जयपुर: प्रदेश में खाली हुई एक राज्यसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू का निर्वाचन तय हो चुका है. राज्यसभा उप चुनाव में बीजेपी ने पंजाब से ताल्लुक रखने वाले और पूर्व लोकसभा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को उम्मीदवार बनाया था. नामांकन पत्रों की जांच में उनके पांच नामांकन सही पाए गए हैं और एक रद्द हुआ है, जबकि बीजेपी के डमी उम्मीदवार सुनील कोठारी ने आज अपना नाम वापस ले लिया है. ऐसे में बिट्टू का अब निर्वाचन तय हो चुका है. बिट्टू की इस जीत के बाद नरेंद्र मोदी मंत्री परिषद में प्रदेश का दबदबा दिख रहा है.
राजस्थान से निर्वाचित लोकसभा सांसद भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल और भागीरथ चौधरी पहले से ही केंद्रीय मंत्री हैं. अब बिट्टू के राजस्थान से सांसद बनने के बाद मरू भूमि के कोटे से मोदी सरकार में पांच मंत्री हो चुके हैं. निर्वाचन पत्र दाखिल करते समय जिस तरह से प्रदेश की पगड़ी की लाज रखने की बात बिट्टू ने की थी, उसके बाद उम्मीद है कि पांचों मंत्री मिलकर राजस्थान के विकास में भागीदारी दे सकते हैं. इसके अलावा उड़ीसा से निर्वाचित राज्यसभा सांसद और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी राजस्थान के मूल निवासी हैं.
संसद में मजबूत होगी राजस्थान की आवाज: नरेंद्र मोदी सरकार में राजस्थान से जुड़े मंत्रियों की संख्या बढ़ने के साथ राजस्थान की उम्मीदें भी परवान चढ़ी हैं. रवनीत सिंह बिट्टू के बाद नरेंद्र मोदी सरकार में राजस्थान के कोटे से पांच मंत्री हो चुके हैं और अश्विनी वैष्णव को अगर जोड़ा जाए, तो आधा दर्जन मंत्री लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. इनमें चार चेहरे ऐसे हैं, जो दोबारा इस मोदी सरकार में मंत्री पद पर कायम हुए हैं. इनमें केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु संस्कृति के पद पर भूपेंद्र यादव, केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कानून, न्याय और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (स्वतंत्र प्रभार) के अलावा केंद्रीय कृषि और कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी पहले से ही दिल्ली में मौजूद है. पाली जिले के मूल निवासी और उड़ीसा से राज्यसभा सांसद अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री हैं, तो रवनीत सिंह बिट्टू के पास केंद्रीय रेल और खाद्य वितरण विभाग का राज्य मंत्री पद है.
इस तरह राजस्थान को मिलेगा फायदा: प्रदेश के कोटे के केंद्रीय मंत्रियों में भूपेंद्र यादव के जरिए राजस्थान में जंगलात महकमे की योजनाओं को रफ्तार मिलेगी. प्रदेश के दो बड़े टाइगर रिजर्व रणथम्भौर और सरिस्का को भी ग्लोबल पहचान मिलने में मदद होगी. इसके साथ ही गजेंद्र सिंह शेखावत के पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय के जरिए राजस्थान की टूरिज्म क्षेत्र में नई उम्मीदें परवान चढ़ेगी. कानून मंत्री के रूप में अर्जुन राम मेघवाल के होने से राजस्थान के न्याय जगत को विस्तार की राह नजर आ रही है. प्रदेश में नए कोर्ट बनाने की दिशा में मेघवाल लगातार काम करने का वादा करते रहे हैं.
इसी तरह भागीरथ चौधरी प्रदेश के कृषि जगत से जुड़े किसानों को लाभ मिलेगा, तो रवनीत सिंह बिट्टू के कारण रेल और ऑर्गेनिक खेती में राजस्थान की मांगों पर बेहतर तरीके से गौर होगा. राज्य में टोंक, डूंगरपुर और बांसवाड़ा के लिए रेल का सपना भी पूरा होगा. यह सपने को पूरा करने में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मददगार साबित होंगे. हाल ही में धार्मिक पर्यटन की दिशा में खाटू श्याम जी और सालासर के लिए स्वीकृत रेल लाइन भी इसी और बढ़ता हुआ कदम है.