पटनाः बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद विपक्षी पार्टी राजद ने विरोधी दल के नेताओं का चयन कर लिया है. बिहार विधान परिषद में राबड़ी देवी को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई सुनील कुमार सिंह को सचेतक की जिम्मेदारी दी गई है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में तेजस्वी यादव जनता के मुद्दे उठाने का काम करेंगे.
बैठक में लिया गया फैसलाः गुरुवार को विधानमंडल दल की बैठक में सर्वसम्मति से इसपर फैसला लिया गया. नेताओं ने राबड़ी देवी को विरोधी दल का नेता चुना है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सभापति को पत्र लिखकर मान्यता देने का अनुरोध किया.
सभापति ने दी मान्यताः सभापति ने विधान परिषद की नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी और सुनील कुमार सिंह को सचेतक के रूप में मान्यता दे दी है. सचिवालय की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है. अब विधान परिषद में मां तो विधान परिषद में बेटा जनता की आवाज को उठाएगी.
सीएम रह चुकी हैं राबड़ी देवीः बता दें कि राबड़ी देवी बिहार की सीएम रह चुकी हैं. 2000 से 2005 तक राघोपुर से MLA रहते हुए बिहार सरकार में सीएम बनी थी. 2005 में सेकेंड टर्म में भी राघोपुर से विधायक रहीं है. 2005-2010 तीसरे टर्म में राघोपुर से विधायक रहते हुए बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थीं. 2012-2018 तक विधान परिषद में MLC की भूमिका में रही. 2018 से अब तक MLC के पद पर बनी हैं.
कौन हैं सुनील सिंहः एमएलसी सुनील कुमार सिंह राजद सुप्रीमो लालू यादव के करीबी माने जाते हैं. 2020 में विधान परिषद में एमएलसी बने. 2003 से बिस्कोमान के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं. राजद के बिहार कोषाध्यक्ष भी हैं. जानकारी के अनुसार राबड़ी देवी अपने भाई साधु यादव और सुभाष यादव से मनमुटाव के बाद सुनील कुमार सिंह को अपना भाई मानती है.
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