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आरएएस भर्ती की मुख्य परीक्षा में शामिल करने से इनकार, याचिका पर सुनवाई मैंस के बाद - Rajasthan High Court

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 18, 2024, 8:52 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती 2023 की मुख्य परीक्षा में शामिल करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने अपीलार्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.

COURT REFUSES TO ALLOW APPELLANTS,  MAIN EXAM OF RAS RECRUITMENT
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2023 की मुख्य परीक्षा में शामिल करने की मांग को लेकर 569 अपीलार्थियों की ओर से पेश प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. हालांकि, अदालत ने अपीलों पर सुनवाई चार सप्ताह बाद रखी है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश मुस्कान अग्रवाल व 38 अन्य याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि उत्तर कुंजी को तब तक सही माना जाना चाहिए, जब तक कि वह गलत साबित नहीं हो जाए. इसके अलावा कोर्ट विशेषज्ञ की रिपोर्ट पर चुपचाप नहीं बैठ सकता है. अदालत में आने वाले 569 याचिकाकर्ताओं में से 476 ने निर्धारित अवधि के भीतर उत्तर कुंजी पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई. ऐसे में यदि अपीलार्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई तो पूरी प्रक्रिया बाधित हो जाएगी. अपील में कहा गया कि आरएएस भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए कुछ सवालों को गलत तरीके से जांचा गया था. एकलपीठ ने भी इन त्रुटियों की तरफ ध्यान नहीं दिया.

पढ़ेंः आरपीएससी: आरएएस मुख्य परीक्षा 20 और 21 जुलाई को होगी, यह रहेगी व्यवस्था - ras main exam 2023

वहीं, मुख्य परीक्षा 20 जुलाई को होने वाली है. ऐसे में यदि अपीलार्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किया गया तो वे भर्ती से वंचित रह जाएंगे और अपील दायर करने का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा. इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि परीक्षा परिणाम घोषित होने और मॉडल उत्तर कुंजी जारी करने के बाद अभ्यर्थियों को अपनी आपत्तियां पेश करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया था. वहीं, हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले 569 याचिकाकर्ताओं में से 476 ने तो प्रश्नों पर कोई आपत्ति ही दर्ज नहीं कराई. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि विशेषज्ञों ने आपत्तियों का निपटारा कर कुछ प्रश्नों को डिलीट किया और उत्तर कुंजी के शेष प्रश्नों के जवाबों को सही माना. ऐसे में अपीलार्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए लंबित रखते हुए अपीलार्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2023 की मुख्य परीक्षा में शामिल करने की मांग को लेकर 569 अपीलार्थियों की ओर से पेश प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. हालांकि, अदालत ने अपीलों पर सुनवाई चार सप्ताह बाद रखी है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश मुस्कान अग्रवाल व 38 अन्य याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि उत्तर कुंजी को तब तक सही माना जाना चाहिए, जब तक कि वह गलत साबित नहीं हो जाए. इसके अलावा कोर्ट विशेषज्ञ की रिपोर्ट पर चुपचाप नहीं बैठ सकता है. अदालत में आने वाले 569 याचिकाकर्ताओं में से 476 ने निर्धारित अवधि के भीतर उत्तर कुंजी पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई. ऐसे में यदि अपीलार्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई तो पूरी प्रक्रिया बाधित हो जाएगी. अपील में कहा गया कि आरएएस भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए कुछ सवालों को गलत तरीके से जांचा गया था. एकलपीठ ने भी इन त्रुटियों की तरफ ध्यान नहीं दिया.

पढ़ेंः आरपीएससी: आरएएस मुख्य परीक्षा 20 और 21 जुलाई को होगी, यह रहेगी व्यवस्था - ras main exam 2023

वहीं, मुख्य परीक्षा 20 जुलाई को होने वाली है. ऐसे में यदि अपीलार्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किया गया तो वे भर्ती से वंचित रह जाएंगे और अपील दायर करने का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा. इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि परीक्षा परिणाम घोषित होने और मॉडल उत्तर कुंजी जारी करने के बाद अभ्यर्थियों को अपनी आपत्तियां पेश करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया था. वहीं, हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले 569 याचिकाकर्ताओं में से 476 ने तो प्रश्नों पर कोई आपत्ति ही दर्ज नहीं कराई. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि विशेषज्ञों ने आपत्तियों का निपटारा कर कुछ प्रश्नों को डिलीट किया और उत्तर कुंजी के शेष प्रश्नों के जवाबों को सही माना. ऐसे में अपीलार्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए लंबित रखते हुए अपीलार्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

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