अलवर: रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा अपने पुराने मोहरे सुखवंत सिंह पर दांव लगाया है. टिकट की कतार में कई नेता लगे थे, लेकिन भाजपा आलाकमान ने सुखवंत सिंह पर विश्वास जताया. वे वर्ष 2019 में रामगढ़ में भाजपा से चुनाव लड़कर दूसरे नम्बर पर रहे थे. वहीं, 2023 में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर सुखवंत बागी होकर असपा के टिकट पर चुनाव लड़े और दूसरे नंबर पर रहे.
भाजपा ने इस बार रामगढ़ उपचुनाव में फिर से सुखवंत सिंह को ही अपना प्रत्याशी घोषित किया है. भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक गुप्ता का कहना है कि पार्टी की ओर से रामगढ़ उपचुनाव के लिए सुखवंत सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया है. पार्टी कार्यकर्ता उपचुनाव में भाजपा का कमल खिलाने में जुटेंगे.
रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से पिछले विधानसभा चुनाव में विधायक बने जुबेर खां का पिछले दिनों लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. जुबेर खां के दिवंगत होने से रामगढ़ सीट रिक्त हो गई, जिसके चलते चुनाव आयोग ने यहां 13 नवंबर को उपचुनाव कराने की घोषणा की. रामगढ़ में उपचुनाव की तारीख तय होते ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया तेज कर दी थी. भाजपा ने कांग्रेस से बाजी मारते हुए पहले अपना प्रत्याशी सुखवंत सिंह के नाम की घोषणा कर दी.
अब कांग्रेस के प्रत्याशी का इंतजार : रामगढ़ उपचुनाव में भाजपा की ओर से प्रत्याशी की घोषणा किए जाने के बाद अब लोगों को कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी के नाम की घोषणा का इंतजार है. वैसे कांग्रेस की ओर से दिवंगत जुबेर खां के परिवार में किसी सदस्य को टिकट दिए जाने के आसार हैं. ज्यादा चर्चा जुबेर खां के छोटे पुत्र आर्यन खां को टिकट दिए जाने की है. उधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बताया कि पार्टी आलाकमान की ओर से जल्द ही रामगढ़ सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा कर दी जाएगी.