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सहकारिता विभाग में 'दीये तले अंधेरा', उधार के अधिकारियों से चल रहा काम

राजस्थान सहकारिता विभाग में 'दीये तले अंधेरा'. उधार के अधिकारियों से चल रहा काम. अतिरिक्त प्रभार के चलते अधिकारी नदारद.

Minister Gautam Dak
गौतम दक, सहकारिता मंत्री (ETV Bharat Chittorgarh)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 12, 2024, 7:28 PM IST

चित्तौड़गढ़: किसी क्षेत्र का मंत्री हो तो संबंधित विभाग का कायाकल्प हो जाता है, लेकिन विभाग का मंत्री चित्तौड़गढ़ के सहकारिता विभाग के हालात इससे उलट है, क्योंकि जिला स्तर के पूर्ण कालिक अधिकारियों के पद पर ही नियुक्ति नहीं हो पा रही है. सहकारिता विभाग के अंतर्गत आने वाले उपरजिस्ट्रार, सहकारी समितियां और स्पेशल ऑडिटर सहकारी समितियां के पद पर लम्बे समय से पूर्णकालिक अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई है, जबकि पिछले 6 वर्षाें से विभाग की कमान चित्तौड़गढ़ जिले से निर्वाचित विधायकों के हाथों में है.

पिछले 5 साल उदयलाल आंजना विभाग के मंत्री रहे और वर्तमान में गौतम दक ने सहकारिता विभाग की कमान संभाल रखी है, लेकिन उप रजिस्ट्रार और स्पेशल ऑडिटर का पद पिछले 4 वर्षाें से खाली चल रहा है और उधार के अधिकारियों के भरोसे विभाग का कामकाज संचालित हो रहा है, जिससे आम जनता को भारी परेशानियां उठानी पड़ रहीं हैं.

पढ़ें : सहकारिता मंत्री का बड़ा बयान, कहा-हमारी सरकार जीरो टोलरेंस नीति पर कर रही है काम - Cooperative Minister Gautam Dak

अतिरिक्त प्रभार के चलते अधिकारी नदारद : जानकारी के अनुसार नवम्बर 2020 तक उपरजिस्ट्रार के पद पर पीआर आमेरिया पदस्थापित थे, लेकिन उनके ट्रांसफर के बाद से ही दोनों पद लगातार खाली है और दूसरे अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है. सत्ता परिवर्तन के बाद बड़ी सादड़ी विधायक दक सहकारिता मंत्री बने और जनता को आस थी कि किसी अच्छे ईमानदार अधिकारी की पूर्णकालिक नियुक्ति हो पाएगी, लेकिन एक साल बीतने को है, लेकिन अभी तक यह नियुक्ति नहीं हो पाई है.

वर्तमान में जयदेव देवल को चित्तौड़गढ़ के उपरजिस्ट्रार का अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है, जिनके पास उदयपुर और प्रतापगढ़ का भी चार्ज है. जिसके कारण वे कभी कभार ही चित्तौड़गढ़ आ पाते हैं. बड़ी बात यह है कि कार्यालय में स्पेशल ऑडिटर की तो नियुक्ति ही नहीं हुई है.

कई काम लंबित : सहकारिता विभाग के उपरजिस्ट्रार और स्पेशल ऑडिटर कार्यालय के अधीन सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियां, दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां, सभी खेल संघ, सभी प्रकार के एनजीओ सहित सहकारिता संस्थाएं आती हैं, जिनके गठन से लेकर चुनाव करवाने, ऑडिट करने, वित्तिय अनियमितताओं की जांच करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं अधिकारियों पर होती है. बड़ी बात यह है कि सहकारिता से जुड़े कई लोग अपनी फरियाद लेकर सहकारिता विभाग के चक्कर काटकर चप्पल घिस रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. विभागीय कामकाज उधार के भरोसे के अधिकारियों से चल रहा है.

