जोधपुर. जोधपुर रेल मंडल के उपनगरीय रेलवे स्टेशन राई का बाग पैलेस जंक्शन के नाम को लेकर राईका देवासी समाज सोमवार को आंदोलन करने जा रहा है. इसमे भाग लेने हजारों की संख्या में समाज के लोग पूरे देश से आ रहे हैं. रविवार को समाज के प्रतिनिधियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका एलान किया है.
समाज के लालसिंह राईका ने बताया कि रेलवे स्टेशन के नाम सुधारने के लिए राज्य सरकार की अनुसंशा मांगता है, लेकिन दुर्भाग्य है कि भाजपा का समर्थन करने के बाद भी अब सरकार बनने पर हमारी सुनवाई नहीं हो रही है. समाज के राजनीतिक प्रतिनिधि की ओर से लगातार पत्र भेजे गए, जिनको सरकार ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया, इसलिए हमने अब आंदोलन करने का तय कर लिया है. समाज का प्रतिनिधित्व सरकार में भी शामिल है, लेकिन उनकी भी सुनवाई नहीं की जा रही है.
पढ़ें. राई का बाग नहीं, राईका बाग करो स्टेशन का नाम, 1 जुलाई को आंदोलन
आंदोलन समिति के अध्यक्ष कपूर राईका ने बताया कि 80 फीसदी से अधिक लोग भाजपा का समर्थन करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि हमारी अब सुनवाई नहीं हो रही है, लेकिन अब हम पीछे नहीं हटेंगे. आर-पार की लड़ाई होगी. बता दें कि राईका बाग पैलेस का निर्माण सन् 1663-64 में महाराजा जसवंत सिंह प्रथम की हाडी रानी 'जसरंग दे' ने करवाया था. इसके बाद रेलवे ने यहां स्टेशन का नाम राईका बाग पैलेस जंक्शन रखा था. समाज का दावा है कि धीरे-धीरे ये नाम राई का बाग हो गया.
यह जगह राईका समाज से जुड़ी है : समाज की मांग है कि स्टेशन का नाम राईका बाग किया जाए. इसको लेकर रेलवे के अधिकारियों के साथ कई बार वार्ता हुई है, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला. रेलवे राज्य सरकार या प्रशासन की ओर से अनुशंसा मांग रहा है, जिस पर सुनवाई नहीं हुई. समाज के लोगों ने बताया की राई यानी सरसों उसका बाग नहीं होता है, उसकी उपज खेतों में होती है. यह जगह राईका समाज से जुड़ी है, इसलिए रेलवे स्टेशन के नाम में संशोधन होना आवश्यक है.