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केंद्रीय बजट से आस : उद्योगों में MSME के लिए विशेष नीति की मांग, जानिए और क्या हैं मारवाड़ की उम्मीदें - UNION BUDGET 2025

पर्यटन और रेल मंत्री मारवाड़ से. MSME को बढ़ावा देने के लिए विशेष नीति की मांग. जानिए मोदी सरकार के बजट से क्या हैं उम्मीदें...

Union Budget 2025
मोदी सरकार के बजट से उम्मीदें (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2025, 8:31 PM IST

जोधपुर: मोदी 0.3 का पहला पूर्ण बजट 1 फरवरी को आ रहा है, जिससे देश को काफी उम्मीदें हैं. राजस्थान के लोगों को भी मोदी सरकार से इस बार ज्यादा उम्मीदें इसलिए हैं, क्योंकि अब ​डबल इंजन की सरकार है. इसमें भी खास तौर से पश्चिमी राजस्थान (मारवाड़) के लोगों को भी उम्मीदें इस बजट से बंधी हैं. इनमें खास तौर से उद्योगों के लिए विशेष नीति, रिफाइनरी शुरू हो तो रोजगार, पर्यटन को बढावा मिले, साथ ही मारवाड़ की देश के अन्य भागों से रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग लंबे समय चल रही है. ऐसे में इस बजट से मारवाड़ के लोगों की बड़ी उम्मीदें हैं.

पिछले बजट में एमएसएमई को ​आगे बढाने के लिए सरकार ने गत बार वादा किया था, क्योंकि इसी सेक्टर में सर्वाधिक रोजगार सृजित होता है. मरुधारा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर राज चोपड़ा का कहना है कि एमएसएमई से आत्मनिर्भर भारत को मजबूती मिल सकती है. ऐसे में हमारी अपेक्षा है कि इसके लिए सरलीकरण करना जरूरी है. साथ ही इस क्षेत्र में स्टार्टअप आए, इसको लेकर सरकार को पॉलिसी जारी करनी चाहिए. चोपड़ा ने बताया कि 10 लाख तक की आय अगर टैक्स फ्री हो तो ज्यादा फायदा होगा. जीएसटी में सरलीकरण की जाए. लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने बताया कि हमने जीएसटी की स्लैब बढ़ाने की मांग की है. बजट को लेकर हमने वित्त मंत्री को सुझाव ​भी दिए हैं. हमारी मांग है कि एमएसएमई को मजबूती मिले, साथ ही स्किल डेवलपमेंट पर सरकार फोकस करे.

क्या हैं मारवाड़ की उम्मीदें, सुनिए... (ETV Bharat Jodhpur)

कॉरपोरेट टैक्स बढ़े : उद्यमियों का कहना है कि कॉरपोरेट इनकम टैक्स बहुत कम है. सिर्फ 15 ​फीसदी है, जबकि व्यक्गित, पार्टनरशिप कंपनियों का टैक्स 30 फीसदी है. अगर इसे भी कॉरपोरेट के बराबर कर दिए जाए तो लोग उद्योग लगाने के लिए प्रेरित होंगे. इससे रोजगार सृजन में मदद मिलेगी. केंद्र सरकार से यह भी अपेक्षा है कि स्किल सेंटर स्थापित हों, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार हो. साथ ही सरकारी खरीद में एमएसएमई को बढ़ावा देने की मांग है, साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन भी बढ़ाना चाहिए.

सोलर उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत : पश्चिमी राजस्थान में बड़े-बड़े सोलर प्लांट लग रहे हैं, लेकिन अभी भी सरकार की सब्सिडी के बावजूद आमजन इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. सोलर में निवेश को लेकर सरकार की कई बाध्याताएं अभी भी लागू हैं. ऐसे में सरकार को इस पर पूरी रोक लगानी चाहिए, जिससे व्यक्ति अपनी आवश्यकता के अनुरूप उत्पादन कर सके. साथ ही रियायत बढाने की जरूरत है. यह बिजली में आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है.

पढ़ें : केंद्रीय बजट से आस: किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाए मोदी सरकार, केसीसी का हो सरलीकरण - UNION BUDGET 2025

हैंडीक्राफ्ट के लिए विशेष पैकेज : हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी एवं राजस्थान लघु उद्योग विकास निगम के पूर्व निदेशक डॉ. अजय शर्मा का कहना है कि हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्रीज मरवाड़ का सबसे बड़ा उद्योग है, लेकिन विगत समय से इसको सहयोग की दरकार है. सरकार को चाहिए कि हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर को मिलने वाले इंसेंटिव वापस शुरू करे, जिससे वे विश्व के प्रतिस्पर्धा बाजार में बना रह सके. बजट में इस वर्ग के लिए विशेष पैकेज की जरूरत है, जिससे चीन के साथ मुकाबला किया जा सके.

रिफाइनरी से मिलेगा रोजगार : बाड़मेर जिले में रिफाइनरी का काम जोरों पर है. इस वर्ष पूरा होने की उम्मीद है. केंद्र सरकार रिफाइनरी को ध्यान में रखकर नई योजनाएं बनाए, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ सके. रिफाइनरी के खास तौर से बाय प्रोडक्ट के लिए पॉलिसी बनानी है, जिससे रिफाइनरी शुरू होने के साथ-साथ उसके सह उपात्द से जुड़े उद्योग स्थापित हो सकें, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होने की संभावना है.

