धनबाद : जिले में रिजेक्टेड कोयले के नाम पर क्वालिटी कोयला उठाने का गोरखधंधा चल रहा है. खनन विभाग और पुलिस ने खुलासा किया है कि डीओ चालान पर रिजेक्टेड कोयले की ढुलाई कर क्वालिटी कोयला का परिवहन कर भट्ठी में इस्तेमाल किया जा रहा है.
मामले का खुलासा तब हुआ जब खनन विभाग ने 14 चक्का वाहन पर लदे कोयले की जांच की. जांच के बाद कोयला लदे सभी छह वाहनों को जब्त कर लिया गया है. खनन विभाग की शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. पुलिस और खनन विभाग मामले की जांच में जुट गई है.
कतरास थाना इंस्पेक्टर अशीत कुमार सिंह ने बताया कि डीसी के निर्देश पर खनन और कतरास पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर कतरास थाना क्षेत्र के एनएच 32 पर कोयला लदे 6 ट्रकों को जांच के लिए रोका. सभी वाहनों के कोयला चालान की जांच की गई.
उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि बोकारो जिले के बालीडीह कोल डंप से कोयला लदा 14 चक्के वाले 6 ट्रक निकले थे. कोयला चालान रिजेक्टेड कोयला का है जबकि सभी वाहनों पर क्वालिटी कोयला लदे हैं. कोयला लदे सभी 6 वाहनों को जब्त कर जांच शुरू कर दी गई है.
वहीं हाइवा वाहन के चालक ने बताया कि वे सभी बोकारो जिले के बालीडीह से कोयला लोड कर गोविंदपुर स्थित भट्ठी पर जा रहे थे. पुलिस ने सभी हाइवा को क्यों जब्त किया है, इसका पता नहीं चल पाया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्वालिटी कोयले की कीमत और रिजेक्टेड कोयले की कीमत में 8 से 10 हजार रुपये प्रति टन का अंतर है.
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