जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने चारागाह भूमि पर अतिक्रमण से जुडे़ मामले में अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर टोंक कलेक्टर को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने कलेक्टर डॉ. सौम्या झा से पूछा है कि अदालती आदेश की अवमानना करने पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए. इसके साथ ही अदालत ने 8 अप्रैल तक आदेश की पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है. जस्टिस अविनाश झिंगन और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश मालपुरा के हाथगी गांव निवासी नंद सिंह राजपूत व अन्य की अवमानना याचिका पर दिए.
याचिका में अदालत को बताया कि हाथगी गांव की चारागाह जमीन पर गांव के प्रभावशाली लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. इस अतिक्रमण को हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को कई बार शिकायत दी गई, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर अतिक्रमण हटाने की गुहार की थी.
जनहित याचिका पर गत 25 जुलाई को सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित पीएलपीसी को तीन माह में अतिक्रमण हटाने को कहा था. इसके बावजूद भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की. इसे अवमानना याचिका में चुनौती देते हुए कहा कि जिला कलेक्टर ने अदालती आदेश की अवमानना की है. ऐसे में आदेश की पालना के निर्देश देते हुए अवमाननाकर्ता अफसर के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.