देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकताओं में शुमार यूनिफॉर्म सिविल कोड अभी तक लागू नहीं हो पाई है. दरअसल, जिस तत्परता के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया था वो समय से रिपोर्ट नहीं सौंप पाई है. क्योंकि यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल तीन बार बढ़ाया जा चुका है. ऐसे में 26 जनवरी को समिति का कार्यकाल एक बार फिर समाप्त हो रहा है. हालांकि, इस दौरान कई बार ऐसी संभावनाएं सरकार जताती रही कि जल्द ही विशेषज्ञ समिति रिपोर्ट सौंप देगी. लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हो पाया है, जिसके चलते लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं.
कमेटी का कार्यकाल होने वाला है समाप्त: साल 2021 में राज्य की कमान संभालने के कुछ महीने के बाद ही यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की बात कही थी. इसके बाद साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद जब सीएम धामी को एक बार फिर राज्य की कमान सौंपी गई तो सीएम धामी ने 23 मार्च 2022 को शपथ लेने के बाद कैबिनेट की बैठक की. इसी बैठक में धामी कैबिनेट ने प्रदेश में यूसीसी लागू करने का निर्णय लिया. साथ ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ कमेटी गठित करने का निर्णय लिया. 27 मई 2022 को उत्तराखंड शासन की ओर से आदेश जारी करते हुए यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए समिति का गठन कर दिया. ऐसे में 26 जनवरी 2024 को यूसीसी के लिए गठित कमेटी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है.
समिति ने यूसीसी का ड्राफ्ट सरकार को नहीं सौंपा: जिस तत्परता और तेजी के साथ धामी सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने के लिया कदम बढ़ाया था, उसकी गति अब काफी सुस्त होती नजर आ रही है. ऐसा इसलिए है कि सरकार ने कमेटी का जब गठन किया था. उस दौरान इस बात पर जोर दिया था कि अगले महीने के भीतर यूसीसी का मसौदा तैयार हो जायेगा. लेकिन ऐसा न हो सका, बल्कि कमेटी का गठन होने के बाद से अभी तक तीन बार कार्यकाल बढ़ाया जा चुका है. यानी अब तक कमेटी की 20 माह का समय दिया जा चुका है. लेकिन अभी तक समिति ने यूसीसी का ड्राफ्ट सरकार को नहीं सौंपी है. ऐसे में एक बार फिर 26 जनवरी को विशेषज्ञ समिति का कार्यकाल समाप्त हो रहा है.
समिति जल्द मसौदा सरकार को सौंप सकती है: हालांकि, संभावना जताई जा रही है कि यूसीसी के लिए गठित समिति 26 जनवरी तक यूसीसी का मसौदा सरकार को सौंप सकती है. क्योंकि जनवरी महीने के अंत में विशेष सत्र होने की संभावना है. लेकिन अभी तक न ही विशेष सत्र को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट हो पाई है और ना ही यूसीसी का मसौदा सरकार को सौंपने को लेकर कोई निर्णय हो पाया है. ऐसे में अब सरकार के पास दो ही विकल्प बच रहे हैं, या तो समिति का कार्यकाल एक बार फिर कुछ समय के लिए बढ़ाया जाए. अन्यथा 26 जनवरी तक गठित समिति, शासन को यूसीसी का मसौदा सौंप दें, ताकि यूसीसी को लागू करने की दिशा में सरकार कदम बढ़ा सके.
विशेषज्ञ समिति का किया गया था गठन: उत्तराखंड सरकार ने 27 मई 2022 को सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था. उस दौरान, सरकार ने 6 महीने के भीतर ड्राफ्ट तैयार करने की समय सीमा तय की थी. लेकिन यूसीसी ड्राफ्ट का काम पूरा न होने के चलते कमेटी के कार्यकाल को अगले 6 महीने के लिए यानी 26 मई 2023 तक कार्यकाल को बढ़ाया गया. लेकिन 26 मई 2023 तक ड्राफ्ट का काम पूरा न होने के चलते दूसरी बार सरकार ने समिति के कार्यकाल को अगले चार महीने यानी 26 सितंबर 2023 के लिया बढ़ाया गया. लेकिन फिर ड्राफ्ट का काम पूरा न होने और समिति की अनुरोध पर सरकार ने समिति के कार्यकाल को अगले चार महीने के लिए यानी 26 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया. लिहाजा संभावना है कि एक बार फिर समिति के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है.
लोगों से लिए गए सुझाव: बता दें कि यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने को लेकर धामी सरकार ने 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. यूसीसी के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की पहली बैठक 4 जुलाई को हुई. इसके ड्राफ्ट तैयार करने को लेकर करीब 63 बैठकें, कमेटी ने की. साथ ही कमेटी ने जनता के सुझाव लेने के लिए गठित उपसमिति ने करीब 20 हजार लोगों से मुलाकात कर तमाम सुझाव लिए. इसके साथ ही प्रदेश समेत अन्य राज्यों में रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों से करीब 2 लाख 31 हजार से ज्यादा लिखित में सुझाव कमेटी को मिले. जिसके बाद सभी सुझावों को समाहित करते हुए कमेटी के ड्राफ्ट को तैयार करने की कवायद में जुट गई. ऐसे में अब ड्राफ्ट तैयार करने का काम पूरा हो चुका है और ड्राफ्ट की प्रूफ रीडिंग भी की जा चुकी है.
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यूसीसी लागू करना सरकार की प्राथमिकता: वहीं, यूसीसी के सवाल पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि यूसीसी को प्रदेश में लागू करना सरकार की प्राथमिकता में है. साल 2022 में जब धामी सरकार का गठन हुआ था उस दौरान हुई पहली कैबिनेट में यूसीसी को लागू करना का निर्णय लिया गया था. साथ ही यूसीसी को लागू करने का मुद्दा चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल था. ऐसे में यूसीसी को लागू कराने को लेकर सीएम धामी लगातार कमेटी से बातचीत कर रही है. ऐसे में जल्द से जल्द यूसीसी को प्रदेश में लागू किया जाएगा. साथ ही कहा कि अगर समिति अभी ड्राफ्ट नहीं सौंप रही होगी तो कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि सरकार किसी जल्दबाजी में यूसीसी को लेकर किसी को मुद्दा नहीं देना चाहती है. ऐसे में पूरी और बेहतर तरीके से यूसीसी को लाया जायेगा. वहीं, यूसीसी के सवाल पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उम्मीद है, जल्द ही यूसीसी का ड्राफ्ट मिलेगा. जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मामले में विपक्ष कस रहा तंज: वहीं, यूसीसी को लेकर समय-समय पर हो रही चर्चाओं पर विपक्ष, भाजपा सरकार पर तंज कस रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि यूसीसी को लेकर राज्य सरकार लगातार बयानबाजी कर रही है. लेकिन आज तक यूसीसी का कोई मसौदा जनता के सामने नही आया. जबकि हर हफ्ते सीएम, मंत्री और भाजपा के नेता यूसीसी को लेकर बयानबाजी करते है कि जल्द ही ड्राफ्ट मिल जायेगा. लेकिन अभी तक सरकार को ड्राफ्ट नही मिला है. इसी बीच अब कमेटी का कार्यकाल भी समाप्त होने जा रहा है. कुल मिलाकर सरकार जनहित के मुद्दे को भटकाने के लिए यूसीसी का बात तो कर रही है. लेकिन यूसीसी को लागू करने के प्रति गंभीर नहीं है.