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कांस्टेबल भर्ती की दक्षता परीक्षा की चिप खराब, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

Rajasthan High Court राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती-2023 से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए गृह सचिव समेत अन्य अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Rajasthan High Court,  High Court seeks reply
कांस्टेबल भर्ती की दक्षता परीक्षा की चिप खराब.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 20, 2024, 8:21 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती-2023 की शारीरिक दक्षता परीक्षा में अभ्यर्थी के लगाई चिप के गलत रिकॉर्डिंग करने से जुडे़ मामले में गृह सचिव, डीजी भर्ती बोर्ड और अलवर पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश देशराज चौधरी की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि क्यों न दक्षता परीक्षा के दौरान की गई वीडियोग्राफी को अदालत में मंगाकर उसका निरीक्षण किया जाए और याचिकाकर्ता के तथ्य सही होने पर क्यों न उसे चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. याचिका में अधिवक्ता आरपी सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने गत तीन अगस्त को कांस्टेबल के 3578 पदों के लिए भर्ती निकाली थी. जिसकी शारीरिक दक्षता परीक्षा गत 28 दिसंबर को राजस्थान पुलिस अकादमी में संपन्न हुई.

पढ़ेंः कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के आरोपी को जमानत नहीं, खारिज की याचिका

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने 22 मिनट और 40 सेकंड में दौड़ के सभी 13 राउंड पूरे किए थे, लेकिन उसके लगाई चिप में सिर्फ 12 राउंड रिकॉर्ड हुए. चिप के डेटा के आधार पर पुलिस विभाग ने उसे नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर कर दिया. याचिका में कहा गया कि उसने तय समय में दौड़ के सभी 13 राउंड पूरे किए हैं, लेकिन चिप में तकनीकी गड़बड़ी होने के कारण उसमें पूरी रिकॉर्डिंग नहीं पाई. इसके अलावा पुलिस विभाग ने दक्षता परीक्षा के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई थी. याचिका में गुहार की गई है कि अदालत में वीडियोग्राफी मंगवाकर उसका निरीक्षण किया जाए और उसमें 13 राउंड की रिकॉर्डिंग मिलने पर याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती-2023 की शारीरिक दक्षता परीक्षा में अभ्यर्थी के लगाई चिप के गलत रिकॉर्डिंग करने से जुडे़ मामले में गृह सचिव, डीजी भर्ती बोर्ड और अलवर पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश देशराज चौधरी की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि क्यों न दक्षता परीक्षा के दौरान की गई वीडियोग्राफी को अदालत में मंगाकर उसका निरीक्षण किया जाए और याचिकाकर्ता के तथ्य सही होने पर क्यों न उसे चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. याचिका में अधिवक्ता आरपी सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने गत तीन अगस्त को कांस्टेबल के 3578 पदों के लिए भर्ती निकाली थी. जिसकी शारीरिक दक्षता परीक्षा गत 28 दिसंबर को राजस्थान पुलिस अकादमी में संपन्न हुई.

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने 22 मिनट और 40 सेकंड में दौड़ के सभी 13 राउंड पूरे किए थे, लेकिन उसके लगाई चिप में सिर्फ 12 राउंड रिकॉर्ड हुए. चिप के डेटा के आधार पर पुलिस विभाग ने उसे नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर कर दिया. याचिका में कहा गया कि उसने तय समय में दौड़ के सभी 13 राउंड पूरे किए हैं, लेकिन चिप में तकनीकी गड़बड़ी होने के कारण उसमें पूरी रिकॉर्डिंग नहीं पाई. इसके अलावा पुलिस विभाग ने दक्षता परीक्षा के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई थी. याचिका में गुहार की गई है कि अदालत में वीडियोग्राफी मंगवाकर उसका निरीक्षण किया जाए और उसमें 13 राउंड की रिकॉर्डिंग मिलने पर याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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