को 18 जुलाई, 2023 को पॉक्सो कोर्ट से मिली जमानत को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी को निचली अदालत में एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने को कहा है. अदालत ने रजिस्ट्रार जनरल को भी कहा है कि वह इस आदेश की कॉपी सीजे को भिजवाएं. जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की एकलपीठ ने यह आदेश पीड़िता के पिता की ओर से मुख्य आरोपी को मिली जमानत को रद्द कराने के लिए पेश प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मुख्य आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र निस्तारित करते हुए कहा था कि उसका मामला अन्य आरोपी राहुल से अलग नहीं है, जबकि दोनों आरोपियों के कृत्य अलग-अलग रहे हैं. आरोपी विश्वेन्द्र का पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने का साक्ष्य स्पष्ट तौर पर है. ऐसे में पीठासीन अधिकारी ने खेत सिंह बनाम राजस्थान राज्य मामले में दिए गए फैसले की गलत व्याख्या कर आरोपी को अनुचित तरीके से जमानत दी है. ऐसे में आरोपी को मिली जमानत को रद्द करना उचित रहेगा.

पढ़ें: तय समय में पेश नहीं हुआ चालान, आरोपी तस्कर को मिली जमानत

मामले से जुड़े अधिवक्ता आरबी बंसल ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 30 मार्च 2023 को आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें पीड़िता ने अपने बयानों में कहा कि राहुल व अनिल ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया है और मुख्य आरोपी विश्वेन्द्र ने उसके साथ गलत काम किया था. इसके बावजूद पॉक्सो कोर्ट ने राहुल को मिली जमानत के आधार पर ही मुख्य आरोपी को भी जमानत दी है, जबकि उनका कृत्य अलग-अलग था, इसलिए मुख्य आरोपी को दी गई जमानत को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी को मिली जमानत को रद्द कर उसे एक सप्ताह में सरेंडर करने को कहा है.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर जिले में नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म करने से जुड़े मामले में मुख्य आरोपी विश्वेन्द्र उर्फ गोलू को 18 जुलाई, 2023 को पॉक्सो कोर्ट से मिली जमानत को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी को निचली अदालत में एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने को कहा है. अदालत ने रजिस्ट्रार जनरल को भी कहा है कि वह इस आदेश की कॉपी सीजे को भिजवाएं. जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की एकलपीठ ने यह आदेश पीड़िता के पिता की ओर से मुख्य आरोपी को मिली जमानत को रद्द कराने के लिए पेश प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मुख्य आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र निस्तारित करते हुए कहा था कि उसका मामला अन्य आरोपी राहुल से अलग नहीं है, जबकि दोनों आरोपियों के कृत्य अलग-अलग रहे हैं. आरोपी विश्वेन्द्र का पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने का साक्ष्य स्पष्ट तौर पर है. ऐसे में पीठासीन अधिकारी ने खेत सिंह बनाम राजस्थान राज्य मामले में दिए गए फैसले की गलत व्याख्या कर आरोपी को अनुचित तरीके से जमानत दी है. ऐसे में आरोपी को मिली जमानत को रद्द करना उचित रहेगा.

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मामले से जुड़े अधिवक्ता आरबी बंसल ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 30 मार्च 2023 को आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें पीड़िता ने अपने बयानों में कहा कि राहुल व अनिल ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया है और मुख्य आरोपी विश्वेन्द्र ने उसके साथ गलत काम किया था. इसके बावजूद पॉक्सो कोर्ट ने राहुल को मिली जमानत के आधार पर ही मुख्य आरोपी को भी जमानत दी है, जबकि उनका कृत्य अलग-अलग था, इसलिए मुख्य आरोपी को दी गई जमानत को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी को मिली जमानत को रद्द कर उसे एक सप्ताह में सरेंडर करने को कहा है.

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