जोधपुर: एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन्स ऑफ इंडिया की जोधपुर शाखा एवं डा संपूर्णानन्द मेडिकल कॉलेज जोधपुर के मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित राजापीकॉन 2024 में दो दिन के लिए देश-विदेश के फिजिशियन जुटे हैं. पहले शनिवार को कई विषयों पर व्याख्यान हुए. मेडीकल कॉलेज के सभागार में मुख्य अतिथि एपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा मिलिंद वाई नाड़कर ने इस कांफ्रेंस का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया.
कांफ्रेंस के आयोजन अध्यक्ष डॉ आलोक गुप्ता एवं आयोजन सचिव डॉ गौतम भंडारी ने बताया कि दो दिवसीय कांफ्रेंस के प्रथम दिन वैज्ञानिक सत्र में जयपुर के डॉ विरेन्द्र सिंह ने अस्थमा व सीओपीडी के निदान में पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट की उपयोगिता के बारे में बताया. डॉ सत्यगुप्ता कार्डियोलोजिस्ट अहमदाबाद ने हृदय रोग की जांच में सीटी एंजियोग्राफी की उपयोगिता बताई. इनके अतिरिक्त दिल्ली के डॉ अनन्त मोहन, जोधपुर के डॉ नवीन किशोरिया, दिल्ली के डॉ खिलनानी, डॉ गिरीश माथुर व डॉ संदीप टाक के डायबिटीज, लीवर, डीजिज व निमोनिया सम्बन्धित व्याख्यान हुए.
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उद्घाटन सत्र में सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ अब्दुल हकीम को डॉ गोयल लाईफटाईम एचीवमेन्ट एवार्ड से नवाजा गया. इस अवसर पर डॉ अरविन्द जैन ने राज्य एपीआई के अध्यक्ष का पद ग्रहण किया तथा गिरधर सिंह भाटी ने मुख्य अतिथि से ई सोविनार का लोकार्पण कराया. इस अवसर पर जोधपुर के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ आरएम सिंघवी, डॉ दिनेश कोठारी, डॉ अशोक सिंह राठौड़, डॉ पृथ्वी सिंह चौधरी, डॉ गिरधर सिंह भाटी, डॉ प्रवीण जैन को शॉल व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.
उद्घाटन समारोह में नेशल एपीआई के मानद सचिव डॉ आगम सी वोरा, पूर्व अध्यक्ष डॉ केके पारीक, डॉ गिरीश माथुर, मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी के उपकुलपति डॉ एमके आसेरी व डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर के प्रिंसीपल डॉ बीएस जोधा सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे. सांइटिफिक चेयरमैन डॉ नवीन किशोरिया एवं डॉ संदीप टाक ने बताया कि दो दिनों में 200 से ज्यादा पेपर प्रजेन्टेशन, पोस्टर प्रतियोगिता एवं क्विज का भी आयोजन हो रहा है.
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पैरों की धमनियों में भी डाले जा सकते है स्टेंट: अमेरीका के कार्डियोलोजिस्ट डॉ सुनिल कल्ला ने पैरों में खून की नली के ब्लॉक, सूजन और इसकी स्टैंटिंग से इलाज पर व्याख्यान दिया. उन्होंने बताया कि हार्ट की धमनियों की तरह यहां भी स्टेंट का प्रयोग किया जा सकता है. विख्यात रयूमेटोलोजिस्ट डॉ रोहिणी हांडा ने गठिया रोग में बायलोजिकल व इम्यूनोलोजिकल की नवीन औषधियों की उपयोगिता से अवगत कराया. कैंसर रोग लिम्फोमा के निदान व नवीनतम उपचार पर चर्चा करते हुये डॉ रीना नायर ने बताया कि इस उपचार से मरीजों की आयु में निरन्तर वृद्धि हो रही है. मुंबई के विख्यात एंडोक्राइनोलोजिस्ट डॉ शंशाक जोशी ने थायराइड की बीमारीयों और उनके उपचार पर व्याख्यान दिया. एम्स दिल्ली की डॉ मंजरी त्रिपाठी ने जटिल मिर्गी रोग पर व्याख्यान दिया. मुंबई के डॉ मंगेश तिवासकर ने आधुनिक खान-पान के कारण होने वाले दुष्प्रभाव व मोटापा से सम्बन्धित बीमारीयों की जानकारी दी.