कोटा. हाल ही में जारी हुए मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2024 के रिजल्ट लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. इस प्रवेश परीक्षा में कथित रूप से धांधली के आरोप नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर लग रहे हैं. चौतरफा पर हमला झेल रही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के खिलाफ अब छात्र संगठनों ने भी बिगुल फूंक दिया है. इसके अलावा अभिभावक और कई शिक्षाविद् भी मैदान में उतर गए हैं. सड़क से लेकर संघर्ष न्यायालय तक जा पहुंचा है.
कोटा के कोचिंग संचालक नितिन विजय ने सुप्रीम कोर्ट में 20,000 कैंडीडेट्स की तरफ से जनहित याचिका दाखिल कर रहे हैं. दूसरी तरफ एनएसयूआई ने पहले से ही आंदोलन शुरू किया हुआ है और नीट यूजी परीक्षा दोबारा करवाने की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी सड़कों पर उतर गई है और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और कथित रूप से धांधलियों के आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है. इसके पहले पेरेंट्स और शिक्षाविद भी मैदान में उतरे और उन्होंने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से कई मामलों में स्पष्टीकरण मांगा.
एनटीए ने शुरू की जांच : कोटा में कोचिंग संस्थान के निदेशक डॉ बृजेश माहेश्वरी का कहना है कि ग्रेसिंग मार्क्स लॉ एंट्रेंस के ऑनलाइन एग्जाम क्लेट के आधार पर नीट यूजी में कैसे दिया जा सकता है ?. इस मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कई बार स्पष्टीकरण जारी कर चुकी है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के डीजी सुबोध कुमार सिंह ने नीट रिजल्ट में किसी भी तरह की धांधली या गड़बड़ी से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि कैंडिडेट की मांग पर पूरे प्रकरण की जांच करवाई जा रही है. रिपोर्ट के आधार पर अगर जरूरी हुआ, तो नीट यूजी की परीक्षा दोबारा करवाई जा सकती है.