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अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं देने पर जेवीवीएनएल से मांगा जवाब - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने कर्मचारी को अनुकंपा नियुक्ति के तहत मिलने वाले लाभों से वंचित करने के मामले में जेवीवीएनएल को नोटिस जारी किया है.

Rajasthan High Court
अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं देने पर जेवीवीएनएल से मांगा जवाब (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 12, 2024, 7:27 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने कर्मचारी को अनुकंपा नियुक्ति के तहत मिलने वाले लाभों से वंचित करने के मामले में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी, निगम के करौली जिले के अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश मदन लाल लोढा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पिता की जेवीवीएनएल में सेवा के दौरान मौत हो गई थी. वहीं, याचिकाकर्ता को वर्ष 1981 में दैनिक वेतन भोगी के तौर पर नियुक्त किया गया था. निगम ने याचिकाकर्ता की नियुक्ति को वर्ष 1989 में नियमित किया. दूसरी ओर याचिकाकर्ता के भाई ने साल 1991 में निगम में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, जिसे निगम ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता को अधिमानता के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति दी जा चुकी है.

पढ़ें: कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने पर जनहित याचिका खारिज, एक लाख रुपए का लगाया हर्जाना

इस पर याचिकाकर्ता ने निगम में प्रार्थना पत्र पेश कर अनुकंपा नियुक्ति के तहत उसे प्रथम नियुक्ति तिथि से नियमित वेतन श्रृंखला का लाभ मांगा, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि सहायक अभियंता की ओर से निगम के उच्चाधिकारियों को लिखे पत्र में यह माना गया था कि याचिकाकर्ता को प्रथम नियुक्ति तिथि से इसका लाभ मिलना चाहिए था. याचिकाकर्ता दो साल पहले यह लाभ लिए बिना ही रिटायर भी हो गया. ऐसे में याचिकाकर्ता को नियुक्ति तिथि से लाभ दिलाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने कर्मचारी को अनुकंपा नियुक्ति के तहत मिलने वाले लाभों से वंचित करने के मामले में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी, निगम के करौली जिले के अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश मदन लाल लोढा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पिता की जेवीवीएनएल में सेवा के दौरान मौत हो गई थी. वहीं, याचिकाकर्ता को वर्ष 1981 में दैनिक वेतन भोगी के तौर पर नियुक्त किया गया था. निगम ने याचिकाकर्ता की नियुक्ति को वर्ष 1989 में नियमित किया. दूसरी ओर याचिकाकर्ता के भाई ने साल 1991 में निगम में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, जिसे निगम ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिकाकर्ता को अधिमानता के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति दी जा चुकी है.

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इस पर याचिकाकर्ता ने निगम में प्रार्थना पत्र पेश कर अनुकंपा नियुक्ति के तहत उसे प्रथम नियुक्ति तिथि से नियमित वेतन श्रृंखला का लाभ मांगा, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि सहायक अभियंता की ओर से निगम के उच्चाधिकारियों को लिखे पत्र में यह माना गया था कि याचिकाकर्ता को प्रथम नियुक्ति तिथि से इसका लाभ मिलना चाहिए था. याचिकाकर्ता दो साल पहले यह लाभ लिए बिना ही रिटायर भी हो गया. ऐसे में याचिकाकर्ता को नियुक्ति तिथि से लाभ दिलाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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