जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वर्ष 2012 में दौसा रेलवे स्टेशन पर बिना अनुमति रेल रोकने के मामले में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के खिलाफ रेलवे कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश किरोड़ी लाल मीणा की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता सुधीर जैन ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सहित चार लोगों पर 9 अप्रैल, 2012 को दौसा रेलवे स्टेशन पर बिना अनुमति रेल रोकने का आरोप है. इसे लेकर आरपीएफ थाना, दौसा ने मामला दर्ज किया था. प्रकरण में आरोप पत्र पेश होने के बाद रेलवे कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इसी बीच वर्ष 2020 में रेलवे की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर केस वापस लेने की अनुमति मांगी गई.
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इस प्रार्थना पत्र को रेलवे कोर्ट ने 6 जनवरी, 2021 को खारिज कर दिया. इसके खिलाफ पेश रिवीजन को भी अदालत ने गत 16 मार्च को खारिज कर दिया था. दोनों आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि कोर्ट ने रेलवे के प्रार्थना पत्र की व्याख्या सही ढंग से नहीं की है. ऐसे में निचली अदालत का आदेश रद्द कर केस वापस लेने की अनुमति दी जाए.
वहीं, रेलवे सुरक्षा बल की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा. उन्होंने स्वीकार किया की रेलवे इस मुक़दमे को आगे नहीं चलाना चाहती है और इसे व्यापक जनहित में वापस लेना चाहती है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद एकलपीठ ने निचली अदालत में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है.