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डीटीसी कर्मचारियों का प्रदर्शन, कहा- कम वेतन में नहीं चला पा रहे परिवार, नौकरी छोड़ने को मजबूर

दिल्ली में आज डीटीसी कर्मचारी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कम वेतन में नहीं चला पा रहे परिवार

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

डीटीसी कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी
डीटीसी कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी (ETV Bharat)

नई दिल्ली: आईपी डिपो स्थित दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) के मुख्यालय पर सैकड़ों कर्मचारी बुधवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक चलेगा, जिसमें डीटीसी के चालक-परिचालक व अन्य कर्मचारी शामिल हुए हैं. इन कर्मचारियों ने बताया कि कम वेतन मिलने के कारण वह अपना परिवार नहीं चला पा रहे हैं. वह अपने बच्चों की स्कूल की फीस भी नहीं जमा कर पा रहे. इसके अलावा कर्मचारियों का तबादला दूर-दूर कर दिया जा रहा है, जिससे वह काफी परेशान हैं. आरोप है कि उन्हें नौकरी छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है.

डीटीसी कर्मचारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वह करीब 14 साल से कॉन्ट्रैक्ट बेस पर नौकरी कर रहे हैं. अभी तक उन्हें परमानेंट नहीं किया गया है. उन्हें 816 रुपए प्रतिदिन का वेतन मिलता है, लेकिन इतने पैसों से घर नहीं चलता. हम परमानेंट नौकरी की मांग कर रहे हैं. वहीं डीटीसी में कंडक्टर आशीष ने कहा कि 15 साल से लोग संविदा पर नौकरी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक परमानेंट नहीं किया गया. जो वेतन 816 रुपए प्रतिदिन मिलता है, वह करीब 1500 होना चाहिए. साथ ही टीए और डीए भी मिलना चाहिए.

मिले समान वेतन: उनके अलावा डीटीसी में चालक सुरेश कुमार ने कहा, वेतन इतना काम है कि हम अपने बच्चों की फीस तक नहीं जमा कर पा रहे हैं. बच्चों को हम उनकी पसंद का खाना भी नहीं खिला पाते हैं. हम संविदाकर्मी, स्थाई कर्मचारियों से ज्यादा काम करते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी वेतन कम मिलता है. उधर डीटीसी में चालक ललित ने कहा कि समान कार्य के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. या तो कर्मचारियों को परमानेंट किया जाए. वहीं डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के महासचिव मनोज शर्मा ने कहा कि हमारी मांग समान काम समान वेतन है. साथ ही उन चालकों का भविष्य सुनिश्चित किया जाए जो 20 से 25 साल से यहां काम कर रहे हैं.

इन डिपो से बसों का संचालन बंद: दिल्ली में 2,000 इलेक्ट्रिक बसें विभिन्न डिपो से संचालित की जाती है. रोहिणी और बुराड़ी डिपो से संचालित की जाने वाली इलेक्ट्रिक बसों के चालकों को पिछले कई महीने से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में उन्होंने पूरी तरह से काम बंद कर दिया है. यूनियन के महासचिव मनोज शर्मा ने बताया कि चालक सड़क पर बस लेकर नहीं निकल रहे. ऐसे में सड़कों पर बसों की कमी देखी जा रही है और इसका असर यात्रियों पर पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें- DTC बस मार्शलों की बहाली पर सियासी बवाल, जानिए क्या है समाधान की संभावनाएं

दिल्ली सरकार पर कर्मचारियों ने साधा निशाना: डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के बैनर तले कर्मचारी डीटीसी मुख्यालय पर सुबह 10 बजे से प्रदर्शन कर रहे हैं. यह प्रदर्शन शाम के पांच बजे तक चलेगा. मंच से यूनियन के पदाधिकारी ने कहा कि दिल्ली सरकार से कई बार कर्मचारियों के हितों के बारे में बात करने का प्रयास किया गया. इसके अलावा पत्राचार भी किया गया, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में हम एक बार फिर प्रदर्शन और ज्ञापन के जरिए अपनी मांगों को अधिकारियों और दिल्ली सरकार के सामने रख रहे हैं.

