अलवर: इस साल मानसून की अच्छी बारिश से किसान, व्यापारी और पर्यटक बाग-बाग हैं, लेकिन पानी ने सड़क ही नहीं, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे की सूरत भी बिगाड़ी दी है. बारिश के पानी से सड़कों से डामर उखड़कर सड़कें अब गड्ढों में तब्दील होने लगी हैं, इस कारण दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है. गड्ढों से तेज स्पीड से चलने वाले वाहनों के अनियंत्रित होने से बढ़ती दुर्घटनाओं की आशंका के चलते एनएचएआई ने एक्सप्रेस वे पर मरम्मत कार्य शुरू करा दिया है.
दिल्ली, जयपुर और अन्य बड़े शहरों के लिए सफर करने वाले वाहन चालकों की पहली पसंद बना दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे की सूरत इन दिनों तेज बारिश से बिगड़ने लगी है. अलवर जिले से गुजर रहे एक्सप्रेस वे के चैनल नम्बर 113.1 और वापसी में चैनल नम्बर 103.5 के पास बारिश के पानी से गड्ढेंबन गए हैं. इसके अलावा भी एक्सप्रेस वे पर कुछ स्थानों पर बारिश से गड्ढें बन गए हैं. इससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करने के साथ ही दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है. हालांकि, एनएचएआई ने इन गड्ढों की मरम्मत का कार्य भी शुरू करा दिया है, लेकिन बारिश का दौर नहीं थमने से एक्सप्रेस वे पर गड्ढों की समस्या से पूरी तरह निजात मिल पाना अभी संभव नहीं हो पा रहा है.
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पानी से उखड़ जाता है डामर : सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर पीके जैन के अनुसार डामर और पानी में सदैव बैर रहता है. इस साल अलवर जिले में अच्छी बारिश हो रही है, जिससे सड़कों पर पानी भरना स्वभाविक है. जैसे ही डामर पानी के सम्पर्क में आता है, वह सड़कों से अपना बेस छोड़ने लगता है, जिससे गड्ढें बन जाते हैं. हालांकि, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे के निर्माण में उच्च तकनीक का प्रयोग किया गया है. एक्सप्रेस वे पर वाहन तेज गति से चलते हैं, इस कारण कई बार गड्ढों में वाहनों के पहिए जाने पर वे उछल जाते हैं. इससे वाहन अनियंत्रित होकर कई बार दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाते हैं. ऐसे में वाहन चालकों को बारिश के दिनों में सड़कों पर वाहन देखकर और नियंत्रित गति में ही चलाने चाहिए.
गड्ढों की मॉनिटरिंग के लिए टीम तैनात : एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीके कौशिक का कहना है कि लगातार बारिश के चलते एक्सप्रेस पर गड्ढों की शिकायतें मिली हैं. इन गड्ढों की तुरंत मरम्मत के लिए मेंटेनेंस टीम तैनात की हुई है. जैसे ही एक्सप्रेस वे पर गड्ढों की जानकारी मिलती है, मेंटेनेंस टीम को तुरंत मरम्मत के लिए भेजकर गड्ढों की रिपेयर कराई जाती है.