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12 साल से पेंशन नहीं, मौत के बाद विधवा को भी पेंशन नहीं देने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने 12 साल से पेंशन समेत सभी परिलाभ नहीं मिलने से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कृषि सचिव समेत अन्य अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

HIGH COURT ISSUED NOTICE,  NOTICE TO AGRICULTURE SECRETARY
राजस्थान हाईकोर्ट. (Etv Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 5, 2024, 8:06 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 14 साल पहले कृषि विभाग से रिटायर कर्मचारी के पेंशन के इंतजार में मौत और बाद में उसकी विधवा को भी पेंशन जारी नहीं करने को गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में कृषि सचिव, कृषि विपणन बोर्ड निदेशक और हनुमानगढ़ कृषि उपज मंडी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश रुक्मा देवी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि इतनी लंबी अवधि बीतने के बाद भी अब तक पेंशन जारी क्यों नहीं की गई है. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पति लल्लूराम वर्ष 1974 में कृषि विभाग में क्लर्क के तौर पर नियुक्त हुए थे. उन्हें समय-समय पर पदोन्नति मिलने के बाद वे दिसंबर, 2010 में एग्रीकल्चर सुपरवाइजर पद से रिटायर हो गए. इसके बाद विभाग ने नो ड्यूज और विभागीय जांच लंबित नहीं होने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर को जारी किया अवमानना नोटिस - Rajasthan High Court

इसके बावजूद भी उन्हें पेंशन परिलाभ जारी नहीं किए गए. इसके बाद अगस्त, 2022 में पेंशन सहित अन्य परिलाभों का इंतजार करते-करते उनकी मौत हो गई. इस पर उनकी विधवा याचिकाकर्ता ने विभाग को पेंशन के आधार पर गणना कर फैमिली पेंशन जारी करने की गुहार की. इसके बावजूद भी विभाग ने अब तक उनकी पेंशन जारी नहीं की. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की 70 साल की उम्र है. पेंशन के अभाव में उसे वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए उसे पेंशन सहित अब तक का बकाया और समस्त परिलाभ दिलाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 14 साल पहले कृषि विभाग से रिटायर कर्मचारी के पेंशन के इंतजार में मौत और बाद में उसकी विधवा को भी पेंशन जारी नहीं करने को गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में कृषि सचिव, कृषि विपणन बोर्ड निदेशक और हनुमानगढ़ कृषि उपज मंडी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश रुक्मा देवी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि इतनी लंबी अवधि बीतने के बाद भी अब तक पेंशन जारी क्यों नहीं की गई है. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पति लल्लूराम वर्ष 1974 में कृषि विभाग में क्लर्क के तौर पर नियुक्त हुए थे. उन्हें समय-समय पर पदोन्नति मिलने के बाद वे दिसंबर, 2010 में एग्रीकल्चर सुपरवाइजर पद से रिटायर हो गए. इसके बाद विभाग ने नो ड्यूज और विभागीय जांच लंबित नहीं होने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया.

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इसके बावजूद भी उन्हें पेंशन परिलाभ जारी नहीं किए गए. इसके बाद अगस्त, 2022 में पेंशन सहित अन्य परिलाभों का इंतजार करते-करते उनकी मौत हो गई. इस पर उनकी विधवा याचिकाकर्ता ने विभाग को पेंशन के आधार पर गणना कर फैमिली पेंशन जारी करने की गुहार की. इसके बावजूद भी विभाग ने अब तक उनकी पेंशन जारी नहीं की. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की 70 साल की उम्र है. पेंशन के अभाव में उसे वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए उसे पेंशन सहित अब तक का बकाया और समस्त परिलाभ दिलाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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