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1072 दिनों के आंदोलन के बाद आत्मदाह पर उतरे आश्रित, नगर आयुक्त के आश्वासन के बाद माने - 1072 DAYS OF MOVEMENT

धनबाद में अनुकंपा बहाली की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे झामाडा कर्मचारियों के आश्रितों का आंदोलन जारी है.

1072 DAYS OF MOVEMENT
अनुकंपा बहाली की मांग को लेकर आंदोलनकारियों ने आत्मदाह की धमकी दी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 29, 2025, 7:48 PM IST

धनबाद: पिछले 1072 दिनों से झामाडा में अनुकंपा बहाली की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे आश्रितों के सब्र का बांध टूट गया. बुधवार को 50 से अधिक आश्रित धरना स्थल पर आत्मदाह करने पहुंचे. इस दौरान आश्रितों ने हाथों में पेट्रोल लेकर झामाडा और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं आत्मदाह की जानकारी पर जिला प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड में थी. झामाडा कार्यालय में मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति के साथ ही पुलिस बल तैनात कर दिया गया था.

सुरक्षा के दृष्टिकोण से 108 एम्बुलेंस के साथ दमकल की गाड़ी भी पहुंच गई. मौके पर नारेबाजी कर रहे आश्रितों को मजिस्ट्रेट नारायण राम भी समझाने बुझाने की कोशिश करने लगे. वहीं आंदोलनकारियों में मो अजहर अंसारी की माने तो आत्मदाह की चेतावनी दस दिन पहले दी गई थी. इसके बावजूद प्रबंधन ने कोई उचित कदम नहीं उठाया. उन्होंने बताया कि आज जिला प्रशासन और झामाडा प्रबंधन की लापरवाही के कारण ही हम आंदोलन को मजबूर हुए.

उन्होंने कहा कि झामाडा पिछले 4 वर्षों से अनुकंपा बहाली नहीं कर रहा है. चार दर्जन से अधिक आश्रितों के द्वारा बीते 22 फरवरी 2022 से लगातार नियुक्ति की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है.

बावजूद इसके प्रबंध निदेशक द्वारा नियुक्ति का झूठा आश्वासन दिया जा रहा है. 15 अक्टूबर 2024 को भी आत्मदाह करने की घोषणा के बाद झामाडा प्रबंधन जिला प्रशासन और आश्रितों के बीच वार्ता कर नियुक्ति से संबंधित सकारात्मक पत्र 10 दिनों के भीतर नगर विकास में भेजने की स्वीकृति पर सहमति बनी थी.

सकारात्मक वार्ता के बाद आत्मदाह की घोषणा टाल दी गयी थी, लेकिन प्रबंधन के द्वारा हमें फिर एक बार ठगा गया. इसलिए अब कोई मोहलत नहीं दी जायेगी. आज के आज ही हम सभी को निर्णय अवगत कराना है नहीं तो आत्मदाह का कार्यक्रम जारी रखेंगे. फिलहाल झामाडा प्रबंधन के द्वारा आंदोलनरत आश्रितों के साथ एक बार फिर वार्ता की जा रही है.

दूसरी तरफ झामाडा के प्रभार में चल रहे रविराज शर्मा ने मीडिया को बताया कि इन सभी की मांग से सरकार को अवगत करा दिया गया है. सरकार की तरफ से जैसे ही कोई निर्देश प्राप्त होता है, आगे इन लोगों को जानकारी दे दी जायेगी. फिलहाल 4 फरवरी तक की और मोहलत मांगी गई है.

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सुरक्षा के दृष्टिकोण से 108 एम्बुलेंस के साथ दमकल की गाड़ी भी पहुंच गई. मौके पर नारेबाजी कर रहे आश्रितों को मजिस्ट्रेट नारायण राम भी समझाने बुझाने की कोशिश करने लगे. वहीं आंदोलनकारियों में मो अजहर अंसारी की माने तो आत्मदाह की चेतावनी दस दिन पहले दी गई थी. इसके बावजूद प्रबंधन ने कोई उचित कदम नहीं उठाया. उन्होंने बताया कि आज जिला प्रशासन और झामाडा प्रबंधन की लापरवाही के कारण ही हम आंदोलन को मजबूर हुए.

उन्होंने कहा कि झामाडा पिछले 4 वर्षों से अनुकंपा बहाली नहीं कर रहा है. चार दर्जन से अधिक आश्रितों के द्वारा बीते 22 फरवरी 2022 से लगातार नियुक्ति की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है.

बावजूद इसके प्रबंध निदेशक द्वारा नियुक्ति का झूठा आश्वासन दिया जा रहा है. 15 अक्टूबर 2024 को भी आत्मदाह करने की घोषणा के बाद झामाडा प्रबंधन जिला प्रशासन और आश्रितों के बीच वार्ता कर नियुक्ति से संबंधित सकारात्मक पत्र 10 दिनों के भीतर नगर विकास में भेजने की स्वीकृति पर सहमति बनी थी.

सकारात्मक वार्ता के बाद आत्मदाह की घोषणा टाल दी गयी थी, लेकिन प्रबंधन के द्वारा हमें फिर एक बार ठगा गया. इसलिए अब कोई मोहलत नहीं दी जायेगी. आज के आज ही हम सभी को निर्णय अवगत कराना है नहीं तो आत्मदाह का कार्यक्रम जारी रखेंगे. फिलहाल झामाडा प्रबंधन के द्वारा आंदोलनरत आश्रितों के साथ एक बार फिर वार्ता की जा रही है.

दूसरी तरफ झामाडा के प्रभार में चल रहे रविराज शर्मा ने मीडिया को बताया कि इन सभी की मांग से सरकार को अवगत करा दिया गया है. सरकार की तरफ से जैसे ही कोई निर्देश प्राप्त होता है, आगे इन लोगों को जानकारी दे दी जायेगी. फिलहाल 4 फरवरी तक की और मोहलत मांगी गई है.

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