रायबरेली: राज्य सरकार की योजना वन जेल, वन प्रोडक्ट के तहत जिला जेल प्रशासन ने विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से जिला सत्र न्यायालय में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया. इस प्रदर्शनी में जेल के बन्धियों द्वारा तैयार कास्तकला व माटी कला के प्रोडक्ट प्रदर्शित किए गए. कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जज अनुपम शोर्य उपस्थित रहे.
प्रदर्शनी में लकड़ी से तैयार किए गए सुप्रीम कोर्ट के मॉडल को भी प्रदर्शित किया गया जिसे सभी लोगों ने काफी सराहा. इसके अलावा मिट्टी के बर्तन व अलग अलग मॉडल भी प्रदर्शित किए गए. कार्यकारी जेल प्रभारी जेलर हिमांशु रौतेला ने बताया कि वन जेल वन प्रोडक्ट के तहत बंदियों द्वारा तैयार की गई यह प्रदर्शनी लगाई गई. प्रदर्शनी का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से हुआ था.
प्रदर्शनी में वन जेल, वन प्रोडक्ट के तहत माटी कला और कास्तकला के तहत बनाए गए मॉडल को पेश किया गया. जेल में बंद कैदी सदाशिव द्वारा कास्त कला के जरिए रहल, बुक सेल्स, क्रॉस फ्लेक्स व मंदिर बनाए गए हैं. वहीं कैदी मनोज द्वारा माटी कला के जरिए फ्लावर पॉट बनाए गए. इसके अलावा रथ, छोटी-छोटी बोतल, गमले भी तैयार किए गए.
उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय का एक मॉडल हमारे जेल में बंद एक पूर्व बन्दी द्वारा बनाया गया था, जो अभी पूरी तरह से तैयार नहीं है. उसकी पूरी फिनिशिंग होनी अभी बाकी है. उन्होंने बताया कि बन्दियों की क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए यह किया गया था. जो भी प्रोडक्ट बिकते हैं, उसके पैसे जेल में रॉ मैटेरियल पर खर्च किए जाते हैं.
उन्होंने बताया कि जेल में बंद बन्दियों द्वारा तैयार किए गए प्रोडक्ट को बनाने का मकसद इनकी कला को निखारना है. ताकि ये लोग जेल से बाहर जाकर एक सामान्य नागरिक की तरह इसी कला के सहारे अपना रोजगार चला सकें.
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