कोटा. इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए देशभर से विद्यार्थी कोटा आते हैं. इस बीच छात्रों के सुसाइड के मामले भी सामने आ रहे हैं, जिनको लेकर जिला प्रशासन ने कई तरह की गाइडलाइन जारी की थी. इनमें सभी विद्यार्थियों को गेटकीपर ट्रेनिंग करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन कोटा के एक भी हॉस्टल में गेटकीपर पर ट्रेनिंग नहीं हुई थी, इसको लेकर 27 जनवरी को ईटीवी भारत ने समाचार प्रकाशित किया था, जिसके बाद हॉस्टल एसोसिएशन सतर्क हुआ और कोटा के हॉस्टल के कर्मचारियों की गेटकीपर ट्रेनिंग शुरू की गई.
हॉस्टल स्टाफ की ट्रेनिंग : कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल का कहना है कि क्यूपीआर (Question Persuade Refer) गेटकीपिंग ट्रेनिंग है, जिसमें ट्रेनर जसरीन बरगी हॉस्टल स्टाफ को ट्रेनिंग दे रही हैं. बैच में 70 से 80 लोगों को ट्रेनिंग करवाई जा रही है और यह ट्रेनिंग अगले कई दिनों तक जारी रहेगी. लगातार अलग-अलग दिन अलग-अलग कर्मचारियों को यह ट्रेनिंग करवाई जानी है.
आत्महत्या पर रोक लगाने का प्रयास : मित्तल का कहना है कि राज्य सरकार की गाइडलाइन में क्यूपीआर गेटकीपर ट्रेनिंग देने की बात आई थी. गाइडलाइन की पालना करते हुए ट्रेनिंग सेशन रखा है. ट्रेनिंग में बताया जा रहा है कि बच्चा अगर आत्महत्या की कोशिश करता है या दिमाग में कुछ इस तरह का चल रहा है, तो बच्चों का रिएक्शन कैसा रहता है, इस बारे में ट्रेनर हॉस्टल कर्मचारियों को बता रहे हैं, ताकि आत्महत्या पर रोक लगाई सके.
कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के सचिव पंकज जैन का कहना है कि यह सेशन लगभग 3 घंटे का है. हमारे एरिया में 800 से 1000 हॉस्टल हैं, ऐसे में इनके कर्मचारियों को अगले 15 दिनों तक ट्रेनिंग दिलवाई जानी है, जिसमें लगातार 2 से 5:00 बजे तक सेशन चलेंगे, अभी ट्रेनिंग के लिए कंपनी से टाइअप किया है. स्टाफ के सवालों का भी जवाब ट्रेनर दे रहे हैं. पूरा सॉल्यूशन उन्हें उपलब्ध करा रहे हैं, इनमें मैनेजर, वार्डन, गार्ड और रूम ब्वॉय शामिल हैं. ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद हॉस्टल और कर्मचारियों को सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा.