ETV Bharat / state

सीएम की पीसी पर डोटासरा का पलटवार, कहा- भजनलाल ने साबित किया यह 'पर्ची सरकार' - Rahul Gandhi Controversy - RAHUL GANDHI CONTROVERSY

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के बयान से उठा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी के बयान की निंदा की. इस पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने दिल्ली से आई पर्ची पढ़कर यह साबित कर दिया है कि यह हकीकत में पर्ची सरकार है.

PCC Chief Dotasra
पीसीसी चीफ डोटासरा (ETV Bharat File Photo)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 2, 2024, 7:25 PM IST

डोटासरा का भजनलाल सरकार पर पलटवार (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के बयान से उठा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी के बयान की निंदा की. इस पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने दिल्ली से आई पर्ची पढ़कर यह साबित कर दिया है कि यह हकीकत में पर्ची सरकार है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास प्रेसवार्ता में कोई मुद्दा नहीं था. दिल्ली से आई पर्ची पढ़कर उन्होंने धन्यवाद और चलो-चलो कहकर अपना संबोधन समाप्त किया. जिसने भी मुख्यमंत्री को पर्ची लिखकर दी, उसने पर्ची बनाने में किसी तरह से बुद्धि का प्रयोग नहीं किया.

राहुल गांधी ने उठाए जनता के मुद्दे : उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी ने जनता के मुद्दे उठाए. राहुल गांधी ने साफ कहा कि भाजपा तथा आरएसएस हिंदू समाज के ठेकेदार नहीं है. आरएसएस के स्वयंसेवक और भाजपा के नेता ही केवल हिंदू नहीं हैं, बल्कि देश के करोड़ों लोग हिंदू समाज के हैं. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि हिंदू होने के लिए किसी को भाजपा से प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है.

बेचैन हो गए थे पीएम मोदी और अमित शाह : डोटासरा ने कहा कि जब राहुल गांधी जनता की आवाज संसद में उठा रहे थे, तब गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेचैनी का अनुभव कर रहे थे. उनके भाषण में एक भी शब्द ऐसा नहीं था, जो संसदीय परंपराओं के अनुकूल ना हो और प्रक्रिया एवं नियमों के विरूद्ध हो. भाजपा का हमेशा से एजेंडा रहा है कि विपक्ष के नेताओं के भाषण काट-छांट कर सोशल मीडिया पर चलाकर झूठे तथ्य फैलाए जाएं. राहुल गांधी ने शेर की तरह दहाड़ते हुए अपना वक्तव्य दिया. जिसे मीडिया के माध्यम से सभी देशवासियों ने सुना और देखा.

पढ़ें : राहुल गांधी के 'अभय मुद्रा' बयान पर भड़के अजमेर दरगाह के चिश्ती, बोले- इस्लाम में ऐसा कुछ भी नहीं - AISSC Chairman

डोटासरा बोले- राहुल गांधी जब संसद में वक्तव्य दे रहे थे. तब गृहमंत्री लोकसभा अध्यक्ष से नियमों की दुहाई देते हुये संरक्षण मांग रहे थे और रात को उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष पर दबाव बनाकर नियमों और प्रक्रियाओं के विरूद्ध जाकर राहुल गांधी के वक्तव्य के कई हिस्से हटवा दिए. उन्होंने कहा कि भाजपा ने राहुल गांधी के वक्तव्य से लोगों से जुड़े मुद्दे हटवाए हैं. इसके लिए भाजपा को देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए.

कुर्सी बचाने के लिए बेचैन हैं मुख्यमंत्री : उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद से मुख्यमंत्री आहत हैं और अपनी कुर्सी को लेकर बचैन हैं. उन्हें यह समझना चाहिए कि पांच साल भाजपा की सरकार चलनी है. उन्हें इतना भी बचैन नहीं होना चाहिए कि दिल्ली से जो पर्ची आए, उसमें वह एक शब्द भी अतिरिक्त नहीं जोड़ पाते हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया ने सवाल पूछा. उसका जवाब दिए बिना ही मुख्यमंत्री उठकर चले गए.

सवालों से कितने दिन बचेंगे मुख्यमंत्री : डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा विभाग और पंचायती राज विभाग के एक मंत्री को दोनों विभाग आरएसएस की मेहरबानी से मिले हैं. उन्होंने आदिवासियों का डीएनए टेस्ट करवाने का बयान दिया है. इससे निम्न मानसिकता का बयान कोई और नहीं हो सकता. सीएम को इस मुद्दे पर तो सवाल का जवाब देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि इस सवाल से मुख्यमंत्री कितने दिन बचेंगे. विधानसभा का सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है. वहां उनसे जनता की ओर से सवाल पूछे जाएंगे.

