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ऐसे बुझेगी बड़कोट वासियों की प्यास! सर्वे और डीपीआर से आगे नहीं बढ़ पाई पंपिंग पेयजल योजना

Pumping Drinking Water Scheme in Barkot यमुनोत्री धाम यात्रा के मुख्य पड़ाव बड़कोट में दिनोंदिन आबादी बढ़ रही है. जिसके चलते पेयजल की खपत बढ़ गई है. वर्तमान में संचालित पेयजल योजना नाकाफी साबित हो रही है. ऐसे में इस खपत को पूरा करने के लिए पंपिंग पेयजल योजना लाई जा रही है. जो सर्वे और डीपीआर से आगे ही नहीं बढ़ पा रही है.

Barkot City Uttarkashi
बड़कोट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 30, 2024, 10:22 PM IST

उत्तरकाशी: यमुना नदी किनारे बसे नगर पालिका बड़कोट में पंपिंग पेयजल योजना सर्वे और डीपीआर से आगे नहीं बढ़ पा रही है. जिसके चलते पालिका क्षेत्र के लोग चार दशक पुरानी पेयजल योजना के भरोसे हैं. जो कि बड़कोट की बढ़ी हुई आबादी की पूर्ति करने में सक्षम नहीं है.

दरअसल, यमुनोत्री धाम का प्रमुख पड़ाव नगर पालिका बड़कोट क्षेत्र पिछले कई दशकों से पेयजल किल्लत झेल रहा है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों सरकारों के मुख्यमंत्रियों ने यहां यमुना नदी से पंपिंग पेयजल योजना की घोषणा की, लेकिन यह योजना पिछले करीब डेढ़ दशक बाद भी सर्वे और डीपीआर से आगे नहीं बढ़ पा रही है. यमुना नदी तट पर तिलाड़ी में पंपिंग योजना के लिए जमीन उपलब्ध होने के बाद भी अभी तक धरातल पर एक इंच कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

इधर, मौसम की बेरुखी के चलते इस बार शीतकाल में ही पेयजल किल्लत शुरू हो गई है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार ग्रीष्मकाल में भी यह संकट बढ़ सकता है. जिसके चलते स्थानीय लोगों के साथ चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. हालांकि स्थानीय लोग लंबे समय से कछुए की चाल से चल रही पंपिंग पेयजल योजना के निर्माण कार्य में गति लाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन योजना के काम में गति आती नजर नहीं आ रही है.

इधर, यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल और ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अजबीन पंवार का कहना है कि योजना की डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए सक्षम टेबल पर पहुंच रखी है. जल्द ही दोबारे से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर बड़कोट पेयजल समस्या के निस्तारण के लिए योजना का निर्माण जल्द पूरा कराने की मांग की जाएगी.

"बड़कोट पंपिंग योजना को लेकर 67.93 करोड़ रुपए का आंगणन उचित माध्यम से सरकार को भेजा गया है. इस योजना के लिए विश्व बैंक से बजट मिलने की उम्मीद है. स्थानीय स्तर पर भूमि के साथ ही पानी की उपलब्धता और टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है." - त्रेपन सिंह भंडारी, एई, जल निगम बड़कोट

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उत्तरकाशी: यमुना नदी किनारे बसे नगर पालिका बड़कोट में पंपिंग पेयजल योजना सर्वे और डीपीआर से आगे नहीं बढ़ पा रही है. जिसके चलते पालिका क्षेत्र के लोग चार दशक पुरानी पेयजल योजना के भरोसे हैं. जो कि बड़कोट की बढ़ी हुई आबादी की पूर्ति करने में सक्षम नहीं है.

दरअसल, यमुनोत्री धाम का प्रमुख पड़ाव नगर पालिका बड़कोट क्षेत्र पिछले कई दशकों से पेयजल किल्लत झेल रहा है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों सरकारों के मुख्यमंत्रियों ने यहां यमुना नदी से पंपिंग पेयजल योजना की घोषणा की, लेकिन यह योजना पिछले करीब डेढ़ दशक बाद भी सर्वे और डीपीआर से आगे नहीं बढ़ पा रही है. यमुना नदी तट पर तिलाड़ी में पंपिंग योजना के लिए जमीन उपलब्ध होने के बाद भी अभी तक धरातल पर एक इंच कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

इधर, मौसम की बेरुखी के चलते इस बार शीतकाल में ही पेयजल किल्लत शुरू हो गई है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार ग्रीष्मकाल में भी यह संकट बढ़ सकता है. जिसके चलते स्थानीय लोगों के साथ चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. हालांकि स्थानीय लोग लंबे समय से कछुए की चाल से चल रही पंपिंग पेयजल योजना के निर्माण कार्य में गति लाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन योजना के काम में गति आती नजर नहीं आ रही है.

इधर, यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल और ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अजबीन पंवार का कहना है कि योजना की डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए सक्षम टेबल पर पहुंच रखी है. जल्द ही दोबारे से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर बड़कोट पेयजल समस्या के निस्तारण के लिए योजना का निर्माण जल्द पूरा कराने की मांग की जाएगी.

"बड़कोट पंपिंग योजना को लेकर 67.93 करोड़ रुपए का आंगणन उचित माध्यम से सरकार को भेजा गया है. इस योजना के लिए विश्व बैंक से बजट मिलने की उम्मीद है. स्थानीय स्तर पर भूमि के साथ ही पानी की उपलब्धता और टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है." - त्रेपन सिंह भंडारी, एई, जल निगम बड़कोट

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