जयपुर. 2024-25 में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अन्तर्गत दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को पहली संतान के लिए वर्तमान में दी जा रही राशि 6500 रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए कर दी गई है. प्रदेश की उपमुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री दीया कुमारी ने पोषण माह की शुरुआत करते हुए इसे महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए मज़बूत कदम बताया है.
दिव्यांग गर्भवती महिलाओं के लिए खुशखबरी : दिव्यांग महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान और संतान के जन्म के बाद ज्यादा पौष्टिक आहार मिल सके, इसके लिए राशि में बढ़ोतरी कर उसे 10 हजार रूपए किया गया है. इसके साथ ही मां और बच्चे का बेहतर स्वास्थ्य हो, टीकाकरण सुनिश्चित हो इसके लिए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने बताया कि 3500 रूपए की अतिरिक्त राशि 100 प्रतिशत राज्य निधि से डीबीटी के जरिए दी जाएगी. वहीं समेकित बाल विकास सेवा निदेशक ओपी बुनकर ने बताया कि वर्तमान में दी जा रही राशि 6500 रूपए को 1 सितंबर से बढ़ाकर 10 हजार कर दिया है. योजना के अनुसार पहली किश्त का भुगतान आंगनबाड़ी केन्द्र पर पंजीकरण और कम से कम एक प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच पर पूर्व में 3000 रूपए दिये जाते थे. जिसे बढ़ाकर 4000 रूपए कर दिया गया है. बच्चे के जन्म पर पहले मिलने वाले 1500 रूपए की दूसरी किश्त को बढ़ाकर 3000 रुपए कर दिया गया है. बच्चे के जन्म का पंजीकरण और पहले चरण के सम्पूर्ण टीकाकरण पर चौदह सप्ताह की आयु तक के सभी टीके पूरे करवाने पर मिलने वाली तीसरी किश्त 2000 रूपए को भी बढ़ाकर 3000 रुपए कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि बढ़ी हुई राशि 3500 रूपए ऐसी महिलाओं को मिलेगी जो आंशिक रूप से (40 प्रतिशत) या पूरी तरह से अक्षम है.
"राष्ट्रीय पोषण माह 2024" का आयोजन : वहीं प्रदेश में राष्ट्रीय पोषण माह 2024 का आयोजन किया गया है. जिसमें महिलाओं और बच्चों का पोषण को बढ़ावा देने, उनके बेहतर स्वास्थ्य की गतिविधियां संचालित करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और पोषण भी पढ़ाई भी को लक्षित किया गया है. इस अभियान में एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी (PBPB), बेहतर शासन के लिए तकनीकी उपाय, पर्यावरण संरक्षण थीम्स हैं. राष्ट्रीय पोषण माह 2024 का कैलेंडर तैयार किया गया है. जिसके अनुसार गतिविधियों को आयोजित किया जाएगा.