पर्यटन को लेगेंहे पंख तो बनेगी बात : केंद्र में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हैं. पश्चिमी राजस्थान में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. क्षेत्र में नए टूरिज्म सर्किट की जरूरत है, जिससे देशी-विदेशी पर्यटक दो से तीन दिन रुक सकें. जोधपुर के अलावा आस-पास के क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के अलावा क्षेत्र की ऐतिहासिक कलाकृतियों को संरक्षित कर कई प्वाइंट विकसित किए जा सकते हैं.

जोधपुर: मोदी 0.3 का पहला पूर्ण बजट 1 फरवरी को आ रहा है, जिससे देश को काफी उम्मीदें हैं. राजस्थान के लोगों को भी मोदी सरकार से इस बार ज्यादा उम्मीदें इसलिए हैं, क्योंकि अब ​डबल इंजन की सरकार है. इसमें भी खास तौर से पश्चिमी राजस्थान (मारवाड़) के लोगों को भी उम्मीदें इस बजट से बंधी हैं. इनमें खास तौर से उद्योगों के लिए विशेष नीति, रिफाइनरी शुरू हो तो रोजगार, पर्यटन को बढावा मिले, साथ ही मारवाड़ की देश के अन्य भागों से रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग लंबे समय चल रही है. ऐसे में इस बजट से मारवाड़ के लोगों की बड़ी उम्मीदें हैं.

पिछले बजट में एमएसएमई को ​आगे बढाने के लिए सरकार ने गत बार वादा किया था, क्योंकि इसी सेक्टर में सर्वाधिक रोजगार सृजित होता है. मरुधारा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर राज चोपड़ा का कहना है कि एमएसएमई से आत्मनिर्भर भारत को मजबूती मिल सकती है. ऐसे में हमारी अपेक्षा है कि इसके लिए सरलीकरण करना जरूरी है. साथ ही इस क्षेत्र में स्टार्टअप आए, इसको लेकर सरकार को पॉलिसी जारी करनी चाहिए. चोपड़ा ने बताया कि 10 लाख तक की आय अगर टैक्स फ्री हो तो ज्यादा फायदा होगा. जीएसटी में सरलीकरण की जाए. लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने बताया कि हमने जीएसटी की स्लैब बढ़ाने की मांग की है. बजट को लेकर हमने वित्त मंत्री को सुझाव ​भी दिए हैं. हमारी मांग है कि एमएसएमई को मजबूती मिले, साथ ही स्किल डेवलपमेंट पर सरकार फोकस करे.

क्या हैं मारवाड़ की उम्मीदें, सुनिए... (ETV Bharat Jodhpur)

कॉरपोरेट टैक्स बढ़े : उद्यमियों का कहना है कि कॉरपोरेट इनकम टैक्स बहुत कम है. सिर्फ 15 ​फीसदी है, जबकि व्यक्गित, पार्टनरशिप कंपनियों का टैक्स 30 फीसदी है. अगर इसे भी कॉरपोरेट के बराबर कर दिए जाए तो लोग उद्योग लगाने के लिए प्रेरित होंगे. इससे रोजगार सृजन में मदद मिलेगी. केंद्र सरकार से यह भी अपेक्षा है कि स्किल सेंटर स्थापित हों, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार हो. साथ ही सरकारी खरीद में एमएसएमई को बढ़ावा देने की मांग है, साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन भी बढ़ाना चाहिए.

सोलर उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत : पश्चिमी राजस्थान में बड़े-बड़े सोलर प्लांट लग रहे हैं, लेकिन अभी भी सरकार की सब्सिडी के बावजूद आमजन इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. सोलर में निवेश को लेकर सरकार की कई बाध्याताएं अभी भी लागू हैं. ऐसे में सरकार को इस पर पूरी रोक लगानी चाहिए, जिससे व्यक्ति अपनी आवश्यकता के अनुरूप उत्पादन कर सके. साथ ही रियायत बढाने की जरूरत है. यह बिजली में आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है.

पढ़ें : केंद्रीय बजट से आस: किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाए मोदी सरकार, केसीसी का हो सरलीकरण - UNION BUDGET 2025

हैंडीक्राफ्ट के लिए विशेष पैकेज : हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी एवं राजस्थान लघु उद्योग विकास निगम के पूर्व निदेशक डॉ. अजय शर्मा का कहना है कि हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्रीज मरवाड़ का सबसे बड़ा उद्योग है, लेकिन विगत समय से इसको सहयोग की दरकार है. सरकार को चाहिए कि हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर को मिलने वाले इंसेंटिव वापस शुरू करे, जिससे वे विश्व के प्रतिस्पर्धा बाजार में बना रह सके. बजट में इस वर्ग के लिए विशेष पैकेज की जरूरत है, जिससे चीन के साथ मुकाबला किया जा सके.

रिफाइनरी से मिलेगा रोजगार : बाड़मेर जिले में रिफाइनरी का काम जोरों पर है. इस वर्ष पूरा होने की उम्मीद है. केंद्र सरकार रिफाइनरी को ध्यान में रखकर नई योजनाएं बनाए, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ सके. रिफाइनरी के खास तौर से बाय प्रोडक्ट के लिए पॉलिसी बनानी है, जिससे रिफाइनरी शुरू होने के साथ-साथ उसके सह उपात्द से जुड़े उद्योग स्थापित हो सकें, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होने की संभावना है.

पर्यटन को लेगेंहे पंख तो बनेगी बात : केंद्र में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हैं. पश्चिमी राजस्थान में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. क्षेत्र में नए टूरिज्म सर्किट की जरूरत है, जिससे देशी-विदेशी पर्यटक दो से तीन दिन रुक सकें. जोधपुर के अलावा आस-पास के क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के अलावा क्षेत्र की ऐतिहासिक कलाकृतियों को संरक्षित कर कई प्वाइंट विकसित किए जा सकते हैं.

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