जयपुर. रामबाग गोल्फ क्लब की अनियमितताओं की जांच का मुद्दा सोमवार को विधानसभा के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान उठा. सदन में उठे इन अनियमितताओं के मुद्दे की जांच भजनलाल सरकार एसओजी से कराएगी. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने विधायक कालीचरण सर्राफ के सवाल पर जवाब देते हुए इसकी घोषणा की. इसके साथ खर्रा ने यह भी कहा कि गोल्फ क्लब की जमीन JDA के स्वामित्व की है.
SOG करेगी गोल्फ क्लब की जांच : दरअसल, विधानसभा में बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए रामबाग गोल्फ क्लब के संचालन में कथित रूप से व्याप्त भ्रष्टाचार से उत्पन्न स्थिति का मुद्दा उठा तो UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जवाब देते हुए कहा कि 322 बीघा जमीन 1973 में आवंटित हुई. अधिग्रहण को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर हुई. एक रिट याचिका सर्वोच्च न्यायालय में लगी हुई है. यह सही है कि गोल्फ क्लब जेडीए की जमीन पर बना हुआ है, लेकिन अभी तक इसके एमओयू नहीं हुआ. इसके साथ जो क्लब की प्रबन्ध समिति में सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं है, गोल्फ क्लब की साधारण सभा को स्थगित कर दिया गया. इसकी सदस्यता पर रोक लगी हुई है.
हालांकि, अभी रामबाग गोल्फ क्लब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके साथ 9 फरवरी को अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है. इसके बाद विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि यह बात सही है कि गोल्फ क्लब सभा को ध्वस्त कर दिया गया, लेकिन न्यायालय की रोक के बाद भी सदस्य बनाये जा रहे हैं. साधारण शुल्क एक लाख से ढाई लाख तक है, लेकिन ये 29 लाख से 50 लाख तक शुल्क लिया जा रहा है. यूडीएच के सचिवों को मेम्बर बनाया गया. कई विधायको के बेटों को मेम्बर बना दिया. बिना अध्यक्ष उपाध्यक्ष की अनुमति सदस्य कैसे बनाये जा रहे है?
सर्राफ ने कहा कि जब कोई एमओयू ही नहीं है तो शराब और रेस्टोरेंट संचालन की अनुमति किसने दी है. करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है, जो भी पार्टी सत्ता में रहती है. उनके परिवार के लोग इसके सदस्य बन जाते है. एसओजी से इसकी जांच करवाई जाए. सराफ के ध्यानकर्षण पर जवाब पेश करते हुए मंत्री खर्रा ने कहा कि मैं गोल्फ क्लब में अनियमितताओं की शिकायतों की SOG जांच की घोषणा करता हूं.
अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर सवाल: यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने ज्योंही गोल्फ क्लब में अनियमितताओं की जांच की घोषणा की और विपक्षी सदस्यों ने इसका स्वागत किया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में सदस्य गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन चिंता इस बात की है कि जो घोषणा UDH मंत्री ने की है, उसकी पालना कौन करेगा, क्योंकि सदन में कोई भी संबंधित अधिकारी मौजूद नहीं है. विधानसभा अध्यक्ष आप बताइए कि सदन में इतना महत्वपूर्ण ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगा हुआ है और उससे संबंधित अधिकारी यहां मौजूद नहीं है. इसके बाद सदन में कुछ हंगामा रहा, फिर विधानसभा अध्यक्ष ने आगे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर नाम पुकारा.