डोटासरा का भजनलाल सरकार पर पलटवार (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के बयान से उठा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी के बयान की निंदा की. इस पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने दिल्ली से आई पर्ची पढ़कर यह साबित कर दिया है कि यह हकीकत में पर्ची सरकार है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास प्रेसवार्ता में कोई मुद्दा नहीं था. दिल्ली से आई पर्ची पढ़कर उन्होंने धन्यवाद और चलो-चलो कहकर अपना संबोधन समाप्त किया. जिसने भी मुख्यमंत्री को पर्ची लिखकर दी, उसने पर्ची बनाने में किसी तरह से बुद्धि का प्रयोग नहीं किया.

राहुल गांधी ने उठाए जनता के मुद्दे : उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी ने जनता के मुद्दे उठाए. राहुल गांधी ने साफ कहा कि भाजपा तथा आरएसएस हिंदू समाज के ठेकेदार नहीं है. आरएसएस के स्वयंसेवक और भाजपा के नेता ही केवल हिंदू नहीं हैं, बल्कि देश के करोड़ों लोग हिंदू समाज के हैं. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि हिंदू होने के लिए किसी को भाजपा से प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है.

बेचैन हो गए थे पीएम मोदी और अमित शाह : डोटासरा ने कहा कि जब राहुल गांधी जनता की आवाज संसद में उठा रहे थे, तब गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेचैनी का अनुभव कर रहे थे. उनके भाषण में एक भी शब्द ऐसा नहीं था, जो संसदीय परंपराओं के अनुकूल ना हो और प्रक्रिया एवं नियमों के विरूद्ध हो. भाजपा का हमेशा से एजेंडा रहा है कि विपक्ष के नेताओं के भाषण काट-छांट कर सोशल मीडिया पर चलाकर झूठे तथ्य फैलाए जाएं. राहुल गांधी ने शेर की तरह दहाड़ते हुए अपना वक्तव्य दिया. जिसे मीडिया के माध्यम से सभी देशवासियों ने सुना और देखा.

पढ़ें : राहुल गांधी के 'अभय मुद्रा' बयान पर भड़के अजमेर दरगाह के चिश्ती, बोले- इस्लाम में ऐसा कुछ भी नहीं - AISSC Chairman

डोटासरा बोले- राहुल गांधी जब संसद में वक्तव्य दे रहे थे. तब गृहमंत्री लोकसभा अध्यक्ष से नियमों की दुहाई देते हुये संरक्षण मांग रहे थे और रात को उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष पर दबाव बनाकर नियमों और प्रक्रियाओं के विरूद्ध जाकर राहुल गांधी के वक्तव्य के कई हिस्से हटवा दिए. उन्होंने कहा कि भाजपा ने राहुल गांधी के वक्तव्य से लोगों से जुड़े मुद्दे हटवाए हैं. इसके लिए भाजपा को देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए.

कुर्सी बचाने के लिए बेचैन हैं मुख्यमंत्री : उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद से मुख्यमंत्री आहत हैं और अपनी कुर्सी को लेकर बचैन हैं. उन्हें यह समझना चाहिए कि पांच साल भाजपा की सरकार चलनी है. उन्हें इतना भी बचैन नहीं होना चाहिए कि दिल्ली से जो पर्ची आए, उसमें वह एक शब्द भी अतिरिक्त नहीं जोड़ पाते हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया ने सवाल पूछा. उसका जवाब दिए बिना ही मुख्यमंत्री उठकर चले गए.

सवालों से कितने दिन बचेंगे मुख्यमंत्री : डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा विभाग और पंचायती राज विभाग के एक मंत्री को दोनों विभाग आरएसएस की मेहरबानी से मिले हैं. उन्होंने आदिवासियों का डीएनए टेस्ट करवाने का बयान दिया है. इससे निम्न मानसिकता का बयान कोई और नहीं हो सकता. सीएम को इस मुद्दे पर तो सवाल का जवाब देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि इस सवाल से मुख्यमंत्री कितने दिन बचेंगे. विधानसभा का सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है. वहां उनसे जनता की ओर से सवाल पूछे जाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.