रायसेन। पिछले तीन महीनों से रायसेन जिले में टाइगर का मूवमेंट लगातार बना हुआ है. टाइगर को पकड़ने के लिए पन्ना और कान्हा टाइगर रिजर्व से पांच हाथियों को लाया गया है. टाइगर इन सब से कहीं ज्यादा होशियारी दिखा रहा है. वन विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी रॉयल टाइगर पकड़ से अब भी बाहर है. टाइगर की मूवमेंट से रायसेन शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच डर का माहौल बना हुआ है.
लगातार पकड़ से है दूर
रायसेन शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में टाइगर का मूवमेंट बना हुआ है. टाइगर को पकड़ने के लिए कान्हा और पन्ना टाइगर रिजर्व से 5 हाथियों को लाया गया है. हाथियों के साथ 40 लोगों की टीम को भी बुलाया गया है, जो पूरी मुस्तैदी के साथ टाइगर को पकड़ने के लिए जुटे हुए हैं. जैसे ही कहीं से टाइगर के मूवमेंट की सूचना मिलती है. यह टीम उसे ट्रैप करने के लिए मौके पर पहुंच जाती है, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी टाइगर अभी तक वन विभाग की पकड़ से बाहर है. टाइगर के न पकड़े जाने के कारण लोगों में दहशत का माहौल है.
ट्रैप करने के लिए 5 हाथियों को लाया गया है
आपको बता दें कि, रॉयल गार्डन के सीसीटीवी कैमरे में टाइगर देखा गया था, जिसके ठीक 1 महीने बाद इस टाइगर ने तेंदूपत्ता तोड़ने गए एक बुजुर्ग पर पीछे से हमला कर उसे जान से मार डाला था. टाइगर के इस हमले के बाद से ही वाइल्ड लाइफ एनिमल एक्सपर्ट और वन विभाग की टीम दिन-रात उसकी तलाश में जुटी हुई है. टाइगर को पकड़ने के लिए अलग-अलग जगह पर लगभग डेढ़ सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. जो टाइगर की मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं. पन्ना और कान्हा टाइगर रिजर्व से लाये गए पांचों हाथियों को फिलहाल अमरावद की घाटी में रखा गया है. बताया जा रहा है कि यहां पर टाइगर की मूवमेंट देखी गई थी और इन हाथियों के दल से टाइगर की तलाश की जा रही है.
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वन विभाग पकड़ने के लिए लगातार कर रहा है प्रयास
वन परिक्षेत्र, पूर्व के रेंजर प्रवेश पाटीदार ने बताया कि, 'हमारा काम टाइगर की सुरक्षा करने के साथ लोगों के बीच फैले हुए डर को भी कम करना है. फिलहाल हमारे जो वालंटियर हैं वह लोगों को समझाइश दे रहे हैं कि अकेले में वन क्षेत्र में ना निकले, खासकर उस क्षेत्र में जहां पर टाइगर का मूवमेंट है'. इसके अलावा उन्होंने कहा कि, 'जैसे ही सारी परिस्थितियां अनुकूल होंगी और टाइगर की सही लोकेशन का पता चलेगा वैसे ही हम टाइगर को ट्रेंकुलाइज कर लेंगे. पकड़े जाने के बाद उसे किसी दूसरे वन क्षेत्र में शिफ्ट कर दिया जाएगा'.