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रातापानी में छिपा है अंग्रेजों का राज!, जंगल के बीच द्वितीय विश्व युद्ध का रहस्य आया सामने - RAISEN PRISONER WAR CAMP

रायसेन स्थित रातापानी टाइगर रिजर्व के बीच छिपा है द्वितीय विश्व का इतिहास. अंग्रेजों ने यहां 30 हजार नाजी जर्मन और इटली सैनिकों को बंदी बनाकर रखा था.

RAISEN PRISONER WAR CAMP
रातापानी में बनाया गया था युद्ध बंदी कैप (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 15, 2025, 4:17 PM IST

रायसेन: द्वितीय विश्व युद्ध की आपने कई कहानियां पढ़ी और सुनी होंगी पर इतिहास के कई ऐसे पन्ने हैं जो शायद आज तक इस दुनियां के सामने नहीं आए हैं. आज हम द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़े इतिहास के कुछ अनकहे पन्नों पर प्रकाश डालेंगे, जो अभी तक शायद आपकी जानकारी में नहीं होंगे. मध्य प्रदेश का रायसेन जिला भी द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़ा हुआ था. यहां पर ब्रिटिश सेना ने लगभग 30 हजार नाजी जर्मनी और इटली के सैनिकों को युद्ध बंदी बनाकर कैदखाने में रखा था. जानते हैं विस्तार से.

रातापानी टाइगर रिजर्व के बीच छिपा है इतिहास

मध्य प्रदेश का रायसेन जिला अपनी कई ऐतिहासिक धरोहरों के लिये जाना जाता है. जहां पर पूरा पाषाण काल से लेकर बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई कई विश्व प्रसिद्ध इमारतें हैं. इस जिले का संबंध द्वितीय विश्व युद्ध से भी था. रायसेन में मध्य प्रदेश का 8वां नवीनतम टाइगर रिजर्व, रातापानी में द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़ी कई ऐसी इमारतें हैं, जो आज भी उस दौर की दास्तां को बयां करती हैं. अब तक यह कैदखाना आम लोगों की नजरों से ओझल था. रातापानी टाइगर रिजर्व के घने जंगल में स्थित इस कैदखाने में अंग्रेजों ने युद्ध बंदियों कैद करके रखा था.

Raisen Britishers built war camp
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने बनवाया था युद्ध बंदी कैंप (ETV Bharat)

सैनिकों को कैद रखने के लिए बनाया गया था कैंप

सन 1939 में जब मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र के लगभग 70 देशों के मध्य युद्ध चल रहा था, तभी ब्रिटिश सेना ने दुश्मन सेना के पकड़े गये सैनिकों को कैद करने के लिये युद्ध बंदी कैंप का निर्माण कराया था. यह कैंप घने जंगल के बीच लगभग 9 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें युद्ध बंदियों के लिए कैद खाने के साथ सिनेमा हॉल, घोड़ों के लिये अस्तबल, सर्विस स्टेशन और सैनिकों के आवास बनाये गए थे. जिनके निशान आज भी मौजूद हैं.

Raisen 2nd World War prisoner camp
30 हजार नाजी जर्मन और इटली के सैनिकों को बंदी बनाकर रखा गया था (ETV Bharat)

रातापानी टाइगर रिजर्व बनने से पहले यह रातापानी अभ्यारण हुआ करता था. आम लोगों का इस स्थान पर जाना माना था. इस कारण यह स्थान आज तक ज्यादा किसी की जानकारी में नहीं था. पर इतिहास की इन धरोहरों को आज मरम्मत की जरूरत है, जो देखरेख के अभाव के चलते जर्जर नजर आने लगी हैं.

नाजी जर्मन और इटली के 30 हजार सैनिकों को रखा गया था

इस संबंध में आगे की जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश वन विभाग के रिसर्चर अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (APCCF) कृष्णमूर्ति ने बताया कि "घने जंगल के बीच टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में यह इमारतें मौजूद हैं, जो लगभग 9 स्क्वायर किलोमीटर में फैली हुई हैं. रातापानी टाइगर रिजर्व बनने से यहां पर लोगों का आना आसान हो गया. यह एक टूरिस्ट स्पॉट की तरह है.

Ratapani Tiger Reserve fact
रातापानी टाइगर रिजर्व के बीचोंबीच स्थित है यह कैंप (ETV Bharat)

जिन लोगों को इतिहास से जुड़ी हुई चीजों का अवलोकन करने में अच्छा लगता है, ऐसे लोगों के लिए यह एक रोमांचकारी सफर साबित होगा. द्वितीय विश्व युद्ध की इन इमारत को देखने के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों को जंगल सफारी के माध्यम से टाइगर के परिवेश की भी जानकारी मिलेगी. यहां आने वाले पर्यटक देखेंगे कि कैसे 30 हजार नाजी जर्मनी और इटली सेना के युद्ध बंदियों को ब्रिटिश सेना ने अपनी कैद में कर रखा था."