मंत्री बोले- कुछ ही दिनों में भर देंगे पद : उपरजिस्ट्रार और स्पेशल ऑडिटर का पद खाली है, लेकिन कुछ ही दिनों में इन पदों को भर दिया जाएगा. विभागीय अधिकारियों की स्थानान्तरण की सूची कुछ ही दिनों में जारी हो जाएगी.

चित्तौड़गढ़: किसी क्षेत्र का मंत्री हो तो संबंधित विभाग का कायाकल्प हो जाता है, लेकिन विभाग का मंत्री चित्तौड़गढ़ के सहकारिता विभाग के हालात इससे उलट है, क्योंकि जिला स्तर के पूर्ण कालिक अधिकारियों के पद पर ही नियुक्ति नहीं हो पा रही है. सहकारिता विभाग के अंतर्गत आने वाले उपरजिस्ट्रार, सहकारी समितियां और स्पेशल ऑडिटर सहकारी समितियां के पद पर लम्बे समय से पूर्णकालिक अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो पाई है, जबकि पिछले 6 वर्षाें से विभाग की कमान चित्तौड़गढ़ जिले से निर्वाचित विधायकों के हाथों में है.

पिछले 5 साल उदयलाल आंजना विभाग के मंत्री रहे और वर्तमान में गौतम दक ने सहकारिता विभाग की कमान संभाल रखी है, लेकिन उप रजिस्ट्रार और स्पेशल ऑडिटर का पद पिछले 4 वर्षाें से खाली चल रहा है और उधार के अधिकारियों के भरोसे विभाग का कामकाज संचालित हो रहा है, जिससे आम जनता को भारी परेशानियां उठानी पड़ रहीं हैं.

पढ़ें : सहकारिता मंत्री का बड़ा बयान, कहा-हमारी सरकार जीरो टोलरेंस नीति पर कर रही है काम - Cooperative Minister Gautam Dak

अतिरिक्त प्रभार के चलते अधिकारी नदारद : जानकारी के अनुसार नवम्बर 2020 तक उपरजिस्ट्रार के पद पर पीआर आमेरिया पदस्थापित थे, लेकिन उनके ट्रांसफर के बाद से ही दोनों पद लगातार खाली है और दूसरे अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है. सत्ता परिवर्तन के बाद बड़ी सादड़ी विधायक दक सहकारिता मंत्री बने और जनता को आस थी कि किसी अच्छे ईमानदार अधिकारी की पूर्णकालिक नियुक्ति हो पाएगी, लेकिन एक साल बीतने को है, लेकिन अभी तक यह नियुक्ति नहीं हो पाई है.

वर्तमान में जयदेव देवल को चित्तौड़गढ़ के उपरजिस्ट्रार का अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है, जिनके पास उदयपुर और प्रतापगढ़ का भी चार्ज है. जिसके कारण वे कभी कभार ही चित्तौड़गढ़ आ पाते हैं. बड़ी बात यह है कि कार्यालय में स्पेशल ऑडिटर की तो नियुक्ति ही नहीं हुई है.

कई काम लंबित : सहकारिता विभाग के उपरजिस्ट्रार और स्पेशल ऑडिटर कार्यालय के अधीन सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियां, दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां, सभी खेल संघ, सभी प्रकार के एनजीओ सहित सहकारिता संस्थाएं आती हैं, जिनके गठन से लेकर चुनाव करवाने, ऑडिट करने, वित्तिय अनियमितताओं की जांच करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं अधिकारियों पर होती है. बड़ी बात यह है कि सहकारिता से जुड़े कई लोग अपनी फरियाद लेकर सहकारिता विभाग के चक्कर काटकर चप्पल घिस रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. विभागीय कामकाज उधार के भरोसे के अधिकारियों से चल रहा है.

मंत्री बोले- कुछ ही दिनों में भर देंगे पद : उपरजिस्ट्रार और स्पेशल ऑडिटर का पद खाली है, लेकिन कुछ ही दिनों में इन पदों को भर दिया जाएगा. विभागीय अधिकारियों की स्थानान्तरण की सूची कुछ ही दिनों में जारी हो जाएगी.

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