यह भी पढ़ें- डीटीसी कर्मचारियों का प्रदर्शन से बसों के संचालन पर पड़ सकता है असर

नई दिल्ली: आईपी डिपो स्थित दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) के मुख्यालय पर सैकड़ों कर्मचारी बुधवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक चलेगा, जिसमें डीटीसी के चालक-परिचालक व अन्य कर्मचारी शामिल हुए हैं. इन कर्मचारियों ने बताया कि कम वेतन मिलने के कारण वह अपना परिवार नहीं चला पा रहे हैं. वह अपने बच्चों की स्कूल की फीस भी नहीं जमा कर पा रहे. इसके अलावा कर्मचारियों का तबादला दूर-दूर कर दिया जा रहा है, जिससे वह काफी परेशान हैं. आरोप है कि उन्हें नौकरी छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है.

डीटीसी कर्मचारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वह करीब 14 साल से कॉन्ट्रैक्ट बेस पर नौकरी कर रहे हैं. अभी तक उन्हें परमानेंट नहीं किया गया है. उन्हें 816 रुपए प्रतिदिन का वेतन मिलता है, लेकिन इतने पैसों से घर नहीं चलता. हम परमानेंट नौकरी की मांग कर रहे हैं. वहीं डीटीसी में कंडक्टर आशीष ने कहा कि 15 साल से लोग संविदा पर नौकरी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक परमानेंट नहीं किया गया. जो वेतन 816 रुपए प्रतिदिन मिलता है, वह करीब 1500 होना चाहिए. साथ ही टीए और डीए भी मिलना चाहिए.

मिले समान वेतन: उनके अलावा डीटीसी में चालक सुरेश कुमार ने कहा, वेतन इतना काम है कि हम अपने बच्चों की फीस तक नहीं जमा कर पा रहे हैं. बच्चों को हम उनकी पसंद का खाना भी नहीं खिला पाते हैं. हम संविदाकर्मी, स्थाई कर्मचारियों से ज्यादा काम करते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी वेतन कम मिलता है. उधर डीटीसी में चालक ललित ने कहा कि समान कार्य के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. या तो कर्मचारियों को परमानेंट किया जाए. वहीं डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के महासचिव मनोज शर्मा ने कहा कि हमारी मांग समान काम समान वेतन है. साथ ही उन चालकों का भविष्य सुनिश्चित किया जाए जो 20 से 25 साल से यहां काम कर रहे हैं.

इन डिपो से बसों का संचालन बंद: दिल्ली में 2,000 इलेक्ट्रिक बसें विभिन्न डिपो से संचालित की जाती है. रोहिणी और बुराड़ी डिपो से संचालित की जाने वाली इलेक्ट्रिक बसों के चालकों को पिछले कई महीने से वेतन नहीं मिला है. ऐसे में उन्होंने पूरी तरह से काम बंद कर दिया है. यूनियन के महासचिव मनोज शर्मा ने बताया कि चालक सड़क पर बस लेकर नहीं निकल रहे. ऐसे में सड़कों पर बसों की कमी देखी जा रही है और इसका असर यात्रियों पर पड़ रहा है.

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दिल्ली सरकार पर कर्मचारियों ने साधा निशाना: डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के बैनर तले कर्मचारी डीटीसी मुख्यालय पर सुबह 10 बजे से प्रदर्शन कर रहे हैं. यह प्रदर्शन शाम के पांच बजे तक चलेगा. मंच से यूनियन के पदाधिकारी ने कहा कि दिल्ली सरकार से कई बार कर्मचारियों के हितों के बारे में बात करने का प्रयास किया गया. इसके अलावा पत्राचार भी किया गया, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में हम एक बार फिर प्रदर्शन और ज्ञापन के जरिए अपनी मांगों को अधिकारियों और दिल्ली सरकार के सामने रख रहे हैं.

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