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पटना जंक्शन पर चला 'ऑपरेशन क्लीन', अंतरराज्यीय नशा खुरानी गिरोह से जुड़े चाचा-भतीजा गिरफ्तार - Rail Police Arrested Drug Supplier

Rail Police Arrested Drug Supplier: रेल पुलिस ने पटना जंक्शन पर शनिवार को ऑपरेशन क्लीन के तहत अभियान चलाया था. इस दौरान पुलिस ने चाचा-भतीजा को नशे की दवा के गिरफ्तार किया और नशा खुरानी गिरोह का उद्भेदन किया. दोनों पर पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज है.

Rail Police Arrested Drug Supplier
पटना जंक्शन पर चलाया गया ऑपरेशन क्लीन अभियान
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 20, 2024, 7:28 PM IST

पटना: पटना रेल पुलिस द्वारा नालंदा के रहने वाले नशा खुरानी गिरोह के चाचा-भतीजा गैंग का उद्भेदन किया गया है. रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने बताया कि ऑपरेशन क्लीन के तहत आज शनिवार को पटना स्टेशन पर चेकिंग हो रही थी. इसी क्रम में पटना जंक्शन के पश्चिमी छोर पर मीठापुर आरओबी के पास से चेकिंग के दौरान महेश केवट और घनश्याम केवट उर्फ सोनू नाम के संदिग्ध की तलाशी ली गई. इस दौरान उसके पास से काफी मात्रा में नींद की प्रतिबंधित दवा, 4 मोबाइल, 4 आधार कार्ड, तीन पैकेट बिस्कुट बरामद किया गया.

बिस्कुट में नींद की गोली मिला देते: उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा जब इनलोगों से पूछताछ की गई तो, इन्होंने बताया कि ये घूम घूमकर लोगों को चाय और क्रीम बिस्कुट में नींद की गोली मिलाकर देते थे. बेहोश होते ही यात्री के सामान को गायब कर देते थे. वहीं, दोनों रिश्ते में सगे चाचा भतीजा लगते हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में इनके द्वारा नशाखुरानी जैसी घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की गई है.

यात्री का सामान लेकर फरार हो जाते: रेल एसपी पटना ने बताया कि यात्रियों से दोस्ती बनाकर क्रीम बिस्कुट और चाय में नींद की दवा गुपचुप तरीके से मिलाकर खिला पिला देते थे. इसके बाद जैसे यात्री बेहोश हो जाते थे. ये लोग कैमरे से बचते हुए उनके सामान को लेकर फरार हो जाते थे.

कई मामलों में निकले आरोपी: उन्होंने बताया कि इन लोगों द्वारा बताया गया कि बीते 31 मार्च को पटना जंक्शन पर जो घटना हुई थी, उसमें भी दोनों संलिप्त थे. इन लोगों द्वारा पटना जंक्शन पर नालंदा के रहने वाले गौतम पासवान और उनके भतीजे आशीष कुमार को चाय में नशीला पदार्थ पिलाया था, जिसमें इलाज के दौरान गौतम पासवान की मृत्य हो गई थी. जबकि भतीजा आशीष बच गया था.

पूर्व से रहा है अपराधिक इतिहास: दोनों मुंबई से पटना जंक्शन आए थे और रात में ट्रेन पकड़कर नालंदा जाने वाले थे. इसी दौरान दोनों ने नशाखुरानी का शिकार बना लिया गया. पकड़े गए दोनों अभयुक्तों का पूर्व से अपराधिक इतिहास रहा है. दोनों जेल भी गए हुए है. बेल पर बाहर आए थे और पहचान छिपाकर रह रहे थे.

"मामले को गंभीरता से देखते हुए रेल मुख्यालय डीएसपी प्रभाकर तिवारी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था. पुलिस इस पूरे मामले में वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान कर रही है. ये लोग जहां से प्रतिबंधित दवा लाते थे, वहां भी जांच पड़ताल की जाएगी. गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है." - अमृतेंदु शेखर ठाकुर, रेल एसपी, पटना

इसे भी पढ़े- पटना जंक्शन के टीटीई पर हमला, टिकट चेकिंग में अपराधी ने चाकू मारा, 12 टांके लगे

पटना: पटना रेल पुलिस द्वारा नालंदा के रहने वाले नशा खुरानी गिरोह के चाचा-भतीजा गैंग का उद्भेदन किया गया है. रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने बताया कि ऑपरेशन क्लीन के तहत आज शनिवार को पटना स्टेशन पर चेकिंग हो रही थी. इसी क्रम में पटना जंक्शन के पश्चिमी छोर पर मीठापुर आरओबी के पास से चेकिंग के दौरान महेश केवट और घनश्याम केवट उर्फ सोनू नाम के संदिग्ध की तलाशी ली गई. इस दौरान उसके पास से काफी मात्रा में नींद की प्रतिबंधित दवा, 4 मोबाइल, 4 आधार कार्ड, तीन पैकेट बिस्कुट बरामद किया गया.

बिस्कुट में नींद की गोली मिला देते: उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा जब इनलोगों से पूछताछ की गई तो, इन्होंने बताया कि ये घूम घूमकर लोगों को चाय और क्रीम बिस्कुट में नींद की गोली मिलाकर देते थे. बेहोश होते ही यात्री के सामान को गायब कर देते थे. वहीं, दोनों रिश्ते में सगे चाचा भतीजा लगते हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में इनके द्वारा नशाखुरानी जैसी घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की गई है.

यात्री का सामान लेकर फरार हो जाते: रेल एसपी पटना ने बताया कि यात्रियों से दोस्ती बनाकर क्रीम बिस्कुट और चाय में नींद की दवा गुपचुप तरीके से मिलाकर खिला पिला देते थे. इसके बाद जैसे यात्री बेहोश हो जाते थे. ये लोग कैमरे से बचते हुए उनके सामान को लेकर फरार हो जाते थे.

कई मामलों में निकले आरोपी: उन्होंने बताया कि इन लोगों द्वारा बताया गया कि बीते 31 मार्च को पटना जंक्शन पर जो घटना हुई थी, उसमें भी दोनों संलिप्त थे. इन लोगों द्वारा पटना जंक्शन पर नालंदा के रहने वाले गौतम पासवान और उनके भतीजे आशीष कुमार को चाय में नशीला पदार्थ पिलाया था, जिसमें इलाज के दौरान गौतम पासवान की मृत्य हो गई थी. जबकि भतीजा आशीष बच गया था.

पूर्व से रहा है अपराधिक इतिहास: दोनों मुंबई से पटना जंक्शन आए थे और रात में ट्रेन पकड़कर नालंदा जाने वाले थे. इसी दौरान दोनों ने नशाखुरानी का शिकार बना लिया गया. पकड़े गए दोनों अभयुक्तों का पूर्व से अपराधिक इतिहास रहा है. दोनों जेल भी गए हुए है. बेल पर बाहर आए थे और पहचान छिपाकर रह रहे थे.

"मामले को गंभीरता से देखते हुए रेल मुख्यालय डीएसपी प्रभाकर तिवारी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था. पुलिस इस पूरे मामले में वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान कर रही है. ये लोग जहां से प्रतिबंधित दवा लाते थे, वहां भी जांच पड़ताल की जाएगी. गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है." - अमृतेंदु शेखर ठाकुर, रेल एसपी, पटना

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