सांचौर: श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा में सोमवार को गोऋषि स्वामी दत्तशरणानंद महाराज के सानिध्य में वार्षिक सम्मेलन 'सुरभि संसद' का आयोजन हुआ. अधिवेशन में 'सुरभि संसद' के संविधान संशोधन कर नए दायित्वों का सृजन एवं इकाइयों का गठन किया गया. इसमें राधाकृष्ण महाराज को श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के कार्यकारी प्रधान संरक्षक के रूप में मनोनीत किया गया. इसकी घोषणा स्वयं स्वामी दत्तशरणानंद ने की. इसका वहां उपिस्थत गोभक्तों ने जयकारों के साथ अभिवादन किया.
बता दें कि गोवत्स राधाकृष्ण महाराज दशकों से नानी बाई का मायरा, भागवत कथा, मीरा चरित्र आदि की कथा कर रहे हैं. वे अपनी प्रत्येक कथा में गोमाता की महिमा का वर्णन करते हैं. अब पथमेड़ा का सारा काम संत राधाकृष्ण के मार्गदर्शन में होगा. सम्मेलन में संसद के प्रधान सरंक्षक स्वामी दत्तशरणानंद ने कहा कि गोमाता हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है. इसकी सेवा करने से न केवल हम पुण्य अर्जित करते हैं, अपितु पर्यावरण संरक्षण में भी इसका योगदान है. गोशालाओं को चलाने में कई चुनौतियां आती है, लेकिन गोसेवा के प्रति समर्पण से इन चुनौतियों का समाधान हो जाता है.
गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग: अधिवेशन में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने सरकार से गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा देने की मांग की. उन्होंने सरकार से अपील की कि वह गोशालाओं को बढ़ावा देने और गोवंश की रक्षा के लिए कड़े कानून बनाए. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ वीरेंद्र गर्ग ने गोसेवा और आत्म कल्याण को लेकर उद्बोधन दिया. गोसंस्कृति प्रचारक ब्रह्मचारी मुकुंद प्रकाश महाराज ने गोपुष्टि महायज्ञ में समयदान का आह्वान किया. राष्ट्रीय गोमहिमा प्रचारक विट्ठल कृष्ण ने वेदलक्षणा पंचगव्य विनियोग एवं गोवृति संकल्प को लेकर विचार व्यक्त किए. अंत में नवमनोनीत कार्यकारी प्रधान संरक्षक राधाकृष्ण महाराज ने अधिवेशन में गोमहिमा एवं गोसेवा से भगवद प्राप्ति के उपायों पर विस्तार से चर्चा की.
नवसृजित पदों पर मिली ये जिम्मेदारी: सुरभि प्रज्ञा परिषद तथा केन्द्रीय कार्यकारिणी पदाधिकारियों को मिलाकर न्यासी मण्डल ने सर्व सम्मति से कार्यकारी प्रधान संरक्षक राधाकृष्ण महाराज को बनाया. इसके अलावा क्षेत्रीय संयोजक नंदरामदास महाराज, केन्द्रीय मार्गदर्शक एवं गोमहिमा प्रचारक आचार्य दयानंदजी शास्त्री, केन्द्रीय संरक्षक एवं गोसंस्कृति प्रचारक ब्रह्मचारी मुकुन्दप्रकाश महाराज, केन्द्रीय समन्वयक एवं पंचगव्य प्रचारक गोवत्स विठ्ठलकृष्ण को बनाया गया. इसी प्रकार केन्द्रीय अध्यक्ष पद पर प्रदीप बंसल, कार्यकारी अध्यक्ष रघुनाथसिंह शिवतलाव, केन्द्रीय महामंत्री अर्जुनसिंह तिंवरी, केन्द्रीय कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल, केन्द्रीय संगठन मंत्री केवलाराम राजपुरोहित, गोसेवा महानिर्देशक धनराज चौधरी, केन्द्रीय निर्देशक अम्बालाल सुथार, मनोरमा गोलोक क्षेत्रीय निर्देशक ब्रह्मदत्त पुरोहित, गोकृषि विभाग निर्देशक मोहन भाई जाधव एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी आलोक सिंहल को नियुक्त किया. सुरभि संसद के वार्षिक अधिवेशन में देशभर के गोभक्त मौजूद रहे.
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विश्व की सबसे बड़ी गोशाला है पथमेड़ा: पथमेड़ा गोसेवा के रूप में पूरे विश्व में उभर कर सामने आया है. पथमेड़ा में विश्व की सबसे बड़ी गोशाला है. पथमेड़ा की देशभर में कुल 64 गोशालाओं में करीब 1 लाख 55 हजार गोवंश है.
तिरुपति मंदिर में शुद्ध प्रसाद के लिए पथमेड़ा ने भेजा था पत्र: तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में वितरित किए जाने वाले लड्डूओं की शुद्धता पर सवाल खड़े हुए थे. उसके बाद श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा की ओर से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के चेयरमैन और ईओ को एक प्रस्ताव भेजा था. जिसमें कहा गया था कि यदि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम् प्रबंधन की ओर से गोशाला स्थापना का निर्णय किया जाए तो गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा गोशाला संचालन की सेवा में सहयोग को तैयार है. गोशाला की स्थापना करने से वहां डेढ़ लाख से अधिक दुधारू गोवंश की सेवा की जा सकती है. इतनी संख्या में गोवंश की सेवा करने से प्रतिदिन 15 लाख लीटर दूध क्षमता का डेयरी प्लांट लगाया जा सकता है. इस डेयरी प्लांट से 15 हजार किलो घी प्रतिदिन उत्पादित किया जा सकता है, जिससे देवस्थानम प्रबंधन की ओर से रोजाना लाखों भक्तों को शुद्ध घी से बना प्रसाद वितरित किया जा सकता है.