जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने कोविड के समय संविदा पर दो साल से भी कम काम करने वाले कोविड हैल्थ वर्कर व कोविड हैल्थ ऑफिसर को कार्य अनुभव के 15 बोनस अंक देने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के निदेशक से जवाब मांगा है. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश लोकेश कुमार व अन्य की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने 25 अप्रैल, 2023 को अधिसूचना जारी करके कोविड में दो साल से कम काम करने वालों को 15 बोनस अंक देने का प्रावधान किया. याचिका में कहा गया कि यह प्रावधान गलत है, क्योंकि इससे तो कोविड में एक दिन काम करने वाला अभ्यर्थी भी बोनस अंक का पात्र हो जाएगा. सीएचए व सीएचओ का काम नर्सिंग के समान नहीं है.
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सीएचए व सीएचओ को बोनस अंक देने से याचिकाकर्ता नर्सिंग ऑफिसर भर्ती-2023 की अस्थाई वरीयता सूची से बाहर हो गए हैं, जबकि वे पिछले 7-8 साल से नियमित तौर पर नर्सिंग का काम कर रहे हैं. उन्हें बोनस अंक देने से याचिकाकर्ताओं के हित भी प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए दो साल से कम काम करने वाले सीएचए व सीएचओ को बोनस अंक का लाभ नहीं दिया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.