गिरिडीहः किसी मुद्दे पर मुखर होकर बोलने की वजह से एक शख्स का न सिर्फ अपहरण कर लिया बल्कि बेरहमी से उसकी हत्या कर बिहार के सिमुलतला में फेंक दिया गया. इस घटना का उद्भेदन खोरी महुआ के एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में गिरिडीह पुलिस ने किया है. कांड में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि शव को बरामद करते हुए हत्या में प्रयुक्त गमछा और धारदार हथियार को भी बरामद कर लिया गया है. इसकी पुष्टि एसडीपीओ ने की है.
बताया जाता है कि तिसरी थाना इलाके के सिंघो निवासी बलदेव यादव का 42 वर्षीय पुत्र विजय यादव सोमवार की देर शाम से लापता हो गया. लापता होने की सूचना दूसरे दिन पुलिस को दी गई. वहीं युवक का अपहरण करने और उसकी हत्या किए जाने की आशंका व्यक्त करते हुए बुधवार को जिला परिषद सदस्य राजकुमार राउत और मुखिया हासिम अंसारी के नेतृत्व में लोग सड़क पर उतर आए. लोगों ने गावां - गिरिडीह मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. जानकारी पर एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद पहुंचे. यहां लोगों से बात की. बताया गया कि रंजिश में गांव के ही रिश्तेदार सूरज यादव के पुत्र बाबूचंद यादव ने अन्य लोगों के साथ मिलकर विजय का अपहरण किया है और हत्या कर दी है.
धराये चार युवकों ने कबूला जुर्म
मामले की सूचना एसपी डॉ बिमल को दी गई. पूरी जानकारी मिलते ही एसपी ने तुरंत ही खोरीमहुआ एसडीपीओ के नेतृत्व में टीम का गठन किया. टीम ने छापेमारी शुरू की. फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट के साथ खोजी कुत्ते का सहारा लेते हुए छानबीन की जाने लगी. पुख्ता जानकारी मिलते ही पवन यादव, बाबूचंद यादव, मनोज यादव तथा अरुण शर्मा नामक लोगों को गिरफ्तार किया गया. चारों से पूछताछ हुई तो सभी ने जुर्म कबूल कर लिया. पूछताछ में बताया कि उनलोगों ने ही पहले विजय को शराब पिलायी फिर जबरन बोलेरो में लादकर बिहार की तरफ ले गए. इस दौरान गमछा से विजय का गला दबा दिया गया फिर तलवार से वारकर जान ले ली गई और शव को सिमुलतला में फेंक दिया.
बिहार गई टीम, शव को किया जब्त
पूछताछ के बाद चारों को लेकर गिरिडीह पुलिस की टीम बिहार के जमुई जिले के सिमतुला पहुंची. यहां शव को जब्त किया. वहीं जिस गमछा से गला घोटा गया था और जिस हथियार से हमला किया गया था उसे भी बरामद किया.
पुरानी रंजिश में की गई हत्या : एसडीपीओ
खोरी महुआ एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि किसी बात को लेकर गिरफ्तार चारों अभियुक्तों की दुश्मनी विजय से थी. ऐसे में ये लोग विजय को रास्ते से हटाना चाहते थे. ऐसे में साजिश रची गई फिर विजय को शराब पिलायी गई. इसके बाद उसका अपहरण कर हत्या की घटना को अंजाम दिया गया.
क्या कहते हैं परिजन
हत्या की घटना के बाद मृतक की पत्नी गीता देवी और घर के अन्य सदस्यों का रो - रोकर बुरा हाल बना हुआ है. गीता देवी कहती हैं उसके पति के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. वहीं गांव के बिरेंद्र यादव ने कहा कि विजय मुखर था और गलत का विरोध करता था. इसी वजह से विजय को मार डाला गया.
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