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Rajasthan: दिव्यांग के एक वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं देने पर मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने दिव्यांग अभ्यर्थी को आरक्षण का लाभ नहीं देने पर केंद्र सरकार, प्रमुख चिकित्सा सचिव व सिफू निदेशक को किया जवाब तलब.

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राजस्थान हाईकोर्ट (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने फार्मासिस्ट भर्ती 2023 में एक हाथ और एक पांव वाले दिव्यांग अभ्यर्थी को आरक्षण का लाभ नहीं देने पर केंद्र सरकार, प्रमुख चिकित्सा सचिव और सिफू निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने भर्ती की नियुक्तियों को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है. सीएम एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश पंकज कुमार खियानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता हरेंद्र नील ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 5 मई, 2023 को फार्मासिस्ट के 2859 पदों पर भर्ती निकाली. जिसमें दिव्यांगों को चार फीसदी आरक्षण देते हुए 111 पद आरक्षित रखे गए. वहीं, यह शर्त लगाई गई कि केंद्र सरकार की ओर से 4 नवंबर, 2021 को जारी गजट नोटिफिकेशन में दर्शाए दिव्यांग वर्ग को ही इसका लाभ मिलेगा.

इसे भी पढ़ें - हाईकोर्ट ने मेडिकल ऑफिसर डेंटल भर्ती परीक्षा परिणाम पर लगाई अंतरिम रोक

याचिका में कहा गया कि वह एक हाथ और एक पांव से दिव्यांग है, लेकिन केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन में इस वर्ग के दिव्यांगों को फार्मासिस्ट भर्ती में आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है. जबकि होम्योपैथी में फार्मासिस्ट कम क्लर्क के पदों पर दिव्यांग के इस वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया गया है और उनका काम भी सामान्य फार्मासिस्ट के समान ही होता है.

इसके अलावा नोटिफिकेशन में पदोन्नति से भरे जाने वाले चीफ फार्मासिस्ट पद के लिए भी इस वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया गया है. याचिका में केन्द्र सरकार के इस नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए कहा गया कि यह नोटिफिकेशन समानता के अधिकार की अवहेलना करता है. एक समान लोगों पर अलग-अलग नियम लागू नहीं किया जा सकते हैं.

वहीं, एक पांव और एक हाथ से दिव्यांग व्यक्ति फार्मासिस्ट का काम आसानी से कर सकता है. इसलिए केन्द्र सरकार के इस नोटिफिकेशन को रद्द किया जाए और याचिकाकर्ता को फार्मासिस्ट पद पर नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए नियुक्तियों को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है.

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने फार्मासिस्ट भर्ती 2023 में एक हाथ और एक पांव वाले दिव्यांग अभ्यर्थी को आरक्षण का लाभ नहीं देने पर केंद्र सरकार, प्रमुख चिकित्सा सचिव और सिफू निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने भर्ती की नियुक्तियों को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है. सीएम एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश पंकज कुमार खियानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता हरेंद्र नील ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 5 मई, 2023 को फार्मासिस्ट के 2859 पदों पर भर्ती निकाली. जिसमें दिव्यांगों को चार फीसदी आरक्षण देते हुए 111 पद आरक्षित रखे गए. वहीं, यह शर्त लगाई गई कि केंद्र सरकार की ओर से 4 नवंबर, 2021 को जारी गजट नोटिफिकेशन में दर्शाए दिव्यांग वर्ग को ही इसका लाभ मिलेगा.

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याचिका में कहा गया कि वह एक हाथ और एक पांव से दिव्यांग है, लेकिन केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन में इस वर्ग के दिव्यांगों को फार्मासिस्ट भर्ती में आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है. जबकि होम्योपैथी में फार्मासिस्ट कम क्लर्क के पदों पर दिव्यांग के इस वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया गया है और उनका काम भी सामान्य फार्मासिस्ट के समान ही होता है.

इसके अलावा नोटिफिकेशन में पदोन्नति से भरे जाने वाले चीफ फार्मासिस्ट पद के लिए भी इस वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया गया है. याचिका में केन्द्र सरकार के इस नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए कहा गया कि यह नोटिफिकेशन समानता के अधिकार की अवहेलना करता है. एक समान लोगों पर अलग-अलग नियम लागू नहीं किया जा सकते हैं.

वहीं, एक पांव और एक हाथ से दिव्यांग व्यक्ति फार्मासिस्ट का काम आसानी से कर सकता है. इसलिए केन्द्र सरकार के इस नोटिफिकेशन को रद्द किया जाए और याचिकाकर्ता को फार्मासिस्ट पद पर नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए नियुक्तियों को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है.

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