जयपुर. नरेंद्र मोदी सरकार की तर्ज पर प्रदेश की भजनलाल शर्मा की सरकार विकसित राजस्थान के साल 2047 के विजन को लेकर खनिज नीति का प्रारूप तैयार कर रही है. प्रस्तावित नई खनिज नीति, का प्रारूप माइंस विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिसे खनिज संगठनों, स्टेक होल्डर्स और आमजनों की टिप्पणी के साथ ही सुझाव के लिए विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. राज्य की प्रस्तावित खनिज नीति के संबंध में 22 सितंबर, 24 तक लिखित या ई-मेल के माध्यम से sme. Minor@rajasthan.gov.in पर सुझाव दिए जा सकते हैं.
नई नीति में सभी पहलुओं पर गौर : प्रमुख शासन सचिव माइंस और पेट्रोलियम टी. रविकांत ने बताया कि विकसित राजस्थान, 2047 के विजन को ध्यान में रखा गया है. इसके तहत खनिज खोज कार्य में विश्वस्तरीय तकनीक के उपयोग के साथ तेजी लाने, खोज और खनन की आधुनिकतम तकनीक के उपयोग पर जोर दिया गया है. उन्होंने बताया कि नई नीति में पर्यावरण संरक्षण, खनिज संसाधनों का कुशल प्रबंधन, अपशिष्ट प्रबंधन, प्रसंस्करण, औद्योगिक निवेश, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार अवसरों में बढ़ोतरी, खनिज क्षेत्र में सतत और सस्टेनेबल विकास और राजस्व बढ़ोतरी आदि पर जोर दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने की थी पहल : मुख्यमंत्री और राज्य के खान मंत्री भजनलाल शर्मा ने विभागीय समीक्षा के दौरान नई खान नीति की जरूरत बताई थी. दरअसल, प्रदेश में साल 2015 से खनन कानूनों में आमूलचूल बदलाव के कारण राज्य की खनिज नीति, 2015 के ज्यादातर प्रावधान अब प्रचलन में नहीं है. ऐसे हालात को देखते हुए प्रदेश में दीर्घकालीन विजन के साथ खनन विकास के लिए नई नीति बनाने की जरूरत बताई गई. इसी आधार पर प्रदेश के परिवर्तित बजट में नई खनिज नीति, 2024 लाने की घोषणा की गई थी. निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि प्रस्तावित खनिज नीति, 2024 का प्रारुप विभागीय वेबसाइट पर देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि माइनिंग क्षेत्र से जुड़े और आमजन 22 सितंबर तक अपने सुझाव दे सकते हैं.