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मानसून सीजन को लेकर हिमाचल सरकार अलर्ट, PWD कर्मचारियों की रद्द की गई छुट्टियां - Himachal Monsoon

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 1, 2024, 7:47 AM IST

Updated : Jul 1, 2024, 8:56 AM IST

Himachal PWD employees Leave cancelled during monsoon season: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन को लेकर सरकार और प्रशासन अलर्ट मोड पर है. मानसून सीजन में आपदा और भूस्खलन से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर गई है. पढ़िए पूरी खबर...

मानसून सीजन को लेकर सरकार अलर्ट
मानसून सीजन को लेकर सरकार अलर्ट (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल में पिछली साल हुई भारी बरसात से सबक लेते हुए लोक निर्माण विभाग ने कर्मचारियों की छुट्टियां मानसून सीजन समाप्त होने तक रद्द कर दी है. ताकि भारी बरसात में भूस्खलन और डंगे गिरने से बाधित होने वाली सड़कों को जल्द से जल्द खोला जा सके. लोक निर्माण विभाग में केवल विशेष परिस्थितियों में ही कर्मचारी छुट्टी के लिए आवेदन कर सकते हैं. वहीं, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है.

PWD अधिकारियों को रोजाना देनी होगी रिपोर्ट: मानसून सीजन में अधिकारियों को नियमित तौर पर फील्ड में सड़कों और पुलों का निरीक्षण कर इसकी रोजाना सरकार को रोजाना रिपोर्ट देनी होगी. मानसून सीजन में लोक निर्माण मंत्री भी नियमित तौर पर अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. ताकि भारी बारिश से आने वाली प्राकृतिक आपदा से बंद होने वाली सड़कों को जल्द से जल्द खोला जा सके. हिमाचल में इस महीने सेब का सीजन भी शुरू होने वाला है. ऐसे में मंडियों में सेब समय पर पहुंचकर बिक सके. इसके लिए सड़कों को जल्द खोलने के लिए विशेष तौर पर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

मैन पावर और मशीनरी तैनात: प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान होने वाली मूसलाधार बारिश हर बार अपने साथ तबाही लाती है. प्रदेश भर में भारी बारिश से होने वाले भूस्खलन और फ्लैश फ्लड से पैदा होने वाले हालातों से निपटने के लोक निर्माण विभाग ने मैन पावर और मशीनरी की तैनाती कर दी है. लोक निर्माण विभाग के डिवीजनों के तहत विभिन्न क्षेत्रों में 206 जेसीबी, 110 बुल्डोजर, 28 रोबो मशीन, 17 बेली ब्रिज और 13 हजार से अधिक श्रम शक्ति को तैनात कर दिया है. ताकि मानसून सीजन के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति में बहाली एवं राहत कार्य तुरंत प्रभाव से सुनिश्चित किए जा सके.

400 से अधिक लोगों की गई थी जान: हिमाचल में पिछली भारी बरसात में 400 से अधिक लोगों का बहुमूल्य जीवन समाप्त हो गया था। वहीं 10 हजार करोड़ की संपत्ति आपदा की भेंट चढ़ गई थी. नदी नालों में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन से 2545 मकान पूरी तरह और 10,853 मकान आंशिक रूप क्षतिग्रस्त हो गए थे. इसी तरह से 317 दुकानें और ढाबे नष्ट हुए थे. प्रदेश में भारी बरसात से 10,140 पशु मारे गए थे. हिमाचल में लगातार सबसे अधिक बारिश 8 से 11 जुलाई, 13 से 15 अगस्त और 23 और 24 अगस्त को हुई थी. ऐसे लगातार कई घंटों तक बारिश का क्रम जारी रहने से सबसे अधिक तबाही मची थी.

