जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्थानीय निकायों में 24,797 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र की पात्रता शर्त में भर्ती प्रक्रिया के बीच में किए बदलाव को चुनौती देने के मामले में राज्य सरकार को भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की छूट दी है. हालांकि, अदालत ने भर्ती को याचिकाओं के अंतिम निर्णय के अधीन रखा है. अदालत ने राज्य सरकार को कहा कि भर्ती में याचिकाकर्ताओं के हित भी प्रभावित नहीं होने चाहिए. वहीं, अदालत ने मामले की सुनवाई 28 मई को तय की है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश उदय सिंह यादव सहित करीब ढाई दर्जन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिकाओं में अनुभव प्रमाण पत्र को लेकर 15 मार्च, 2024 की पात्रता शर्तों को चुनौती देते हुए कहा कि राज्य सरकार की स्थानीय निकायों में 1 मार्च, 2024 को निकाली सफाई कर्मचारियों की भर्ती में लाखों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. इस दौरान भर्ती प्रक्रिया के बीच में भर्ती एजेंसी ने 15 मार्च को शुद्धि पत्र जारी कर अनुभव प्रमाण पत्र की पात्रता शर्तों में बदलाव कर दिया. नई शर्तों में कहा गया कि भर्ती में वही कार्य अनुभव प्रमाण पत्र वैध माने जाएंगे, जो सार्वजनिक मार्ग या सार्वजनिक सीवरेज संबंधी कार्य के लिए नगरीय निकाय के सक्षम अधिकारी या सफाई ठेकेदार ने जारी किया हो. जबकि इससे पहले 9 जून, 2023 के आदेश में अनुभव प्रमाण पत्र में केंद्र या राज्य सरकार की अर्द्ध सरकारी संस्था, प्लेसमेंट एजेंसी व ठेकेदार के एक साल के कार्य अनुभव प्रमाण पत्र को वैध माना गया था.
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याचिका में कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान शर्तों में बदलाव नहीं हो सकता है. इसलिए 9 जून, 2023 के अनुभव प्रमाण पत्र की पात्रता शर्तों के अनुसार ही सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जानी चाहिए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने भर्ती प्रक्रिया जारी रखने के आदेश देते हुए इसे याचिका के निर्णय के अधीन रखा है.