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नियुक्ति के लिए गलत जानकारी देने का मामला, अदालत ने कहा- ऐसे शिक्षक युवा पीढ़ी के भविष्य के साथ करेंगे खिलवाड़ - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए तथ्य छुपाने और गलत जानकारी देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. साथ ही कहा है कि ऐसा व्यक्ति युवा पीढ़ी के भविष्य के साख खिलवाड़ करेगा.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 18, 2024, 6:45 AM IST

जोधपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक पद की नियुक्ति के लिए स्व घोषणा पत्र में तथ्य छुपाने और गलत जानकारी देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि ऐसा व्यक्ति स्कूल में पढ़ाते समय युवा पीढ़ी का भविष्य बर्बाद कर देगा. न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की एकलपीठ ने सत्यनारायण मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है.

कोर्ट ने कहा कि जहां नियोक्ता को लगता है कि किसी कर्मचारी ने प्रारंभिक चरण में ही गलत बयान दिया है या तथ्य छुपाए हैं, तो उसे सेवा में जारी नहीं रखा जा सकता है. ऐसे कर्मचारी पर भविष्य में भी भरोसा नहीं किया जा सकता है. नियोक्ता को ऐसे कर्मचारी को जारी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. याचिकाकर्ता के खिलाफ चित्तौड़गढ़ में एक मुकदमा विचाराधीन था. इसके बावजूद दस्तावेज सत्यापन में शामिल किए जाने के बाद उसने आपराधिक मुकदमों के लिए स्व घोषणा पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि न तो उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा विचाराधीन है न ही लम्बित है. इसके साथ ही उसके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं है, इसकी घोषणा की गई.

इसे भी पढ़ें. संशोधित परिणाम से बाहर हुए कांस्टेबलों को सेवा में बनाए रखने के आदेश - Rajasthan High Court

दस्तावेज सत्यापन के समय उसने दस्तावेजों के साथ घरेलू हिंसा से जुड़े मुकदमें के दस्तावेज पेश कर दिए. इस पर कोर्ट शिक्षा विभाग ने प्राथमिक विद्यालय शिक्षक सीधी भर्ती 2022 की चयन सूची से बाहर कर दिया. इस पर याचिका पेश की गई थी. कोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई के बाद कहा कि शिक्षक जैसे पद पर याची की ओर से गलत जानकारी पेश करना उचित नहीं है. शिक्षक का पेशा सबसे विश्वनीय और सम्मान जनक है. गलत जानकारी पेश करते हुए तथ्य छुपाना भरोसे के लायक नहीं है. भविष्य में भी विश्वास कैसे हो सकेगा? ऐसे में हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के निर्णय को उचित मानते हुए याचिका को खारिज करते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया.

जोधपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक पद की नियुक्ति के लिए स्व घोषणा पत्र में तथ्य छुपाने और गलत जानकारी देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि ऐसा व्यक्ति स्कूल में पढ़ाते समय युवा पीढ़ी का भविष्य बर्बाद कर देगा. न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की एकलपीठ ने सत्यनारायण मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है.

कोर्ट ने कहा कि जहां नियोक्ता को लगता है कि किसी कर्मचारी ने प्रारंभिक चरण में ही गलत बयान दिया है या तथ्य छुपाए हैं, तो उसे सेवा में जारी नहीं रखा जा सकता है. ऐसे कर्मचारी पर भविष्य में भी भरोसा नहीं किया जा सकता है. नियोक्ता को ऐसे कर्मचारी को जारी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. याचिकाकर्ता के खिलाफ चित्तौड़गढ़ में एक मुकदमा विचाराधीन था. इसके बावजूद दस्तावेज सत्यापन में शामिल किए जाने के बाद उसने आपराधिक मुकदमों के लिए स्व घोषणा पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि न तो उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा विचाराधीन है न ही लम्बित है. इसके साथ ही उसके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं है, इसकी घोषणा की गई.

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दस्तावेज सत्यापन के समय उसने दस्तावेजों के साथ घरेलू हिंसा से जुड़े मुकदमें के दस्तावेज पेश कर दिए. इस पर कोर्ट शिक्षा विभाग ने प्राथमिक विद्यालय शिक्षक सीधी भर्ती 2022 की चयन सूची से बाहर कर दिया. इस पर याचिका पेश की गई थी. कोर्ट ने पूरे मामले पर सुनवाई के बाद कहा कि शिक्षक जैसे पद पर याची की ओर से गलत जानकारी पेश करना उचित नहीं है. शिक्षक का पेशा सबसे विश्वनीय और सम्मान जनक है. गलत जानकारी पेश करते हुए तथ्य छुपाना भरोसे के लायक नहीं है. भविष्य में भी विश्वास कैसे हो सकेगा? ऐसे में हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के निर्णय को उचित मानते हुए याचिका को खारिज करते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया.

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