जयपुर : पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर उपचुनाव के प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई और जीत की अग्रिम शुभकामनाएं दी है. उन्होंने लिखा कि मेरा पूर्ण विश्वास है कि उपचुनाव में जनता-जनार्दन कांग्रेस प्रत्याशियों को भारी मतों से विजयी बनाकर जन मुद्दों को ताकत देगी और विफल भाजपा सरकार को सबक सिखाएगी.
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2024 के लिए घोषित सभी प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई और जीत की अग्रिम शुभकामनाएं. 7 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा के साथ राजस्थान में इंडिया गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों पर अब पूरी तरह से विराम लग चुका है. इससे पहले हालांकि डोटासरा इस बात का संकेत दे चुके थे. इन सभी सीटों पर नए चेहरों के साथ-साथ कांग्रेस ने परंपरागत परिवारों को भी मौका दिया है.
आदिवासी सीट पर नए चेहरों का दाव : इस विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने चौरासी और सलूंबर सीट पर नए चेहरे को लेकर दाव खेला है. चौरासी में यूथ कांग्रेस के महेश रोत को टिकट दिया गया है. छात्रसंघ राजनीति में सक्रिय रहे महेश रोत सांसरपुर सरपंच हैं. वहीं, सलूंबर में कांग्रेस की बागी रहीं रेशमा को टिकट दिया गया है. यहां पूर्व सांसद रघुवीर मीना का टिकट काटा गया है. रघुवीर और उनकी पत्नी बसंती देवी पिछले 5 चुनाव हार चुके है, जबकि रेशमा मीणा पूर्व में कांग्रेस से बगावत करके निर्दलीय लड़ चुकी है. रेशमा चुनाव सराड़ा की प्रधान भी रही हैं.
भावुक हो गए नरेश मीणा : देवली- उनियारा विधानसभा सीट से टिकट की मांग कर रहे नरेश मीणा, प्रत्याशी के ऐलान के बाद भावुक नजर आए. बीते दिनों उन्होंने जयपुर से लेकर देवली उनियारा सीट तक शक्ति प्रदर्शन किया था. बीते दिनों चले पॉलिटिकल ड्रामा पर अब पूरी तरह से विराम लग गया है. नरेश मीणा ने हालांकि चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है, लेकिन साथ ही उन्होंने कोटा जाकर कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल से मुलाकात कर मार्गदर्शन लेने के लिए भी कहा है. इस सीट पर कांग्रेस ने केसी मीणा को प्रत्याशी बनाया है. टिकट नहीं मिलने पर नरेश कैमरे के सामने भावुक होते हुए नजर आए. गौरतलब है कि नरेश इसके पहले विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ भी बागी होकर ताल ठोक चुके हैं.
कांग्रेस के समस्त प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई एवं जीत की अग्रिम शुभकामनाएं।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) October 23, 2024
मेरा पूर्ण विश्वास है कि उपचुनाव में जनता-जनार्दन कांग्रेस प्रत्याशियों को भारी मतों से विजयी बनाकर जन मुद्दों को ताकत देगी एवं विफल भाजपा सरकार को सबक सिखाएगी। https://t.co/WpACNG9p6X
खींवसर में महिला चेहरे पर मुहर : राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और हनुमान बेनीवाल के गढ़ कहे जाने वाले खींवसर विधानसभा क्षेत्र में महिला प्रत्याशी रतन चौधरी को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है. रतन चौधरी पूर्व आईपीएस सवाई सिंह चौधरी की पत्नी हैं. इस टिकट की घोषणा के साथ ही सवाई सिंह ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ दी. उन्होंने लिखा कि पार्टी ने खींवसर में जनभावनाओं का सम्मान नहीं किया, इसलिए बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं. पूर्व आईपीएस खुद पहले भी एक चुनाव लड़ चुके हैं.
दौसा में मुरारी हैं पसंद : प्रदेश में हॉट सीट मानी जा रही दौसा पर इस दफा कांग्रेस ने नया दाव खेलते हुए पुरानी परंपरा को तोड़ा है. कभी पायलट परिवार का गढ़ रही इस सीट पर बीते कुछ दशकों से मीणा जाति का दबदबा रहा है. ऐसे में इस बार सामान्य जाति की इस सीट पर मौजूदा सांसद के कहने पर दलित प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया है. मुरारी लाल मीणा ने अपनी पत्नी और बेटी का दावा यहां छोड़ दिया था.
रामगढ़ और झुंझुनू में परिवार को मौका : कांग्रेस ने अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर आर्यन जुबेर खान को मौका दिया है, जो अपने पिता के इंतकाल के बाद खाली हुई सीट पर विधायक बनने के लिए जोर आजमाइश करेंगे. आर्यन की मां सफिया भी इस सीट पर विधायक रह चुकी हैं. इसी तरह झुंझुनू में मौजूदा सांसद बृजेंद्र ओला की ओर से सीट छोड़े जाने के बाद उनके पुत्र अमित ओला चुनावी मैदान में होंगे. अमित के दादा शीशराम ओला झुंझुनू से विधायक और सांसद रह चुके हैं, वे केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. पिता भी चार बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और पत्नी कांग्रेस की टिकट पर दिल्ली के मॉडल टाउन की प्रत्याशी रही हैं.