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दिल्ली के जामिया में CAA विरोधी प्रदर्शनऔर पुलिस कार्रवाई की बरसी पर हुई नारेबाजी - JAMIA STUDENTS PROTEST

वर्ष 2019 में सीएए विरोधी प्रदर्शन की 5वीं बरसी के एक दिन बाद जामिया में लगे नारे.

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CAA विरोधी प्रदर्शन की बरसी पर जामिया में नारेबाजी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 17, 2024, 10:32 AM IST

Updated : Dec 17, 2024, 1:06 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राजधानी में स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के परिसर में एक बार फिर नारेबाजी की घटना हुई है. दरअसल, यह घटना 2019 में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों और परिसर में पुलिस कार्रवाई की पांचवीं बरसी के एक दिन बाद हुई है.

इस प्रदर्शन के एक दिन पहले, 15 दिसंबर को जामिया विश्वविद्यालय ने कक्षाएं निलंबित कर दी थीं और लाइब्रेरी के साथ-साथ कैंटीन को भी बंद करने का नोटिस जारी किया गया था. विश्वविद्यालय के परिसर में किसी भी छात्र को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. इस फैसले पर वामपंथी समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर हमला किया था.

छात्र संगठन का आरोप: आइसा ने आरोप लगाया कि 2019 के सीएए विरोधी प्रदर्शनों और परिसर में पुलिस की बर्बरता के बारे में एक स्मरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था, लेकिन छात्रों की उपस्थिति को रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने रविवार की कक्षाएं निलंबित कर दीं और लाइब्रेरी को भी बंद कर दिया. जानकारी के अनुसार दिसंबर 2019 को सीएए/एनआरसी के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन के समय जामिया कैंपस के आसपास हिंसा हुई थी. इस घटना के खिलाफ सोमवार रात छात्रों ने नारेबाजी की.

आपको बता दें कि 15 दिसंबर 2019 को सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान जामिया कैंपस के आसपास हिंसा हुई थी. इसके विरोध में सोमवार रात को छात्रों ने नारेबाजी की. छात्रों ने "जामिया प्रशासन मुर्दाबाद", "संघी वीसी मुर्दाबाद", और "आरएसएस मुर्दाबाद", के नारे लगाए.

यह भी पढ़ें- DU की लॉ फैकल्टी में बवाल, पुलिस और छात्रों में जोरदार झड़प, परीक्षा की तारीख बढ़ाने की मांग कर रहे थे स्टूडेंट्स

यह भी पढ़ें- DU स्ट्रैटेजिक प्लान पर लगी मुहर, इन कॉलेजों में शुरू होंगे जापानी, कोरियाई और चीनी लैंग्वेज कोर्स

नई दिल्ली: दिल्ली की राजधानी में स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के परिसर में एक बार फिर नारेबाजी की घटना हुई है. दरअसल, यह घटना 2019 में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों और परिसर में पुलिस कार्रवाई की पांचवीं बरसी के एक दिन बाद हुई है.

इस प्रदर्शन के एक दिन पहले, 15 दिसंबर को जामिया विश्वविद्यालय ने कक्षाएं निलंबित कर दी थीं और लाइब्रेरी के साथ-साथ कैंटीन को भी बंद करने का नोटिस जारी किया गया था. विश्वविद्यालय के परिसर में किसी भी छात्र को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. इस फैसले पर वामपंथी समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर हमला किया था.

छात्र संगठन का आरोप: आइसा ने आरोप लगाया कि 2019 के सीएए विरोधी प्रदर्शनों और परिसर में पुलिस की बर्बरता के बारे में एक स्मरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था, लेकिन छात्रों की उपस्थिति को रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने रविवार की कक्षाएं निलंबित कर दीं और लाइब्रेरी को भी बंद कर दिया. जानकारी के अनुसार दिसंबर 2019 को सीएए/एनआरसी के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन के समय जामिया कैंपस के आसपास हिंसा हुई थी. इस घटना के खिलाफ सोमवार रात छात्रों ने नारेबाजी की.

आपको बता दें कि 15 दिसंबर 2019 को सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान जामिया कैंपस के आसपास हिंसा हुई थी. इसके विरोध में सोमवार रात को छात्रों ने नारेबाजी की. छात्रों ने "जामिया प्रशासन मुर्दाबाद", "संघी वीसी मुर्दाबाद", और "आरएसएस मुर्दाबाद", के नारे लगाए.

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Last Updated : Dec 17, 2024, 1:06 PM IST
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