मानसून सीजन से निपटने को प्रशासन तैयार: राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा के मुताबिक सरकार मानसून सीजन से निपटने को तैयार है. सभी अधिकारियों को डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत अपनी जिम्मेवारी निभाने के निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बरसात से सबक लेते हुए पहले की विभिन्न स्थानों पर मैन पावर और मशीनरी तैनात की जा चुकी है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल की कमजोर आर्थिक सेहत में प्राण वायु फूंक सकते हैं पेड़, 3.21 लाख करोड़ की वन संपदा से 4 हजार करोड़ सालाना की आय संभव

शिमला: हिमाचल में पिछली साल हुई भारी बरसात से सबक लेते हुए लोक निर्माण विभाग ने कर्मचारियों की छुट्टियां मानसून सीजन समाप्त होने तक रद्द कर दी है. ताकि भारी बरसात में भूस्खलन और डंगे गिरने से बाधित होने वाली सड़कों को जल्द से जल्द खोला जा सके. लोक निर्माण विभाग में केवल विशेष परिस्थितियों में ही कर्मचारी छुट्टी के लिए आवेदन कर सकते हैं. वहीं, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है.

PWD अधिकारियों को रोजाना देनी होगी रिपोर्ट: मानसून सीजन में अधिकारियों को नियमित तौर पर फील्ड में सड़कों और पुलों का निरीक्षण कर इसकी रोजाना सरकार को रोजाना रिपोर्ट देनी होगी. मानसून सीजन में लोक निर्माण मंत्री भी नियमित तौर पर अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. ताकि भारी बारिश से आने वाली प्राकृतिक आपदा से बंद होने वाली सड़कों को जल्द से जल्द खोला जा सके. हिमाचल में इस महीने सेब का सीजन भी शुरू होने वाला है. ऐसे में मंडियों में सेब समय पर पहुंचकर बिक सके. इसके लिए सड़कों को जल्द खोलने के लिए विशेष तौर पर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

मैन पावर और मशीनरी तैनात: प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान होने वाली मूसलाधार बारिश हर बार अपने साथ तबाही लाती है. प्रदेश भर में भारी बारिश से होने वाले भूस्खलन और फ्लैश फ्लड से पैदा होने वाले हालातों से निपटने के लोक निर्माण विभाग ने मैन पावर और मशीनरी की तैनाती कर दी है. लोक निर्माण विभाग के डिवीजनों के तहत विभिन्न क्षेत्रों में 206 जेसीबी, 110 बुल्डोजर, 28 रोबो मशीन, 17 बेली ब्रिज और 13 हजार से अधिक श्रम शक्ति को तैनात कर दिया है. ताकि मानसून सीजन के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति में बहाली एवं राहत कार्य तुरंत प्रभाव से सुनिश्चित किए जा सके.

400 से अधिक लोगों की गई थी जान: हिमाचल में पिछली भारी बरसात में 400 से अधिक लोगों का बहुमूल्य जीवन समाप्त हो गया था। वहीं 10 हजार करोड़ की संपत्ति आपदा की भेंट चढ़ गई थी. नदी नालों में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन से 2545 मकान पूरी तरह और 10,853 मकान आंशिक रूप क्षतिग्रस्त हो गए थे. इसी तरह से 317 दुकानें और ढाबे नष्ट हुए थे. प्रदेश में भारी बरसात से 10,140 पशु मारे गए थे. हिमाचल में लगातार सबसे अधिक बारिश 8 से 11 जुलाई, 13 से 15 अगस्त और 23 और 24 अगस्त को हुई थी. ऐसे लगातार कई घंटों तक बारिश का क्रम जारी रहने से सबसे अधिक तबाही मची थी.

मानसून सीजन से निपटने को प्रशासन तैयार: राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा के मुताबिक सरकार मानसून सीजन से निपटने को तैयार है. सभी अधिकारियों को डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत अपनी जिम्मेवारी निभाने के निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बरसात से सबक लेते हुए पहले की विभिन्न स्थानों पर मैन पावर और मशीनरी तैनात की जा चुकी है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल की कमजोर आर्थिक सेहत में प्राण वायु फूंक सकते हैं पेड़, 3.21 लाख करोड़ की वन संपदा से 4 हजार करोड़ सालाना की आय संभव

Last Updated : Jul 1, 2024, 8:56 AM IST
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