देहरादून/रुद्रप्रयाग: शुक्रवार को न्यूनतम मासिक वेतन 26 हजार रुपए घोषित किए जाने समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया. देहरादून में भी गांधी पार्क से जिला अधिकारी कार्यालय तक रैली निकाली गई. इस रैली में आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका मिनी कर्मचारी संगठन,सीटू,सीपीआई, इंटक,एटक, कांग्रेस जैसे विभिन्न संगठन शामिल हुए.
शुक्रवार को सभी कार्यकर्ता गांधी पार्क में एकत्रित हुये. यहां से जिलाधिकारी कार्यालय तक रैली निकाली. इसके बाद एसडीएम के माध्यम से भारत सरकार को ज्ञापन भेजा गया. बता दें केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर होने वाली श्रमिकों की हड़ताल को सफल बनाने के लिए सीटू से जुड़ी सभी यूनियनों ने हड़ताल की. सीपीआई के राज्य सचिव समर भंडारी ने कहा करोड़ों मजदूरों का आक्रोश इस बात को लेकर है कि 44 कानून मजदूरों ने लंबे संघर्ष के बाद हासिल किए थे, लेकिन केंद्र सरकार उन कानूनों को समाप्त करके नए बिल आ रही है जो कॉर्पोरेट के हितों में है.
उन्होंने कहा सरकार मजदूरों की कमर तोड़ रही है. इसी के विरोध में आज हड़ताल का आह्वान किया गया है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार इस देश की अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी कहे जाने वाले सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण करने की दिशा में जा रही है.जिससे उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा है. उन्होंने चाय बागान के श्रमिकों को भूमि का मालिकाना हक दिए जाने की भी मांग उठाई.
इधर आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका मिनी कर्मचारी संगठन उत्तराखंड की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपने मानदेय को लेकर उत्तराखंड सरकार से बार-बार आग्रह करती आ रही हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने सरकार से 600 रुपये प्रति दिन के हिसाब से 18000 रुपए मानदेय दिये जाने, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को रिटायर होने पर दो लाख रुपए दिए जाने समेत अपनी प्रमुख मांगे उठाई.