सक्ती: सक्ती के ग्राम पंचायत डूमरपारा में खदान खोलने के प्रस्ताव पर ग्रामीण बुधवार को उग्र हो गए. जनसुनवाई को लेकर ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए अधिकारियों ने पंच, सरपंच और ग्रामीणों के पहुंचने से पहले ही जनसुनवाई पूरी कर ली और मौके से निकल गए. इस पर ग्रामीण उग्र हो गए और अधिकारियो के काफिले को रास्ते में ही रोककर नारेबाजी शुरू कर दी. ग्रामीणों ने अधिकारियों पर माइंस संचालक के साथ मिलकर जबरन गांव में माइंस खोलने का आरोप लगाया. घंटों चले बवाल के बाद ग्रामीणों को अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि फिर से जनसुनवाई की जाएगी.इसके बाद ग्रामीण शांत हुए.
आधिकारियों पर लग रहे गंभीर आरोप: दरअसल, सक्ती के ग्राम पंचायत डूमरपारा में डोलोमाइट पत्थर खदान खोलने की अनुमति मांगी गई थी. इस पर बुधवार सुबह 11 बजे जनसुनवाई रखी गई थी. जनसुनवाई में सरपंच सचिव को पहुंचने में देरी हुई. इस पर अधिकारियों ने उनके बिना ही जनसुनवाई पूरी कर ली औऱ निकलते बने. हालांकि रास्ते में ही पंच, सरपंच और ग्रामीणों का अधिकारियों से सामना हो गया. पंच, सरपंच और ग्रामीणों ने अधिकारियों से उनका पक्ष सुनने की अपील की. हालांकि अधिकारी ने सुनने से इंकार कर दिया. इसके बाद पंच, सरपंच और ग्रामीण भड़क गए. सभी ने मिलकर अधिकारियों का काफिला रोक कर रास्ते में ही नारेबाजी शुरू कर दी.
जानिए क्या है ग्रामीणों के आरोप: गांव के जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाया. ग्रामीणों का आरोप है कि पूरे मामले में षड्यंत्र के तहत जनसुनवाई गांव से 5 किलोमीटर दूर बीच जंगल में रखी गई, ताकि ज्यादा ग्रामीण मौके पर न पहुंच सके.शांति पूर्वक उनका काम हो जाए. यहां तक कि गांव के पंच-सरपंच तक का इंतजार नहीं किया गया. पूरा मामले में ग्रामीणों ने अधिकारियों पर खदान संचालक से मिली भगत का आरोप लगाया है.
ग्रामीणों ने अधिकारियों पर खदान संचालक से मिली भगत का आरोप लगाया है. वहीं, अधिकारी पूरे मामले में गोल-मोल जवाब दे रहे हैं. फिलहाल ग्रामीणों को अधिकारियों से फिर जनसुनवाई का आश्वासन मिला है, जिसके बाद माहौल शांत हुआ.