रायसेन: द्वितीय विश्व युद्ध की आपने कई कहानियां पढ़ी और सुनी होंगी पर इतिहास के कई ऐसे पन्ने हैं जो शायद आज तक इस दुनियां के सामने नहीं आए हैं. आज हम द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़े इतिहास के कुछ अनकहे पन्नों पर प्रकाश डालेंगे, जो अभी तक शायद आपकी जानकारी में नहीं होंगे. मध्य प्रदेश का रायसेन जिला भी द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़ा हुआ था. यहां पर ब्रिटिश सेना ने लगभग 30 हजार नाजी जर्मनी और इटली के सैनिकों को युद्ध बंदी बनाकर कैदखाने में रखा था. जानते हैं विस्तार से.

रातापानी टाइगर रिजर्व के बीच छिपा है इतिहास

मध्य प्रदेश का रायसेन जिला अपनी कई ऐतिहासिक धरोहरों के लिये जाना जाता है. जहां पर पूरा पाषाण काल से लेकर बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई कई विश्व प्रसिद्ध इमारतें हैं. इस जिले का संबंध द्वितीय विश्व युद्ध से भी था. रायसेन में मध्य प्रदेश का 8वां नवीनतम टाइगर रिजर्व, रातापानी में द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़ी कई ऐसी इमारतें हैं, जो आज भी उस दौर की दास्तां को बयां करती हैं. अब तक यह कैदखाना आम लोगों की नजरों से ओझल था. रातापानी टाइगर रिजर्व के घने जंगल में स्थित इस कैदखाने में अंग्रेजों ने युद्ध बंदियों कैद करके रखा था.

Raisen Britishers built war camp
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने बनवाया था युद्ध बंदी कैंप (ETV Bharat)

सैनिकों को कैद रखने के लिए बनाया गया था कैंप

सन 1939 में जब मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र के लगभग 70 देशों के मध्य युद्ध चल रहा था, तभी ब्रिटिश सेना ने दुश्मन सेना के पकड़े गये सैनिकों को कैद करने के लिये युद्ध बंदी कैंप का निर्माण कराया था. यह कैंप घने जंगल के बीच लगभग 9 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें युद्ध बंदियों के लिए कैद खाने के साथ सिनेमा हॉल, घोड़ों के लिये अस्तबल, सर्विस स्टेशन और सैनिकों के आवास बनाये गए थे. जिनके निशान आज भी मौजूद हैं.

Raisen 2nd World War prisoner camp
30 हजार नाजी जर्मन और इटली के सैनिकों को बंदी बनाकर रखा गया था (ETV Bharat)

रातापानी टाइगर रिजर्व बनने से पहले यह रातापानी अभ्यारण हुआ करता था. आम लोगों का इस स्थान पर जाना माना था. इस कारण यह स्थान आज तक ज्यादा किसी की जानकारी में नहीं था. पर इतिहास की इन धरोहरों को आज मरम्मत की जरूरत है, जो देखरेख के अभाव के चलते जर्जर नजर आने लगी हैं.

नाजी जर्मन और इटली के 30 हजार सैनिकों को रखा गया था

इस संबंध में आगे की जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश वन विभाग के रिसर्चर अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (APCCF) कृष्णमूर्ति ने बताया कि "घने जंगल के बीच टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में यह इमारतें मौजूद हैं, जो लगभग 9 स्क्वायर किलोमीटर में फैली हुई हैं. रातापानी टाइगर रिजर्व बनने से यहां पर लोगों का आना आसान हो गया. यह एक टूरिस्ट स्पॉट की तरह है.

Ratapani Tiger Reserve fact
रातापानी टाइगर रिजर्व के बीचोंबीच स्थित है यह कैंप (ETV Bharat)

जिन लोगों को इतिहास से जुड़ी हुई चीजों का अवलोकन करने में अच्छा लगता है, ऐसे लोगों के लिए यह एक रोमांचकारी सफर साबित होगा. द्वितीय विश्व युद्ध की इन इमारत को देखने के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों को जंगल सफारी के माध्यम से टाइगर के परिवेश की भी जानकारी मिलेगी. यहां आने वाले पर्यटक देखेंगे कि कैसे 30 हजार नाजी जर्मनी और इटली सेना के युद्ध बंदियों को ब्रिटिश सेना ने अपनी कैद में कर रखा था."

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