फिरोजाबाद/बलिया/झांसी/मिर्जापुर/संतकबीरनगर : यूपी में लगातार हो रही बारिश से कई जिलों में बाढ़ आ गई है. कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहां बरसात के पानी से काफी नुकसान हुआ है. बात करें फिरोजाबाद जिले की तो यहां सामान्य से कई गुना ज्यादा बारिश होने की वजह से फसलें तो प्रभावित हुई हैं, साथ ही सड़कों पर जलभराव से लोगों के आवागमन में भी दिक्कतें आ रही हैं. ग्रामीणों के साथ-साथ शहरी इलाकों में भी इस बारिश ने गंभीर समस्या खड़ी कर दी है.
जानकारी के मुताबिक, फिरोजाबाद शहर को हाथवंत, मुस्तफाबाद, एका समेत तमाम गांव से जोड़ने वाले सांती मार्ग पर पानी भरने से लोगों को सड़क चलने में भी दिक्कतें आ रही हैं. यहां सड़क के किनारे तालाब का पानी ओवरफ्लो होने के कारण सड़क पर भर गया है और लोग पानी में होकर निकलने को मजबूर हैं. उनकी बाइकें पानी में फंसकर बंद हो जाती हैं. ऐसा ही नजारा फिरोजाबाद शहर को खैरगढ़ से जोड़ने वाली सड़क का है. इस सड़क पर गांव लालई के निकट पानी भर गया है. शहर की बात करें तो वैसे तो बरसात होने से पूरे शहर में खासकर नेशनल हाईवे के सर्विस लेन पर जलभराव की समस्या पैदा हो जाती है, लेकिन यहां चंद्रवार गेट पुल के नीचे कई फीट पानी भरने से आवागमन बंद है.
पैदल राहगीर रेल लाइन क्रॉस कर निकलने को मजबूर हैं या फिर उन्हें आसफाबाद ओवरब्रिज से होकर निकलना पड़ रहा है. नई आबादी क्षेत्र दीदामई, रामगढ़ में तो इस कदर जलभराव है की लोगों के घरों में पानी भर गया है. किसानों के नुकसान की बात करें तो इस जलभराव से बाजरा और मिर्च की फसल में काफी नुकसान हुआ है. फिरोजाबाद के नारखी इलाके में तो 80 फीसदी किसान अचारी मिर्च और शिमला मिर्च की खेती करते हैं, लेकिन बरसात ने मिर्च की पौध को नष्ट कर दिया है, जिससे किसान टेंशन में हैं. बरसात से बाजरा की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है.
बलिया में बाढ़ के पानी से टूटा NH31 : बलिया में बाढ़ के पानी के दबाव की वजह से नेशनल हाईवे 31 टूट गया. जिसकी वजह से जिसकी वजह से यूपी-बिहार का सम्पर्क टूट गया. बैरिया तहसील क्षेत्र अन्तर्गत चांददियर के पास करीब 48 मीटर का मार्ग टूट गया है, इससे आस-पास की बस्तियों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है. बुधवार को रात करीब 1 बजे एनएच 31 टूटने की सूचना मिलते ही अधिकारियों मे हड़कम्प मच गया. जिले में गंगा, घाघरा व टोंस नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है, वहीं फ्लड एरिया के तीन दर्जन से अधिक स्कूल बंद हैं, वहीं ग्रामीणों ने बताया कि यहां बंधा टूट जाने की वजह से बिहार और यूपी का सम्पूर्ण टूट गया है. एनडीआरएफ की टीम आ गई है, काम चल रहा है. सम्पर्क मार्ग टूटने से लगभग 5 हजार की आबादी प्रभावित है. उप जिलाधिकारी बैरिया सुनील कुमार ने बताया कि एनडीआरएफ टीम पहुंचकर राहत व बचाव कार्य में जुटी है.
झांसी में एक हफ्ते में दो बार भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात : मंगलवार की रात बारिश से जनपद झांसी के कस्वा गुरसरांय में बुधवार की सुबह एक बार फिर से बाढ़ जैसे हालत बन गए. नगर के मुख्य बाजार में दुकानों में पानी भर गया. खासकर के नगर के मुहल्ला पटकाना, पाएगा, मातवाना, गांधीनगर सहित अन्य मोहल्ले के घरों में लगभग दो-दो फिट पानी भर गया. एक हफ्ते पहले ही भारी बारिश से गुरसरांय में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे, लेकिन इसके बावजूद भी जिम्मेदार नहीं चेते. वहीं मुहल्ला गांधीनगर निवासी पुष्पा देवी का कच्चा मकान भर भराकर गिर गया, जिससे उसका सारा सामान घर के मलबे में दब गया. गनीमत रही कि जिस कमरे की छत गिरी थी, उसमें कोई भी नहीं सो रहा था. पीड़ित ने शासन से मुआवजे की मांग की है.
