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HC में प्रमुख पंचायत राज सचिव ने प्रभावी पैरवी के लिए किया आश्वस्त

Rajasthan High Court, सरकारी वकीलों की ओर से राज्य सरकार से जुडे मामलों में प्रभावी पैरवी को लेकर प्रमुख पंचायत राज सचिव ने आश्वस्त किया है. यहां जानिए पूरा मामला...

Rajasthan High Court
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 11, 2024, 8:43 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में सरकारी वकीलों की ओर से राज्य सरकार से जुडे मामलों में प्रभावी पैरवी नहीं करने से जुडे मामले में अदालती आदेश की पालना में प्रमुख पंचायती राज सचिव आशुतोष पेडणेकर और दौसा जिला परिषद के सीईओ दिनेश कुमार शर्मा वीसी के जरिए पेश हुए. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने सुनीता शर्मा व अन्य की याचिका में जवाब पेश नहीं होने पर दोनों अधिकारियों को तलब किया था.

प्रमुख पंचायत राज सचिव ने अदालत को आश्वस्त किया कि भविष्य में विभाग की ओर से अदालतों में प्रभावी पैरवी की जाएगी और सरकारी वकीलों की नियुक्ति जल्द हो जाएगी. इसके साथ ही भविष्य में इस तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. वहीं, राज्य सरकार के एएजी बसंत सिंह छाबा ने मामले में जवाब के लिए समय मांगा. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को जवाब के लिए समय देते हुए सुनवाई टाल दी.

पढ़ें : हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर टोंक कलेक्टर को जारी किया अवमानना नोटिस

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि इस मामले में 11 अक्टूबर 2023 को नोटिस जारी हुए थे और 11 जनवरी 2024 को नोटिस की तामील भी हो गई थी. इसके बावजूद भी 16 फरवरी को राज्य सरकार की ओर से पैरवी के लिए कोई भी उपस्थित नहीं हुआ. वहीं, पिछली सुनवाई पर भी राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखने के लिए कोई नहीं आया. जिस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए प्रमुख पंचायत राज सचिव व दौसा जिला परिषद सीईओ को व्यक्तिगत या वीसी के जरिए पेश होकर यह बताने के लिए कहा था कि राज्य सरकार की ओर से पैरवी के लिए कोई उपस्थित क्यों नहीं हो रहा है और विभाग की ओर से मामलों में अपना जवाब पेश क्यों नहीं किया जा रहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में सरकारी वकीलों की ओर से राज्य सरकार से जुडे मामलों में प्रभावी पैरवी नहीं करने से जुडे मामले में अदालती आदेश की पालना में प्रमुख पंचायती राज सचिव आशुतोष पेडणेकर और दौसा जिला परिषद के सीईओ दिनेश कुमार शर्मा वीसी के जरिए पेश हुए. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने सुनीता शर्मा व अन्य की याचिका में जवाब पेश नहीं होने पर दोनों अधिकारियों को तलब किया था.

प्रमुख पंचायत राज सचिव ने अदालत को आश्वस्त किया कि भविष्य में विभाग की ओर से अदालतों में प्रभावी पैरवी की जाएगी और सरकारी वकीलों की नियुक्ति जल्द हो जाएगी. इसके साथ ही भविष्य में इस तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. वहीं, राज्य सरकार के एएजी बसंत सिंह छाबा ने मामले में जवाब के लिए समय मांगा. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को जवाब के लिए समय देते हुए सुनवाई टाल दी.

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि इस मामले में 11 अक्टूबर 2023 को नोटिस जारी हुए थे और 11 जनवरी 2024 को नोटिस की तामील भी हो गई थी. इसके बावजूद भी 16 फरवरी को राज्य सरकार की ओर से पैरवी के लिए कोई भी उपस्थित नहीं हुआ. वहीं, पिछली सुनवाई पर भी राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखने के लिए कोई नहीं आया. जिस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए प्रमुख पंचायत राज सचिव व दौसा जिला परिषद सीईओ को व्यक्तिगत या वीसी के जरिए पेश होकर यह बताने के लिए कहा था कि राज्य सरकार की ओर से पैरवी के लिए कोई उपस्थित क्यों नहीं हो रहा है और विभाग की ओर से मामलों में अपना जवाब पेश क्यों नहीं किया जा रहा है.

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