जयपुर: बीते साल 2023 में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने छात्र संघ चुनाव पर रोक लगा दी थी. इसके बाद सभी छात्र संगठनों ने करीब एक महीने तक आंदोलन किया और उसके बाद नई सरकार के आने का इंतजार किया, ताकि छात्र संघ चुनाव बहाल हो सके. छात्रों ने कहा कि चुनाव के दौरान बीजेपी ने ऐलान भी किया था कि यदि सत्ता में आते हैं तो छात्रों के राजनीति की पहली सीढ़ी छात्र संघ चुनाव को शुरू भी किया जाएगा. हालांकि, सरकार बने करीब 8 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक छात्र संघ चुनाव को लेकर किसी तरह का फैसला नहीं लिया गया. रही सही कसर उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा के बयान ने पूरी कर दी. इसके बाद से छात्रों में रोष है.
छात्रों का यही रोष मंगलवार को विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर नजर आया, जहां छात्रों ने पहले प्रदर्शन करते हुए पुलिस प्रशासन को 1 घंटे का समय दिया, ताकि वो सरकार के किसी भी नुमाइंदे से उनकी वार्ता करा दें. लेकिन समय बीतता गया तो छात्रों ने आंदोलन को तेज करते हुए पहले एडम ब्लॉक, फिर कुलपति सचिवालय और अन्य प्रशासनिक भवनों को बंद करते हुए विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर टायर फूंका और गेट पर चढ़ गए. वहीं, कुछ छात्र मुख्य द्वार से बाहर निकल कर सड़कों पर आए तो पुलिस प्रशासन ने बल प्रयोग करते हुए इन छात्रों को अधर उठाकर पुलिस वैन में डाल दिया और करीब 15 छात्रों को हिरासत में लिया. इस दौरान कुछ छात्रों के चोट भी आई. वहीं, छात्रों को फिलहाल मालवीय नगर थाने में रखा गया है.
वहीं, आंदोलनरत छात्रों ने बताया कि सरकार और प्रशासन छात्र संघ चुनाव कराने की मांग पर मौन बनी हुई है. हर बार पुलिस प्रशासन को आगे कर दिया जाता है, लेकिन पुलिस की लाठियों से अब वो घबराने वाले नहीं है. जब तक सरकार छात्र संघ चुनाव को शुरू नहीं कर देती, तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा.
मुंह काला कर साथियों को रिहा करने की मांग : छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे 15 छात्रों को पुलिस प्रशासन ने हिरासत में लिया. हिरासत में लिए गए छात्रों को रिहा करने की मांग को लेकर विश्वविद्यालय में आंदोलन कर रहे छात्रों ने मुंह काला और जमीन पर लेट कर अपने साथियों को रिहा करने की मांग की.