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देश में सबसे बड़ी समस्या पॉल्यूशन, पाश्चात्य देशों की नकल करने से ही ये स्थिति बनी : देवनानी - Vasudev Devnani over Pollution

Speaker Vasudev Devnani, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने जयपुर के एसएस जैन सुबोध पीजी कॉलेज में आयोजित सेमिनार में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पॉल्यूशन देश की सबसे बड़ी समस्या है. पाश्चात्य देशों की नकल करने से ही आज ये स्थिति बनी है.

Rajasthan Assembly Speaker Vasudev Devnani
Rajasthan Assembly Speaker Vasudev Devnani
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 19, 2024, 9:49 PM IST

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी

जयपुर. 'देश में सबसे बड़ी समस्या पॉल्यूशन की है. इसमें वायु प्रदूषण सबके लिए चिंता का विषय है. विश्व चिंतित होकर इसके मंथन में जुटा हुआ है. इस समस्या को सुलझाने के लिए व्यावहारिक हल खोजना चाहिए.' ये कहना है राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का. जयपुर के एसएस जैन सुबोध पीजी कॉलेज में 'स्ट्रेंथनिंग एक्शंस इंवाल्विंग कम्युनिटी फॉर क्लीन एयर एंड बेटर फ्यूचर' विषय पर बोलते हुए उन्होंने ये बातें कहीं.

वायु प्रदूषण आज एक वैश्विक चुनौती बन गई है. इसके रोकथाम के लिए जन सहभागिता अनिवार्य है. इसी उद्देश्य से जयपुर के एसएस जैन सुबोध पीजी कॉलेज में एक नेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान मौजूद रहे प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि पहले हम साइकिल पर चलते थे, लेकिन अब कार आ गई. ऐसे में एक ही जगह नौकरी करने वाले चार लोग एक साथ कार में जा सकते हैं.

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वायु से समझौता न करें : उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण का समाधान व्यावहारिक ढंग से ही निकाला जा सकता है, नहीं तो केदारनाथ जैसी घटनाएं सामने आएंगी. उन्होंने कहा कि विकास जरूर करें, लेकिन विकास के लिए वायु से समझौता न करें. ये हर इंसान, प्रजाति, जीव-जंतु के लिए आवश्यक है. इस पर सभी मंत्रालयों को समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता है. इसके लिए राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छा शक्ति के साथ समुदाय की इच्छा शक्ति भी जरूरी है. सनातन संस्कृति में अंतरिक्ष शांति, वनस्पति शांति की चर्चा करते हैं, उसको यदि व्यवहार में लाएंगे, तो सब ठीक होगा.

पाश्चात्य देशों की नकल से ये स्थिति बनी : देवनानी ने कहा कि वायु प्रदूषण के लिए पॉपुलेशन से ज्यादा जीवन शैली जिम्मेदार है. विकास के नाम पर बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री खोल रहे हैं, जमकर धुंआ निकल रहा है. आज के समय में इनके समाधान के लिए देश की चीजों को युग अनुकूल बनाएं और युग के डेवलपमेंट को दिशानुकूल बनाएं, जो बाहर हो रहा है सिर्फ उसकी नकल न करें. पाश्चात्य देशों की नकल करने से ही आज ये स्थिति बनी है. उनकी नकल नहीं करने के बजाय उनकी अच्छी बातों और तकनीक से जुड़ेंगे, तो स्थिति ठीक होगी.

पढ़ें. राहुल के 'मुद्दे' पर भाजपा साध रही निशाना, क्या वोट बैंक में भी लगेगी सेंध ?

कई शहर एयर चेंबर : सेमिनार के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. राजेश कुमार यादव ने बताया कि यहां सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, नीरी, टेरी और राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से जुड़े रिसचर्स, वैज्ञानिक और अधिकारी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि दिल्ली सहित कई शहर एयर चेंबर का रूप ले चुके हैं. इसको मद्देनजर रखते हुए इसके सुधार में किस तरह के प्रयास किए जा सकते हैं, उस पर मंथन किया गया है. इससे पहले पत्रकारों के सवाल पर देवनानी ने सीएए को लेकर भी अपनी बात रखी. साथ ही कहा कि सीएए देश के लिए आवश्यक है. देश के दोनों सदनों ने इसको पारित किया है, नियम बना दिए हैं. इनका इंप्लीमेंटेशन शुरू हुआ है. जल्द सारे राज्य इसे लागू करेंगे. ये कानून किसी एक राज्य पर निर्भर नहीं है. ये केंद्रीय कानून है. इसका लाभ आसपास के राष्ट्र से प्रताड़ित होकर आए लोगों को मिलेगा.

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी

जयपुर. 'देश में सबसे बड़ी समस्या पॉल्यूशन की है. इसमें वायु प्रदूषण सबके लिए चिंता का विषय है. विश्व चिंतित होकर इसके मंथन में जुटा हुआ है. इस समस्या को सुलझाने के लिए व्यावहारिक हल खोजना चाहिए.' ये कहना है राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का. जयपुर के एसएस जैन सुबोध पीजी कॉलेज में 'स्ट्रेंथनिंग एक्शंस इंवाल्विंग कम्युनिटी फॉर क्लीन एयर एंड बेटर फ्यूचर' विषय पर बोलते हुए उन्होंने ये बातें कहीं.

वायु प्रदूषण आज एक वैश्विक चुनौती बन गई है. इसके रोकथाम के लिए जन सहभागिता अनिवार्य है. इसी उद्देश्य से जयपुर के एसएस जैन सुबोध पीजी कॉलेज में एक नेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान मौजूद रहे प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि पहले हम साइकिल पर चलते थे, लेकिन अब कार आ गई. ऐसे में एक ही जगह नौकरी करने वाले चार लोग एक साथ कार में जा सकते हैं.

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वायु से समझौता न करें : उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण का समाधान व्यावहारिक ढंग से ही निकाला जा सकता है, नहीं तो केदारनाथ जैसी घटनाएं सामने आएंगी. उन्होंने कहा कि विकास जरूर करें, लेकिन विकास के लिए वायु से समझौता न करें. ये हर इंसान, प्रजाति, जीव-जंतु के लिए आवश्यक है. इस पर सभी मंत्रालयों को समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता है. इसके लिए राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छा शक्ति के साथ समुदाय की इच्छा शक्ति भी जरूरी है. सनातन संस्कृति में अंतरिक्ष शांति, वनस्पति शांति की चर्चा करते हैं, उसको यदि व्यवहार में लाएंगे, तो सब ठीक होगा.

पाश्चात्य देशों की नकल से ये स्थिति बनी : देवनानी ने कहा कि वायु प्रदूषण के लिए पॉपुलेशन से ज्यादा जीवन शैली जिम्मेदार है. विकास के नाम पर बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री खोल रहे हैं, जमकर धुंआ निकल रहा है. आज के समय में इनके समाधान के लिए देश की चीजों को युग अनुकूल बनाएं और युग के डेवलपमेंट को दिशानुकूल बनाएं, जो बाहर हो रहा है सिर्फ उसकी नकल न करें. पाश्चात्य देशों की नकल करने से ही आज ये स्थिति बनी है. उनकी नकल नहीं करने के बजाय उनकी अच्छी बातों और तकनीक से जुड़ेंगे, तो स्थिति ठीक होगी.

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