संभल में कच्चा मकान ढहने से बुजुर्ग दंपति की मौत : जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते कच्चा मकान ढह गया. मकान के मलबे में दबकर बुजुर्ग दंपति चंदन और उनकी पत्नी श्यामवती की मौत हो गई. आनन-फानन में ग्रामीणों ने मलबे से निकालकर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सक ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया. दंपति की मौत से परिवार में कोहराम मच गया. मामला बहजोई थाना इलाके के गांव धतरा शेख का है. एडीएम प्रशासन प्रदीप वर्मा ने बताया कि तेज बारिश के चलते कच्चे मकान की दीवार गिरने से दंपति की मौत हुई है. दंपति दूसरे मकान में रहते थे, लेकिन यहां उनके पशु बंधते थे. मौके पर चंदौसी एसडीएम को भेजा गया है, उनसे रिपोर्ट ली गई है. मृतक दंपति के परिजनों को सरकारी सहायता मुहैया कराई जाएगी.
मिर्जापुर में ग्रामीण महिलाओं ने रोकी डीएम की गाड़ी : पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते मिर्जापुर जनपद में भी गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचकर धीरे-धीरे कम होने लगा है. फिर भी गंगा के तेज बहाव से कटान होने से किनारे बसे आशियानों पर खतरा मडराने से ग्रामीण भयभीत हैं. सदर तहसील के बीजर कला गांव की एक दर्जन महिलाओं ने अपने आशियाने को कटान से बचाने और जिनके मकान और जमीन डूब गए हैं उनके लिए व्यवस्था किए जाने को लेकर डीएम से गुहार लगाई है. इस दौरान जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की गाड़ी कार्यालय से निकलने पर कलक्ट्रेट परिसर में पीड़ित महिलाओं ने रोक ली. जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने गाड़ी से उतरकर ग्रामीण महिलाओं की समस्या को सुना और उसका निस्तारण करने का जल्द से जल्द आश्वासन दिया. ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि गंगा नदी का पानी बढ़ने से घरों के पास कटान हो रहा है जो आशियाना बना है उसके उजाड़ने का डर लग रहा है. हम गरीबों की भी सरकार कहीं व्यवस्था करे.
प्रयागराज में छात्र-छात्राओं को नहीं मिल रहा टिफिन: गंगा और यमुना दोनों नदियां अब स्थिर हो गई है, लेकिन निचले इलाकों में पानी अब भी भरा हुआ है. ज्यादातर छात्र बाहर से टिफिन मंगाते हैं. ऐसे हालात में उनको टिफिन नहीं मिल रहा है. कछारी इलाकों के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. यहां परिवारों ने छतों पर डेरा डाल रखा है. जिलाधिकारी रविंद्र कुमार बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं.
मिर्जापुर में बाढ़ से परेशानी बढ़ी, 154 गांवों में फसलें हुईं चौपट: मिर्जापुर जनपद में बाढ़ ने जमकर कहर बरपाया है. गंगा नदी के बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का हुआ है. एडीएम शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि बाढ़ के कारण 171 गांव प्रभावित हुए हैं. 154 गांवों में फसलें डूब गईं. गंगा के पानी का स्तर अचानक तेजी से बढ़ाने के चलते किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. खेत में लगी सब्जियां जैसे मिर्च, कद्दू, लौकी, खीरा, बैंगन, नेनेवा, परवल, मूंगफली और मक्का जैसी फसलें जलमग्न होने के कारण बर्बाद हो चुकी हैं. बाढ़ में 92 परिवारों को मदद पहुंचायी गयी. साथ ही 42 लोगों को विस्थापित किया गया.
सोनभद्र में रिहंद बांध का फाटक खोले गये: सोनभद्र के रेणुकूट में स्थित रिहंद बांध के कैचमेंट एरिया छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से लगातार आ रहे पानी को देखते हुए बांध के 9 फाटक खोल दिए गए. सभी फाटकों को 15-15 फीट खोलकर पानी निकाला गया. बड़ी संख्या में लोग बांध के खुले फाटकों को देखने के लिए पहुंचे. बांध का जलस्तर बुधवार को 870 फीट पहुंच गया था.
सुल्तानपुर में प्रभारी मंत्री ने किट वितरण किया : जिले की प्रभारी मंत्री विजयलक्ष्मी गौतम गुरुवार को संतकबीर नगर पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र धनघटा का दौरा किया. वहां पहुंचकर प्रभारी मंत्री ने बाढ़ से ग्रसित लोगों में किट वितरण करते हुए बाढ़ के हालात को जाना. इस दौरान प्रभारी मंत्री ने प्रशासनिक अफसर को बाढ़ से बचाव के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए. इस दौरान मंत्री विजयलक्ष्मी गौतम ने बाढ़ प्रभावित लगभग 2100 परिवारों में से गुरुवार को लगभग 100 परिवारों को बाढ़ राहत सामग्री किट का वितरण किया गया. बता दें तहसील धनघटा के कुल 20 गांव कुर्मियान टोला, पहलवान की कुटी, चपरापूर्वी का पटौहा टोला, आगापुर उर्फ गुलरिहा, सियरकला खरगपुर, गायघाट ढोलबजा, चकदहा, भौवापार, करनपुर, कंचनपुर, सियाराम अधीनसिंह, धमचिया, गुनवतिया, सरैया, सुअरहा इत्यादि वर्तमान में घाघरा नदी में जल स्तर अचानक बढ़ जाने के कारण बाढ़ से प्रभावित हैं.