जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं होने से जुडे़ मामले में मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा सचिव और नगर निगम आयुक्त सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए. खंडपीठ ने अधिवक्ता राजेश मूथा को प्रकरण में न्यायमित्र नियुक्त करते हुए उन्हें इस मामले में कोर्ट का सहयोग करने को कहा है.
अदालत की नियमित सुनवाई के दौरान अदालत के ध्यान में लाया गया कि झांसी के अस्पताल में आगजनी से कई नवजातों की मौत हुई है. वहीं, शहर के भी कई अस्पतालों में आगजनी रोकने के पर्याप्त साधन नहीं हैं. यहां तक कि कई चिकित्सालयों के पास फायर एनओसी तक भी नहीं है. अधिवक्ता राजेश मूथा की ओर से एक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार का हवाला देते हुए अदालत को बताया गया कि अस्पतालों में सुरक्षा की गंभीर स्थिति को लेकर कई हादसों के बाद भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं.
ऐसे में अदालत को मामले में दखल देकर इस संबंध में राज्य सरकार को दिशा-निर्देश देने चाहिए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है. गौरतलब है कि गत दिनों झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में नवजात शिशु वार्ड में आग लगने से दस नवजातों की मौत हो गई थी. इससे पूर्व गुजरात के राजकोट में भी एक गेम जोन में आगजनी की घटना हुई थी.